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खतरे में हैं आगरा के ये कारोबारी, ईयू से अलग हुआ ब्रिटेन
आागरा. यूरोपीय यूनियन (ईयू) से ब्रिटेन के अलग होने से आगरा का जूता उद्योग संकट में आ गया है। पौंड में पिछले 30 साल की सबसे बड़ी गिरावट की वजह से उद्यमियों को हर जोड़ी जूते के एक्सपोर्ट पर 75 रुपए का नुकसान हो रहा है। ऐसी दिक्कत आखिरी बार साल 2009 की आर्थिक मंदी में आई थी। जूता कारोबार चरमराने की वजह से स्थानीय रोजगार पर भी असर पड़ने की आशंका है।
– चर्म निर्यात परिषद के आंकड़ों के अनुसार आगरा से करीब 80 फीसदी जूते का एक्सपोर्ट यूरोपीय देशों में होता है।
– साल 2014-2015 के आंकड़ों के अनुसार आगरा से सीधे एक्सपोर्ट में सबसे बड़ी हिस्सेदारी ग्रेट ब्रिटेन की है।
– इस देश में आगरा से 640 करोड़ रुपए के जूते निर्यात किए गए। अन्य देशों में मुख्य रूप से जर्मनी, इटली, फ्रांस में जूता एक्सपोर्ट होता है।
– जूता कारोबारी और एक्सपोर्टर कैप्टन एएस राणा कहते हैं कि ग्रेट ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन की करेंसी कमजोर पड़ने से आर्थिक नुकसान झेलने की नौबत आएगी।
– आगरा फुटवेयर मैनीफैक्चरर्स एंड एक्सपर्ट्स चैंबर (एफमैक) के चेयरमैन पूरन डाबर कहते हैं कि यूरोपीय देशों में अभी तक भारतीय जूता सस्ते और बेहतर क्वालिटी की वजह से बिक रहा था। अब ईयू से ब्रिटेन के अलग होने से हमें करेंसी की गिरावट का नुकसान हो रहा है। अब हर जूते पर करीब 75 रुपए का नुकसान है।
– पूरे आगरा में छोटे-छोटे करीब 10 हजार से ज्यादा कुटीर उद्योग हैं जो इस जूता उद्योग से जुड़े हैं। यहां के 40 फीसदी लोगों की रोजी-रोटी इसी धंधे से चलती है।
– आगरा में प्रमुख रूप से जूता निर्माण और पर्यटन बड़ा कारोबार है। जूता निर्माण में आगरा की बड़ी आबादी लगी हुई है। एक जूता फैक्ट्री के मोहम्मद रफीक कहते हैं कि निर्यात में नुकसान की वजह से यहां के जूता कारोबारियों के साथ-साथ मजदूरों को भी दिक्क्त होने की आशंका मंडरा रही है।
– एक अन्य जूता उद्यमी राजेंद्र कुमार ने बताया कि यूरोप के जिन कंपनियों को जूता निर्यात किया जाता है, उनमें से अधिकतर के ऑफिस ब्रिटेन में हैं। ऐसे में सप्लाई करना और अन्य औपचारिकताएं आसानी से हो जाती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा।
– जूता के साथ-साथ आगरा से एक्सपोर्ट होने वाले इंजीनियरिंग गुड्स, प्लास्टिक और सर्जिकल आइटम, कैमिकल, मीट प्रोसेसिंग आदि में भी दिक्कतें सामने आने लगी हैं।
– साल 2014-2015 के आंकड़ों के अनुसार आगरा से सीधे एक्सपोर्ट में सबसे बड़ी हिस्सेदारी ग्रेट ब्रिटेन की है।
– इस देश में आगरा से 640 करोड़ रुपए के जूते निर्यात किए गए। अन्य देशों में मुख्य रूप से जर्मनी, इटली, फ्रांस में जूता एक्सपोर्ट होता है।
