क्या पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ रही हैनफरत ( hatred )?

डूरंड लाइन: भारत के पड़ोसी दो मुस्लिम देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में इन दिनों कड़वाहट बढ़ती जा रही है. पाकिस्तानी वायु सेना ने अफगानिस्तान भारत के पड़ोस में किस बात पर भिड़ रहे हैं दोनों मुस्लिम देश? ये है वजह क्या भारत के पड़ोस में एक-दूसरे को आयरन फ्रेंड कहने वाले पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच नफरत ( hatred ) बढ़ रही है. हाल की घटनाओं को देखें तो आसार ऐसे ही कुछ नजर आते हैं.
पाकिस्तान में पश्तूनों के प्रति गहरी नफरत
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, पाकिस्तान ने डूरंड लाइन पार करके हाल के दिनों में अफगानिस्तान में रहने वाले पश्तून आदिवासियों पर कई बड़े हमले किए हैं. आतंकरोधी कार्रवाइयों के नाम पर होने वाले इन हमलों से पाकिस्तान की पश्तूनों के खिलाफ गहरी नफरत का पता चलता है.
पाकिस्तानी एयर फोर्स ने अफगानिस्तान के कुनार, खोस्त, पक्तिका और दूसरे सीमावर्ती इलाकों में अन्य सीमावर्ती प्रांतों में कई हमले किए. पाकिस्तानी हेलीकॉप्टरों से दागे गए रॉकेटों की वजह से अफगानिस्तान में 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई. हालांकि तालिबान ने केवल 6 लोगों की मौत ही कबूल की. सीमा के दोनों ओर के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले आदिवासी, खासकर पश्तून पाकिस्तानी सेना के लगातार निशाने पर रहे हैं.
अफगानिस्तान नहीं देता डूरंड लाइन को मान्यता
इस सारे विवाद की जड़ दोनों देशों को बांटने वाली डूरंड रेखा है, जिसे अफगानिस्तान मान्यता नहीं देता है. अफगानिस्तान कहता है कि अंग्रेजों ने धोखे से अफगानिस्तान के पश्तून बहुल इलाकों को भी पाकिस्तान में शामिल कर लिया था. जबकि वह इलाके उसके हैं.
अफगानिस्तान के डूरंड लाइन पर बाड़ लगाने के काम को जल्दी पूरा करने की पाकिस्तानी सेना की योजना को दिसंबर 2021 में उस वक्त बड़ा झटका लगा था, जब तालिबान ने नंगरहार प्रांत में इस काम को न केवल रुकवा दिया था था बल्कि सामान भी जब्त कर लिया था. पाकिस्तान ने इस घटना को स्थानीय घटनाक्रम कहकर टालने की कोशिश की थी.
तालिबान ने पाकिस्तान को दी चेतावनी
हालांकि उसका भ्रम तालिबान ने जनवरी 2022 में उस वक्त तोड़ दिया, जब जब तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने दावा किया कि पाकिस्तान की ओर से डूरंड लाइन की बाड़बंदी किया जाना एक राष्ट्र को विभाजित करने जैसा था और यग तालिबान की नजर में अवैध था. तालिबान की ओर से डूरंड लाइन को ‘राष्ट्रीय मुद्दे’ के रूप में स्वीकार करने का मतलब ये हुआ कि वह इस विषय पर आगे भी पाकिस्तान का विरोध करता रहेगा.
अफगानिस्तान के कुनार, नंगरहार, नूरिस्तान, कंधार और खोस्त प्रांतों में पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी और तोपखाने से गोले दागने की 9 घटनाएं हो चुकी हैं. फरवरी में कंधार के स्पिन बोल्डक जिले में झड़पें हुईं, जिसमें 6 अफगान मारे गए और लगभग 20 घायल हो गए. इसी तरह मार्च 2022 में कुनार, हेलमंद और नूरिस्तान प्रांतों में गोलीबारी/तोपखाने की फायरिंग की 4 घटनाएं हुईं.
बौखलाहट में है पाकिस्तानी सेना
बौखलाई पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान के नंगरहार में लालपुर जिले के खोस्त और पालोसी इलाके में अफगान निवासियों को चेतावनी जारी की है. पाकिस्तान सेना ने कहा कि अगर उन्होंने बाड़बंदी के काम में अड़ंगा लगाना बंद नहीं किया तो गंभीर नतीजे भुगतने होंगे. अफगानिस्तानी इलाकों में पाकिस्तान के लगातार अटैक के बाद तालिबान के विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद को डिमार्शे जारी कर अपना विरोध जताया है.
पाकिस्तान को उम्मीद थी कि तालिबानको अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज करवा देने के बाद उसे मनचाहा करने की छूट मिल जाएगी. साथ ही तालिबान सरकार डूरंड लाइन को इंटरनेशनल बॉर्डर के रूप में मान्यता दे देगी लेकिन उसकी यह आशा पूरी नहीं हो पाई है. जिसके बाद पाकिस्तान ने अब सख्त कदमों के जरिए तालिबान और अफगानिस्तान के लोगों को झुकाने का फैसला किया है.
दोनों सीमावर्ती पोस्ट पर बढ़ा दी पाबंदियां
उसने अक्टूबर 2021 की शुरुआत में चमन पोस्ट पर नाकाबंदी कर दी. साथ ही तोरखम पोस्ट पर लोगों के आने-जाने पर भी पाबंदियां लगानी शुरू कर दी हैं. ये दोनों चौकियां अफगानिस्तान से पाकिस्तान आने-जाने और व्यापार के लिए सामानों की डिलीवरी के प्रमुख स्थान हैं. पाकिस्तान ने इन दोनों चौकियों पर पाबंदी लगाकर तालिबान को अपने सामने झुकने और डूरंड लाइन पर बाड़बंदी करने के लिए मजबूर करने का कदम चल दिया है.