गाजियाबाद हादसे के मुख्य आरोपी ठेकेदार अजय त्यागी को भी पुलिस ने किया गिरफ्तार,
गाजियाबाद :ठेकेदार अजय त्यागी को भी सोमवार की शाम गिरफ्तार कर लिया गया। अजय त्यागी की गिरफ्तारी के लिए सोमवार दोपहर ही 25 हजार का इनाम घोषित करते हुए पांच टीमों को लगाया गया था। पुलिस के अनुसार अजय को गाजियाबाद के बाहर से गिरफ्तार किया गया है। मंगलवार को उसे अदालत में पेश किया जा सकता है।
दर्दनाक हादसे के बाद से ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी फास्ट हो गए थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी अधिकारियों को तत्काल दोषियों की गिरफ्तारी का निर्देश देते हुए अन्य कार्रवाई में तेजी का निर्देश दिया था। हादसे के कुछ घंटे बाद ही नगर पालिका मुरादनगर की ईओ निहारिका सिंह, जेई चंद्रपाल, सुपरवाइजर आशीष और ठेकेदार अजय त्यागी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। ठेकेदार को छोड़कर बाकि तीनों को गिरफ्तार भी कर लिया गया था।
फरार ठेकेदार अजय त्यागी के खिलाफ एसएसपी कलानिधि नैथानी ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया था। आरोपी की तलाश में पांच टीमें लगा दी गई थी। इनमें एक टीम मुरादनगर कोतवाल अमित कुमार के नेतृत्व में रविवार से ही काम कर रही थी। चार स्पेशल टीमों को और लगा दिया गया है। इसमें एसएसपी की क्राइम टीम, एसपी सिटी और एसपीआरए के क्राइम टीम के अलावा सर्विलांस टीम शामिल थी।
सोमवार की देर रात एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि पुलिस की स्पेशल टीम ने ठेकेदार अजय त्यागी को गैर जनपद से गिरफ्तार किया है। आरोपी को मंगलवार को गाजियाबाद की अदालत में पेश किया जाएगा।
रविवार की सुबह मुरादनगर के बंबा रोड स्थित श्मशान में बना नवनिर्मित बरामदा पहली बरसात में ही धराशायी हो गया था। हादसे के वक्त बरामदे में करीब 60 लोग मौजूद थे। इस हादसे में अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब इतने ही लोग घायल हैं। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसी समय ईओ, जेई और सुपरवाइजर को हिरासत में लेकर पूछताछ भी शुरू कर दी और सोमवार की सुबह करीब चार बजे इन्हें गिरफ्तार कर लिया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने नगर पालिका की अधिशासी अधिकारी समेत तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में 16 जनवरी तक जेल भेजने के आदेश दिया।
पुलिस ने सोमवार को अदालत में पेश करने से पहले करीब साढ़े 11 बजे जिला अस्पताल में तीनों आरोपियों का चिकित्सा परीक्षण कराया। दोपहर लंच काल के बार करीब तीन बजे तीनों को मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में 16 जनवरी तक के लिए डासना जेल भेज दिया। पुलिस की ओर से रिमांड नहीं मांगी गई। अधिवक्ताओं की ओर से सोमवार को जमानत प्रार्थनापत्र भी नहीं दी गई।
गाजियाबाद। मुरादनगर नगर पालिका की अधिशासी अधिकाशी निहारिका सिंह को अदालत में पेश करने के वक्त उनके अधिवक्ता ने गिरफ्तार पर सवाल उठाए। सिसौदिया ने अदालत से कहा कि रातोंरात पालिका प्रमुख अधिकारी निहारिका सिंह की गिरफ्तारी किस आधार पर गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने मुकदमा के चंद घंटों बाद ही रातोंरात लापरवाही या भ्रष्टाचार का कौन सा साक्ष्य जुटा लिए? इसके आधार पर बिना किसी जांच के अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके जवाब में पुलिस की ओर से अभियोजन अधिकारी ने दलील दी कि उक्त अधिकारी नगर पालिकी की प्रभारी है। उनके हस्ताक्षर से श्मशान के लेंटर का टेंडर स्वीकृत गया है। इसी आधार पर उन्हें आरोपी माना गया। इस पर अधिवक्ता ने कहा कि अधिशासी अधिकारी के हस्ताक्षर हुए हैं। लेकिन उनकी जिम्मेदारी मौके पर जाकर निर्माण कार्य कराना नहीं है। इसकी जांच होने के बाद ही किसी को आरोपी बनाना चाहिए था? इन दलीलों के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने महिला आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।