घर से एक टिफिन बॉक्स-बेडिंग लेकर निकले: अनिल अग्रवाल

मुंबई :अगर आपने कुछ कर दिखाने की ठानी है, तो यकीनन आपको मंजिल मिलेगी, बस इसके लिए आपको मजबूती के साथ पहला कदम उठाना होगा. वेदांता समूह के प्रमुख अनिल अग्रवाल की कामयाबी का भी यही राज है. जब वो बिहार से सपनों के शहर मुंबई आए थे, तो उनके पास सिर्फ एक टिफिन बॉक्स, एक बेड, आंखों में बड़े ख्वाब थे और साथ में था मजबूत इरादे. अनिल अग्रवाल उन चंद लोगों में से हैं, जो अपनी कामयाबी की कहानी खुद लिखी है. फोर्ब्स के अनुसार, आज उनके पास 3.6 बिलियन डॉलर की संपत्ति है.
15 फरवरी 2022 को अहले सुबह 4 बजकर 49 मिनट पर 67 साल के अनिल अग्रवाल ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर पुराने दिनों की यादें साझा करते हुए लिखा है, ‘करोड़ों लोग अपना भाग्य आजमाने मुंबई आते हैं, मैं भी उन्हीं में से एक था. मुझे आज भी याद है जिस दिन मैंने बिहार छोड़ा, मेरे हाथ में केवल एक टिफिन बॉक्स, बेडिंग और इसके साथ मेरी आंखों में सपने थे. मैं विक्टोरिया टर्मिनस स्टेशन पहुंचा और जिंदगी में पहली बार कई चीजों को देखा…’
उन्होंने आगे लिखा, ‘मैंने पहली बार काली-पीली टैक्सी, डबल डेकर बस और सपनों के शहर को देखा. इससे पहले मैंने इन सब चीजों को सिर्फ फिल्मों में देखा था. मैं हमेशा युवाओं को कड़ी मेहनता से काम करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं ताकि वो बुलंदियों को छू सकें. अगर आप मजबूत इरादे के साथ पहला कदम उठाएंगे, तो मंजिल मिलना तय है.’अनिल अग्रवाल बेहद विन्रम स्वभाव के हैं. रेडिफ पर प्रकाशित 2005 के एक इंटरव्यू में उन्होंने 1970 के दशक में 19 साल की उम्र में मुंबई आने की बात कही थी और कभी भी पटना वापस घर न जाने की बात बताई. उन्होंने याद करते हुए कहा, ‘यह पहली बार था जब मैं विमान में (छात्र रियायत पर) बैठा था और पूरी फ्लाइट में चुप रहा क्योंकि मैं अंग्रेजी में एक शब्द भी नहीं बोल सकता था.’
1970 के दशक में अनिल अग्रवाल ने मुंबई में कबाड़ की धातुओं की ट्रेडिंग शुरू की और 1980 के दशक में उन्होंने स्टारलाइट इंडस्ट्रीज की स्थापना की. यह कंपनी नब्बे के दशक में कॉपर को रिफाइन करने वाली देश की पहली प्राइवेट कंपनी बनी. यही कंपनी आगे चलकर वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड यानी वेदांता ग्रुप बन गई. आज के समय यह देश ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी खनन कंपनियों में से एक है