गांधी-नेहरू परिवार के गढ़ में अलग रंग में दिख रहे; भाजपा और सपा दबदबे को कायम !!

गांधी-नेहरू परिवार के गढ़ में यह विधानसभा चुनाव एक अलग रंग में दिख रहा है। यहां कांग्रेस अपने वजूद को बचाने की लड़ाई लड़ रही है तो भाजपा और सपा अपने दबदबे को कायम रखने की जुगत में लगे हैं। चार विधानसभा वाले जिले में चुनाव जमीनी मुद्दों और बड़े नामों के बीच उलझ कर रह गया है। लोग सड़क, रोजगार और आवारा पशुओं के मुद्दों को लेकर मुखर हैं तो वहीं एक वर्ग राम मंदिर, राशन और सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं का भी गुणगान करता फिर रहा है। आखिर में मुद्दा नेता से नजदीकी और उसकी ऊंची पहुंच पर आकर ठहर रहा है।
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अमेठी विधानसभा की राजनीति यहां के राजघराने के इर्द-गिर्द घूमती रही है। यहां के रामनगर में बना भूपति भवन अमेठी की सांस्कृतिक धरोहर के रूप में है। रामनगर से सटे छावनी गांव के निवासी जमुना मटियारी कहते हैं कि भाजपा ने डॉ. संजय सिंह और कांग्रेस ने आशीष शुक्ला को मैदान में उतारकर चुनाव को रोचक बना दिया है। अब चुनाव मुद्दों के बजाय चेहरों पर आ गया है।
घूसखोरी और आवारा पशुओं से परेशान
भादर के ऋषभ तिवारी कहते हैं कि लोग घूसखोरी और आवारा पशुओं से परेशान हैं। भादर के ही कुछ लोगों का अलग दर्द है। यह 22 गांवों को सुल्तानपुर जिले में शामिल कराने की बात कर रहे हैं और कहते हैं हमारा वोट उसी को जाएगा जो हमारे मुद्दे की बात करेगा। पिछली बार अमेठी विधानसभा से भाजपा की गरिमा सिंह विधायक बनीं। इस बार पार्टी ने उनका टिकट काट दिया है और डा. संजय सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है। सपा के उम्मीदवार गायत्री प्रसाद प्रजापति की पत्नी महाराजी देवी हैं। राजेश प्रजापति कहते हैं कि मंत्री जी के साथ अन्याय हुआ है। जनता अपने वोट से न्याय करेगी। यहां फिलहाल त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है।
गौरीगंज में सपा-भाजपा आमने सामने
गौरीगंज अमेठी जिले का जिला मुख्यालय है। कलेक्ट्रेट के बाहर चाय की दुकान चलाने वाले रामदेव जायसवाल कहते हैं कि यहां से फिर से सपा के राकेश प्रताप सिंह जीतेंगे। कारण बताते हैं कि विधायक हर सुख दुख में शामिल रहते हैं। बगल स्टांप वेंडर का काम करने वाले राकेश सिंह के भी यही विचार हैं। अविनाश पांडे कहते हैं इस बार परिवर्तन होगा। योगी-मोदी ने काम किया है। मिश्रौली गांव के राकेश कुमार कहते हैं कि आवारा पशु को छोड़कर बाकी काम ठीक हैं। कांग्रेस ने यहां फतेह बहादुर को जबकि बसपा ने राम लखन शुक्ला को उम्मीदवार बनाया है। यहां मामला भाजपा और सपा के बीच है। सपा से राकेश सिंह लगातार दो बार से विधायक हैं। उनकी मजबूत जमीनी पकड़ के खिलाफ भाजपा लामबंद होकर ताकत झोंक रही है।
तिलोई में त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना
