गर्म माहौल के बीच सरकार पेश करेगी बिल

नई दिल्ली: आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है. माना जा रहा है कि सत्र के पहले दिन ही संसद में गर्म माहौल देखने को मिल सकता है. शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में भी तनावपूर्ण माहौल देखेने को मिला. बैठक से आम आदमी पार्टी ने वाक आउट किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बैठक में शामिल न होने की विपक्ष ने आलोचना भी की.
शीतकालीन सत्र के पहले दिन किसानों के लिए एमएसपी और बिजली के बिल पर चर्चा हो सकती है. इसके साथ ही विपक्ष कोविड -19 से मरने वालों के परिजनों के लिए मुआवजे का भी मुद्दा उठा सकती है. विपक्ष एकजुट होकर संसद सत्र के पहले दिन ही सरकार को घेरने का प्लान बना रही है. पेगागस, सीमा पर चीन की आक्रामकता और पेट्रोल-डीजल समेत ईधन की बढ़ती कीमतों पर भी चर्चा होने की संभावना है
गौरतलब है कि सरकार ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही विवादित तीन कृषि कानूनों को रद्द करने का विधेयक भी सदन में पेश किया जाएगा. सत्तारूढ़ दल बीजेपी और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने अपने अपने सांसदों को व्हिप जारी करके सत्र के पहले दिन सदन में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं. शीतकालीन सत्र को लेकर संसदीय मामलों के राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा है कि सरकार इस सत्र में किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन बहस पूरी तरह से सकारात्मक होनी चाहिए.
हमें विपक्ष से सहयोग की उम्मीद
मेघवाल ने कहा, ‘सरकार विपक्ष के मुद्दों पर नियमों के तहत चर्चा कराने को तैयार है. हम विपक्ष से सहयोग की अपेक्षा करते हैं.’ उन्होंने कहा कि सरकार का विपक्ष से आग्रह है कि आर्थिक सुधार एवं कुछ प्रमुख विषयों पर नियमन से जुड़े इन अहम विधेयकों पर चर्चा करे और इन्हें पारित कराने में सहयोग करे.
बता दें कि कोविड-19 गाइडलाइन्स के साथ संसद का शीतलकालीन सत्र 23 दिसंबर तक चलेगा जिसमें कुल 20 बैठकें होंगी. इस बैंठकों के दौरान क्रिप्टोकरेंसी विनियमन, डेटा संरक्षण बिल, ईडी और सीबीआई के निदेशकों का कार्यकाल बढ़ाने समेत कुल 26 बिल पेश होने की संभावना है.
संसद के बाहर किसान तैयार करेंग रणनीति
ऐसा नहीं है कि शीतकालीन सत्र में संसद के अंदर ही माहौल गर्म रहेगा. सदन में जहां विपक्ष सरकार को घेरने का प्लान बना रही है तो वहीं सदन के बाहर किसान संसद तक मार्च करके माहौल को और गर्म कर सकते हैं. हालांकि सरकार को थोड़ी सी राहत इस बात की है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने 29 नवंबर को संसद तक होने वाली ट्रैक्टर रैली को स्थगित कर दिया है लेकिन किसान संगठन ने कहा कि अगर उनकी मांगों को लेकर सरकार 4 दिसंबर तक जवाब नहीं देती तो आगे एक्शन लिया जाएगा और दिल्ली की सीमा पर बैठा किसान अभी वापस घर नहीं लौटेगा.
बैंकिंग और पेंशन से संबंधित विधेयक हो सकते हैं पेश
शीतकालीन सत्र में आर्थिक सुधार से संबंधित एक महत्वपूर्ण विधेयक बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2021 भी पेश किया जा सकता है. इसके जरिये बैंकिंग कंपनी अधिनियम, बैंकिंग विनियमन कानून में और संशोधन किया जाएगा. वहीं, पेंशन सुधार संबंधी पीएफआरडीए संशोधन विधेयक आर्थिक सुधारों से जुड़ा एक महत्वपूर्ण विधेयक है जिसके माध्यम से देश के पेंशन क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है. दिवाला एवं शोधन अक्षमता दूसरा संशोधन विधेयक 2021 में मौजूदा दिवालिया कानून को ज्यादा सशक्त बनाने की बात कही गई है.