खुद इलेेक्शन नहीं लड़ पा रहे सामान्य और ओबीसी के दावेदारों ने शुरू की नई तलाश
प्रयागराज । ग्राम सभाओं में इस बार सीट एससी के लिए आरक्षित होने के आसार भांपकर भावी उम्मीदवारों को डर सताने लगा है। जिन ग्राम सभाओं में इस बार सीट एससी होने की आशंका बनी है। वहां सामान्य और ओबीसी वर्ग के उम्मीदवार एससी कोटे से अपने खासमखास को प्रधानी का उम्मीदवार बनाने की फिराक में लग गए हैं। सामान्य और ओबीसी के उम्मीदवार सालों से प्रधान बनने का सपना संजोए थे।
कई ग्रामसभाओं में ऐसे कई उम्मीदवार हैं जो कि अगर इस बार चुनाव नहीं लड़ पाए तो गंवई राजनीति से गायब हो जाएंगे। ज्यादातर सामान्य व ओबीसी वर्ग के ऐसे लोग प्रधानी की सीट एससी होने पर जिला पंचायती का चुनाव लड़ने की तैयारी भी करने लगे हैं। बैठकबाजी भी तेज हो गई है। सीट एससी होने की उम्मीद में पूर्व प्रधानों व सामान्य एवं ओबीसी पद के उम्मीदवारों से भी एससी उम्मीदवारों ने अब संपर्क बढ़ाना तेज कर दिया।
आरक्षण से पहले डीपीआरओ को मिलेगी ट्रेनिंग :
आगामी पंचायत चुनावों में विभिन्न पदों के लिए दावेदारों को अभी तीन मार्च तक आरक्षण सूची का इंतजार करना पड़ेगा। जिसके लिए डीपीआरओ कुमार अमरेंद्र तीन दिवसीय ट्रेनिंग लेने के लिए लखनऊ गए हुए है। ट्रेनिंग में जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार जिले की ग्राम पंचायतों, जिला पंचायत सदस्य, ब्लाक प्रमुख, बीडीसी व पंचायत सदस्यों के पदों पर आरक्षण की स्थिति साफ की जाएगी।
बागपत जनपद के छह ब्लाकों में 244 ग्राम पंचायतें, 505 बीडीसी, 3332 पंचायत सदस्यों के पद पर चुनावों की तैयारी जोरों पर चल रही है। जिसके लिए गांव-गांव पंचायतों का दौर भी चल रहा है। विभिन्न पदों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे दावेदारों के मंसूबों पर शासन की तरफ से जारी की गई आरक्षण की गाइडलाइन ने पानी फेर दिया। जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष पद एससी महिला के आरक्षित कर दिया गया है तो वहीं ग्राम पंचायत, बीडीसी, ब्लाक अध्यक्ष के अलावा अन्य पदों पर भी आरक्षण को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जिसको लेकर प्रशासनिक अमला भी लगातार मंथन कर रहा है। डीपीआरओ कुमार अमरेंद्र ने बताया कि सभी पदों पर आरक्षण की सूची 3 मार्च को जारी की जाएगी। जिसके लिए उन्हें ट्रेनिंग के लिए लखनऊ बुलाया गया है। तीन दिवसीय ट्रेनिंग में आरक्षण तय करने की स्थिति आदि समझाई जाएगी।