गणतंत्र दिवस समारोह में आंदोलनकारी किसान, दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम

देश में 26 जनवरी (26 January) का दिन हर साल हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन इस बार पहले से ही कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट सरकार अब किसान आंदोलन के उग्र होने की खबर मिलते ही अलर्ट मोड पर आ गई है। ऐसे में इस साल की परेड में कई अहम बदलाव देखने को मिल सकते हैं। सुरक्षा एजेंसियों को ऐसी जानकारी मिली है कि कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में दिल्ली (Delhi) की सीमाओं पर खड़े किसान गणतंत्र दिवस समारोह में व्यवधान उत्पन्न कर सकते हैं।
25 जनवरी की रात को ही सील कर दी जाएगी नई दिल्ली
किसानों के प्रदर्शन की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है। ऐसे में ये पहला मौका होगा जब नई दिल्ली जिले को 25 जनवरी की रात को ही सील कर दिया जाएगा। दिल्ली में जगह-जगह पैरा मिलिट्री फोर्स की तैनात करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
राजपथ पहुंच नारेबाजी कर सकते हैं किसान
सुरक्षा एजेंसियों को ऐसी खबर मिली है कि कुछ आंदोलनकारी किसान गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर लेकर दिल्ली कूच करने की कोशिश कर सकते हैं। पुलिस किसानों को ट्रैक्टर लेकर दिल्ली की सीमाओं में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देगी ऐसे में किसान 10-10 की संख्या में प्रवेश कर सकते हैं। जब किसान एक निश्चित संख्या में राजपथ पहुंचेंगे तब वे अपने प्लान के अनुसार भारी संख्या में एकत्रित होकर राजपथ में नए कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी करेंगे। किसान आंदोलन को देखते हुए नई दिल्ली की सीमाओं पर भी पास या फिर परिचय पत्र दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है। आम जनता को पास देने से पहले उनसे परिचय पत्र मांगा जाएगा, उसके बाद ही पास दिया जाएगा। कोरोना महामारी और किसान आंदोलन के बीच होने जा रही 26 जनवरी की परेड के लिए दिल्ली पुलिस ने भी लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में 1 लाख ट्रैक्टर होंगे दाखिल
बता दें कि दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों के आंदोलन को आज 52 दिन पूरे हो चुके हैं। किसान पहले ही कई मौकों पर सरकार को चेतावनी दे चुकें है कि अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानेगी तो वो गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में 1 लाख ट्रैक्टरों को लेकर दाखिल होंगे और परेड करेंगे।
किसानों ने की ट्रैक्टर परेड की तैयारी शुरू
इस बार की परेड में सुरक्षा इसलिए भी बढ़ा दी है, क्योंकि किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो पूरा देश इस साल 26 जनवरी के दिन जवानों और किसानों को एक साथ देखेगा। ट्रैक्टर परेड की तैयारी शुरू हो चुकी है। वहीं किसानों ने इसका ट्रेलर भी सरकार को दिखा दिया है। खाप के किसानों का कहना है कि जितनी देर सरकार हमारी मांगे पूरी करने में लगाएगी उतना ही नुकसान सरकार को झेलना होगा।