घर के मंदिर में रखें इतनी मूर्ति

सनातन धर्म: सनातन धर्म में प्रत्येक घर में एक मंदिर होना सामान्य बात है. उस मंदिर में कई मूर्तियां भी होती हैं लेकिन लोग अक्सर इस असमंजस में रहते हैं कि वहां पर कितनी मूर्तियां रखनी ठीक हैं. हालांकि अगर आप वास्तु शास्त्र पढ़ें तो वहां पर आपको इस सवाल का सटीक जवाब मिल जाएगा.
वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर के मंदिर में मूर्तियों की संख्या पर रोक नहीं है. हालांकि यह जरूर है कि किसी भी भगवान की 1 से ज्यादा मूर्ति नहीं रखनी चाहिए. अगर आपके पास एक से ज्यादा मूर्ति या तस्वीर हो तो उन्हें घर के दूसरे हिस्से में सम्मान के साथ रख दें. मंदिर में जो मूर्ति रखी जाएं, वे शांत स्वभाव और आशीर्वाद बरसाने वाली मुद्रा में हो. रौद्र रूपधारी मूर्तियों को घर के मंदिर में कभी नहीं रखनी चाहिए.
अगर कोई मूर्ति खंडित या पुरानी हो गई हो तो उनका किसी तालाब या नदी में विसर्जन कर दें. अगर ऐसा करना संभव न हों तो पास में कोई साफ जगह देखकर उन्हें सम्मान के साथ भूसमाधि दे दें.
वास्तु के अनुसार घर के मंदिर में रखी मूर्तियां कभी भी पीठ दिखाने वाली मुद्रा में नहीं रखनी चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना जाता है और इससे भगवान रुष्ट हो जाते हैं. इसके बजाय भगवान के सामने से चेहरा दिखने वाली मूर्तियां रखी जाएं. कोशिश करें कि मंदिर में रखी सभी मूर्तियों का आकार एक समान हो. मंदिर में असमान आकार की मूर्तियां रखने को अशुभ माना जाता है.
मंदिर में कुछ मूर्तियां स्थाई होती हैं, जबकि कुछ मूर्तियां बदलने वाली होती हैं. ऐसी मूर्तियों को हर साल दिवाली पर बदल देना चाहिए. बदलने के बाद पुरानी मूर्तियों को उचित विधि-विधान के साथ विदाई दे देनी चाहिए. जबकि नई मूर्तियों को पूर्ण सम्मान के साथ प्राण प्रतिष्ठा करके घर के मंदिर में स्थान देना चाहिए.
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