क्यों डर रहा है चीन चमगादड़ों की गुफाओं में जांच पर ?

वुहान. कोरोना वायरस महामारी की उत्पत्ति की जांच के लिए चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशों को खारिज करते हुए चमगादड़ों की गुफाओं और प्रजनन फार्मों के निरीक्षण से इनकार कर दिया है. अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक डब्ल्यूएचओ वुहान से करीब 6 घंटे की दूरी पर स्थित इंशी में जांच करना चाहता था जो कि कोरोना महामारी के लिए दुनिया का सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरा था.
चीन लगातार अपनी सीमाओं के भीतर कोविड की उत्पत्ति को लेकर की जाने वाली अंतर्राष्ट्रीय जांच पड़ताल का विरोध करता रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन को पहले ही इस बात की भनक लग गई थी लेकिन चीन में सदस्यों की आवाजाही पर सख्त प्रतिबंध थे. आखिरकार अपनी जांच के अंत में, टीम ने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें इस पर और जांच करने की जरूरत है.
अगस्त में, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को इस बात की जानकारी दी थी कि कोरोना वायरस कोई बायोलॉजिकल हथियार नहीं है लेकिन ऐसी बहुत संभावना है कि यह प्राकृतिक संचरण या फिर लैब लीक के माध्यम से फैला हो.
वुहान के आस-पास के एनिमल फार्म पर उस समय ध्यान गया जब यह पता चला कि इन फार्मों से जानवर वुहान के वेट मार्केट में बेचे जा रहे हैं जबकि ऐसे जानवरों की ब्रिकी पर कानूनी तौर पर प्रतिबंध है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैज्ञानिक आस-पास के वन्यजीव कृषि क्षेत्रों की भी जांच करना चाहते हैं, जो महामारी से पहले हजारों जंगली जानवरों के प्रजनन के लिए जाने जाते थे. वैज्ञानिकों का मानना है कि वे जानवर संभावित रूप से चमगादड़ से मनुष्यों में वायरस के प्रसार के लिए बीच का रास्ता बन सकते हैं. उनका मानना है कि खेतों की जांच महामारी की उत्पत्ति का निर्धारण करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है.
कोरोना वायरस के दुनियाभर में फैलने के बाद इंशी में करीब 6 वेट मार्केट मार्च 2020 तक बंद कर दिए गए थे. हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है कि आखिरकार इन बाजारों को इतनी जल्दबाजी में क्यों बंद कर दिया गया था..