अंतराष्ट्रीय

कोविड-19 के उपचार में कृमि नाशक दवा ‘आइवरमेक्टिन’ के इस्तेमाल को रोकने के प्रयास

 

वाशिंगटन । स्वास्थ्य विशेषज्ञों और चिकित्सा संगठनों ने दशकों पुरानी परजीवी नाशक दवा के कोविड-19 के उपचार में बढ़ते इस्तेमाल को रोकने पर जोर दिया है और आगाह किया है कि इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं तथा इस दवा से इलाज में मदद मिलने के सबूत बहुत ही कम हैं।

संक्रमण की चौथी लहर का सामना कर रहे अधिकतर अमेरिकी लोग मनुष्यों एवं पशुओं के लिए काम में ली जाने वाली कृमी नाशक दवा ‘आइवरमेक्टिन’ का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो बेहद सस्ती होती है। संघीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने दवा की अधिकांश पर्चियों पर इसका (आइवरमेक्टिन दवा का) उल्लेख होने और इसके ओवरडोज पर चिंता जतायी है। संघीय स्वास्थ्य अधिकारियों की चेतावनी के बावजूद यह दवा कोविड-19 के उपचार के लिए उत्तर पश्चिम अरकंसास में एक जेल के कैदियों को भी दी गई।

बुधवार को पॉडकास्टर जो रोगन ने बताया कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं और उन्होंने यही दवा ली है। रोगन कोविड-19 रोधी टीके के खिलाफ हैं। आइवरमेक्टिन को रिपलब्लिकन पार्टी के सांसद, कुछ रूढ़ीवादी टॉक शो के मेजबान और कुछ डॉक्टर बढ़ावा दे रहे हैं। टीकाकरण के लिए अनिच्छा रखने वाले लाखों अमेरिकियों तक सोशल मीडिया के माध्यम से इस दवा के बारे में जानकारी पहुंचाई गई। भारत और ब्राजील सहित अन्य देशों में भी इसका व्यापक रूप से उपयोग किया गया है।

इस सप्ताह डॉक्टरों और दवा विशेषज्ञों के लिए शीर्ष अमेरिकी पेशेवर संगठनों ने दवा के अनुसंधान आधारित इस्तेमाल को छोड़कर अन्यत्र इसके उपयोग को ‘‘तत्काल’’ बंद करने की अपील की। अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन और दो फार्मासिस्ट संगठनों ने कहा, ‘‘हम डॉक्टरों, फार्मासिस्ट और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों से अनुरोध करते हैं कि वे आइवरमेक्टिन का एफडीए द्वारा मान्यता प्राप्त संकेतों और दिशा-निर्देशों के अतिरिक्त किसी भी प्रकार के इस्तेमाल के प्रति मरीजों को आगाह करें।’’

 

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