लाइफस्टाइल

गर्भ में ठहर गए 5 बच्चे

 

प्रेग्नेंसी हर महिला के लिए काफी अहम समय होता है. आज के समय में लोग काफी प्लानिंग करके बच्चे पैदा करने का फैसला करते हैं. लेकिन कहते हैं ना कि चाहे आप कितनी भी प्लानिंग कर लें, होता वही है जो भगवान ने तय किया है. अमेरिका में रहने वाले एक कपल ने काफी प्लानिंग के बाद तीसरे बच्चे को दुनिया में लाने का फैसला किया था. पहले से दो बेटों के पेरेंट्स चाहते थे कि इस बार उनके घर एक बेटी आए. लेकिन जब प्रेग्नेंट होने के बाद उन्होंने अल्ट्रासाउंड करवाया तो पाया कि महिला के गर्भ में 5 बच्चे पल रहे हैं.

सुपर मदर की पहचान मेगन हलें के तौर पर हुई. उसने अपने पति जोशुआ के साथ तीसरे बच्चे की प्लानिंग की. पति-पत्नी दोनों ही चाहते थे कि इस बार उनके घर एक बेटी आए. लेकिन जब उनके घर एक साथ पांच बच्चे आ गए तो उनकी लाइफ में भूचाल आ गया. पांच बच्चों को पालने में उनकी हालत खराब हो गई. दोनों के पहले से आठ और तीन साल के दो बेटे हैं. इसके बाद पांच बच्चे एक साथ आ जाने से उन्हें पालने में दोनों परेशान हो गए. दोनों को अल्ट्रासॉउन्ड में ही पांच बच्चों की जानकारी हो गई थी. इसके बाद जब बच्चों का जन्म हुआ तो उसके बाद दोनों का खाना-पीना भी मुश्किल हो गया.

दरअसल, ये कपल के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था. मेगन को पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम है. इस वजह से पहले भी उसे कंसीव करने में काफी दिक्कत हुई थी. लेकिन इस बार अचानक पांच बच्चे गर्भ में ठहर जाने से पति-पत्नी दोनों हैरान थे. काफी मुश्किलों के बाद मेगन ने पांचों बच्चों को सेफ्ली डिलीवर किया. सभी स्वस्थ थे. अब इस कपल ने बच्चों एक एक साल के होने के बाद अपनी प्रेग्नेंसी का एक्सपीरियंस शेयर किया.

मेगन ने बताया कि ये उन दोनों के लिए काफी मुश्किल लेकिन सीखने वाला समय रहा. उन्हें नहीं पता था कि वो पांच बच्चे कैसे पालेंगे लेकिन अब उन्होंने एक साल में काफी कुछ सीख लिया है. उनके लिए ये काफी मुश्किल दौर था. मेगन ने बताया कि वो सो नहीं पाते थे. जब एक बच्चा चुप होता तो एक रोने लगता था. उन्हें दूध पिलाते और उनके डायपर चेंज करते हुए उनकी लाइफ काफी मुश्किल हो गई थी. कई बार तो मेगन तीन बजे बच्चों को दूध पिलाने के लिए जागती थी. इसके अलावा दो बेटों को भी मेगन पढ़ाती है. ऐसे में छोटे बच्चों के साथ आठ साल के जैकब की भी जिम्मेदारी मेगन के ऊपर थी.

मेगन ने कहा कि बच्चों को पालने के साथ ही उसे घर के काम काज करने पड़ते थे. ये मुश्किल समय था लेकिन अब जब बच्चे एक साल के हो गए हैं तो उसे काफी आराम है. अब बच्चों का एक रूटीन बन गया है जिसके कारण उसे थोड़ा सुस्ताने का मौका मिल जाता है.

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