कोरोना वैक्सीन लगाने गई टीम पर ग्रामीणों ने तलवार और लाठी से किया हमला

उज्जैन. मध्य प्रदेश के उज्जैन ज़िले में सोमवार को कोरोना वैक्सीन लगाने पहुंची टीम पर गांव वालों ने हमला कर दिया. गांव वाले टीका लगवाने के लिए तैयार नहीं थे. टीम ने जब उन्हें समझाने की कोशिश की तो करीब 50 लोगों के झुंड ने उन्हें घेर लिया और मारपीट शुरू कर दी. इस हमले में पंचायत सहायक सचिव का पति गंभीर रूप से घायल हो गया.
उज्जैन के पास अज्ञानता की हद दिखाई दी. ग्रामीणों ने जान बचाने आई टीम पर ही जानलेवा हमला कर दिया. मामला उज्जैन से करीब 30 किमी दूर उन्हेल के पास मालीखेड़ी गांव का है. टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची थी. यहां पारदी मोहल्ले में कुछ लोगों ने टीका लगवाने से मना कर दिया. उन्हें समझाने के लिए तहसीलदार अनु जैन भी पहुंचीं. सहायक सचिव का पति शकील कुरैशी भी तहसीलदार के साथ ही था. अनु जैन अभी ग्रामीणों को समझा ही रही थीं कि अचानक 50 से अधिक लोगों ने टीम को घेर लिया और हमला कर दिया. तहसीलदार और स्टाफ ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई, लेकिन सहायक सचिव के पति शकील कुरैशी इस हमले में घायल हो गए.
माली खेड़ी में सोमवार सुबह 10 बजे करीब स्वास्थ विभाग के अमले के संग तहसीलदार, ANM, पटवारी और अन्य अधिकारी कोरोना टीकाकरण के लिए गए थे. गांव वाले कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार ही नहीं थे. ड्राइवर और स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि ये पारदी समाज के लोग थे. वैक्सीन को लेकर इनके मन में गलतफहमी है. इसलिए टीम उन्हें समझा रही थी. बस उसी दौरान लाठी और तलवार से लैस करीब 50 लोगों की भीड़ वहां पहुंची और मारपीट शुरू कर दी. बड़ी मुश्किल से ड्राइवर की सूझ बूझ से जान बचा कर टीम सुरक्षित स्थान पर पहुंची, लेकिन तब तक शकील हमले का शिकार हो गए. अब पूरे मामले में पुलिस मौके पर है और आरोपियों की तलाश में जुटी है.
टीकाकरण करने और ग्रामीणों को समझाने तहसीलदार अनु जैन, मोबाइल टीकाकरण के प्रभारी मिथिलेश शर्मा, सहायक सचिव पति शकील, एएनएम, पटवारी और अन्य अधिकारी समेत कुल 7 से 8 लोगों की टीम पहुंची थी. वहां उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा. स्वास्थकर्मी ने बताया कि ड्राइवर सचिन सिंघल की सूझ-बूझ से हमारी जान बची. बड़ी मुश्किल से हम वहां से निकल पाए. उन्होंने कहा पारदी समुदाय के 50 लोग थे. ग्रामीणों का कहना था कि वो टीका नहीं लगवान चाहते हैं. हमला होते ही ड्राइवर ने टीम के सदस्यों को तत्काल गाड़ी में बैठाया और कहा बाहर मत निकलना और जैसे-तैसे उन्हें वहां से बाहर निकाला.
घायल शकील ने बताया कि गांव के लोग कोरोना वैक्सीन लगाने और हमारे वहां पहुंचने का विरोध कर रहे थे. कोई भी टीका लगवाने के लिए तैयार नहीं था. आरोप है कि गांव की हेमानी बाई, उस्मानी, चांदू लाल नाम के लोग भीड़ लेकर आ गए. उन्हें रोकने की कोशिश में शकील बीच में खड़े हो गए. तहसीलदार से बहस के दौरान गांव वालों ने शकील पर लाठी से हमला कर दिया.