– जूता कारोबारी और एक्सपोर्टर कैप्टन एएस राणा कहते हैं कि ग्रेट ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन की करेंसी कमजोर पड़ने से आर्थिक नुकसान झेलने की नौबत आएगी।
– आगरा फुटवेयर मैनीफैक्चरर्स एंड एक्सपर्ट्स चैंबर (एफमैक) के चेयरमैन पूरन डाबर कहते हैं कि यूरोपीय देशों में अभी तक भारतीय जूता सस्ते और बेहतर क्वालिटी की वजह से बिक रहा था। अब ईयू से ब्रिटेन के अलग होने से हमें करेंसी की गिरावट का नुकसान हो रहा है। अब हर जूते पर करीब 75 रुपए का नुकसान है।
– पूरे आगरा में छोटे-छोटे करीब 10 हजार से ज्यादा कुटीर उद्योग हैं जो इस जूता उद्योग से जुड़े हैं। यहां के 40 फीसदी लोगों की रोजी-रोटी इसी धंधे से चलती है।
– आगरा में प्रमुख रूप से जूता निर्माण और पर्यटन बड़ा कारोबार है। जूता निर्माण में आगरा की बड़ी आबादी लगी हुई है। एक जूता फैक्ट्री के मोहम्मद रफीक कहते हैं कि निर्यात में नुकसान की वजह से यहां के जूता कारोबारियों के साथ-साथ मजदूरों को भी दिक्क्त होने की आशंका मंडरा रही है।
– एक अन्य जूता उद्यमी राजेंद्र कुमार ने बताया कि यूरोप के जिन कंपनियों को जूता निर्यात किया जाता है, उनमें से अधिकतर के ऑफिस ब्रिटेन में हैं। ऐसे में सप्लाई करना और अन्य औपचारिकताएं आसानी से हो जाती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा।
– जूता के साथ-साथ आगरा से एक्सपोर्ट होने वाले इंजीनियरिंग गुड्स, प्लास्टिक और सर्जिकल आइटम, कैमिकल, मीट प्रोसेसिंग आदि में भी दिक्कतें सामने आने लगी हैं।
ईयू से अलग हुआ ब्रिटेन, जानें कैसे संकट में है आगरा का जूता कारोबार
टूरिज्म और फुटवियर इंडस्ट्री के कुछ फैक्ट्स
– 10 लाख आगरावासी टूरिज्म और फुटवियर कारोबार से सीधे प्रभावित होते हैं।
– फुटवियर इंडस्ट्री में देशभर में आगरा की हिस्सेदारी 65 फीसदी है।
– जूते के कुल एक्सपोर्ट में आगरा की कुल हिस्सेदारी करीब 27 फीसदी है।
– इसी वजह से आगरा को ‘शू कैपिटल ऑफ इंडिया’ कहा जाता है।
– आगरा के इंडस्ट्रियलिस्ट ने विदेशी मुद्रा के खजाने में 5000 करोड़ रुपए से अधिक की भागीदारी है।
– सिर्फ जूता एक्सपोर्ट के लिए आगरा में 100 से अधिक फैक्ट्रियां हैं।
– 10 लाख आगरावासी टूरिज्म और फुटवियर कारोबार से सीधे प्रभावित होते हैं।
– फुटवियर इंडस्ट्री में देशभर में आगरा की हिस्सेदारी 65 फीसदी है।
– जूते के कुल एक्सपोर्ट में आगरा की कुल हिस्सेदारी करीब 27 फीसदी है।
– इसी वजह से आगरा को ‘शू कैपिटल ऑफ इंडिया’ कहा जाता है।
– आगरा के इंडस्ट्रियलिस्ट ने विदेशी मुद्रा के खजाने में 5000 करोड़ रुपए से अधिक की भागीदारी है।
– सिर्फ जूता एक्सपोर्ट के लिए आगरा में 100 से अधिक फैक्ट्रियां हैं।