तिलोई में भाजपा ने विधायक मयंकेश्वर शरण सिंह को फिर से उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने अपने जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल को मैदान में उतारा है तो सपा ने कांग्रेस से बागी हुए मो. नईम को उतार दिया है। मुस्लिम बहुल होने के चलते मामला त्रिकोणीय हो गया है। भाजपा कार्यकाल में मेडिकल कालेज, दो सौ बेड अस्पताल आदि के महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। भाजपा उम्मीदवार विकास कार्यों के नाम पर वोट मांग रहे हैं जबकि विपक्ष खराब सड़कों,आवारा पशु आदि को लेकर मुखर है। शाहमऊ के ऋषि कुमार जर्जर सड़कों को बड़ा मुद्दा मानते हैं। जायस के घनश्याम माहेश्वरी कहते हैं कि धर्म के साथ क्षेत्र का भी विकास हुआ है। इसलिए वोट तय है।
जगदीशपुर में फंसे हैं मंत्री
जगदीशपुर सुरक्षित सीट से भाजपा ने पिछली बार के विधायक और सरकार में मंत्री रहे सुरेश पासी को फिर से उम्मीदवार बनाया है जबकि यहां से कांग्रेस ने विजय पासी को टिकट दिया है। समाजवादी पार्टी ने आखिरी समय पर टिकट बदलकर विमलेश सरोज को मौका दिया है। इससे मुकाबला रोचक होता नजर आ रहा है। क्षेत्र में सुरेश पासी के खिलाफ विशेषकर सवर्ण वोटरों में थोड़ी नाराजगी का माहौल है।
भाजपा काडर के लोग भी असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। जिसका फायदा कांग्रेस उम्मीदवार को मिलता दिख रहा है। हालांकि विमलेश सरोज के रण में आ जाने से और रचना कोरी के समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाने से समीकरण एक बार फिर से जटिल दिख रहा है। इलाके के संतोष शुक्ला कहते हैं कि मंत्री ने सिर्फ बोर्ड लगवाने का काम किया है। हलियापुर निवासी धनंजय सिंह कहते हैं कि लोगों पर फर्जी मुकदमे लिखवाने वाले मंत्री की विदाई तय है।
भ्रष्टाचार के साथ खराब सड़कों का मुद्दा हावी रहेगा
क्षेत्रों में अलग-अलग मुद्दे हावी हैं। गौरीगंज में विधायक के खिलाफ परिवारवाद और भ्रष्टाचार का मुद्दा है तो अमेठी में खराब सड़कें रेभा अंडरपास तथा आसल के 26 गांवो को सुल्तानपुर में शामिल कराने को लेकर लोग मुखर है। खराब सड़कें तिलोई और जगदीशपुर में भी मुद्दा हैं। आवारा पशु का मुद्दा हर जगह है लेकिन इसके साथ ही चारों विधानसभाओं में बड़ा वर्ग राम मंदिर, राशन, धारा 370 व अन्य राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर भी वोट देने का मन बना रहा है। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी की छवि और पार्टी भी खासा महत्व रखती है।
नए वोटर और महिलाएं बड़ा रोल निभाएंगी
जिले की चारों विधानसभाओं में नए वोटरों और महिलाओं का अहम रोल है। आंकड़ों के हिसाब से कुल 14866 ऐसे वोटर हैं जो पहली बार विधानसभा चुनाव में वोटिंग करेंगे। महिलाओं की बड़ी संख्या को देखते हुए प्रत्याशियों ने महिलाओं को प्रचार के लिए भी उतारा है। अमेठी विधानसभा क्षेत्र में सपा और बसपा दोनों ने महिला उम्मीदवार दिए हैं जबकि जगदीशपुर में सिर्फसपा ने ही महिला उम्मीदवार उतारा है।
युवा सभी पार्टियों के साथ जुड़ा है। गौरीगंज के मनीष पाठक कहते हैं कि सरकार की नीतियां पारदर्शी रही हैं। नौकरी की भर्तियों में धांधली नहीं हुई। वहीं विनय सिंह कहते हैं कि सरकार रोजगार के मुद्दे पर काम नहीं कर सकी। युवाओं को लेकर अच्छी प्लानिंग करनी चाहिए। अमेठी के विकास मिश्र कहते हैं कि धर्म के नाम पर युवाओं को ठगा जा रहा है। भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होते रहे। सरकार के खिलाफ वोट करेंगे।