घातक AK-203 असॉल्ट राइफल देश में बनेगी
नई दिल्ली. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की अगले माह होने वाली भारत यात्रा से पहले रक्षा मंत्रालय ने एक अहम डील को मंजूरी दे दी है. 5000 करोड़ रुपये की लागत वाली इस डील पर पुतिन की यात्रा के दौरान हस्ताक्षर हो सकते हैं. इस डील को मंजूरी मिल जाने के बाद रूस की मदद से उत्तर प्रदेश के अमेठी में एके-203 असॉल्ट राइफल का निर्माण हो सकेगा.
भारत और रूस इस डील पर कुछ साल पहले ही सहमत हो गए थे. हालांकि अब सबसे बड़ा मुद्दा तकनीक के ट्रांसफर का है. भारतीय सेना को फिलहाल 7.5 लाख असॉल्ट राइफल्स की जरूरत है. अमेठी में प्रस्तावित 7.5 लाख एके 203 असॉल्ट राइफल के निर्माण में शुरुआती 70 हजार राइफल में रूस में बनाए गए उपकरण लगाए जाएंगे. इसके बाद की सभी राइफल्स का निर्माण अमेठी में किया जाएगा. ये असॉल्ट राइफल प्रोडक्शन की शुरुआत होने के 32 महीने के बाद सेना को मिलना शुरू जाएंगी.
साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडो-रूस ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का उद्घाटन किया था जहां एके-203 का निर्माण जल्द शुरू होने की बात हुई थी. एके-203 दरअसल दुनिया की सबसे मशहूर असॉल्ट राइफल एके-47 का अपडेटेड वर्जन है.
एके-203 राइफल इस सीरीज की सबसे आधुनिक और घातक राइफल है. ये राइफल इंसास राइफल्स की तुलना में छोटी, हल्की और दुश्मन के लिए ज्यादा घातक है. इसके साथ ही इसका वजन भी काफी कम है. एके-203 राइफल का वजन 3.8 किलोग्राम है जबकि इसकी लंबाई 705 मिलिमीटर की है.
एके-203 अबतक की सबसे अपडेट राइफलों में से एक है. अपनी एक्युरैसी के लिए मशहूर एके-203, कंटवर्टेबल राइफल है. इसे सैमी ऑटोमेटिक और ऑटोमैटिक तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है. एके-47 सबसे बेसिक मॉडल है इसके बाद एके में 74, 56, 100 सीरीज, 200 सीरीज आ चुकी है.
एके-203 असॉल्ट राइफल में 7.62x39mm की बुलेट्स लगती हैं, जो इसे ज्यादा घातक बनाती हैं. इसके साथ ही इसकी रेंज 800 मीटर है. इसका मतलब यह हुआ कि इसकी मदद से दुश्मन को काफी दूर से ही मारकर गिराया जा सकता है. ये राइफल एक मिनट में 600 बुलेट्स दाग सकती है.