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कोविड ​​​​-19 टीकाकरण नहीं करवाने वालों पर जुर्माना लगाने की योजना बनाई;

कोरोना महामारी दो साल बीत जाने के बाद दुनिया के कई देशों में कहर बरपा रही है। कई देशों में सरकार अभी भी कोरोना महामारी से उबर नहीं पाई है। इन्हीं देशों में से अफ्रीकी देश युगांडा ने उन लोगों पर जुर्माना लगाने की योजना बनाई है जो COVID-19 और उन लोगों के खिलाफ टीकाकरण से इनकार करते हैं। संसद ने एक बयान में कहा है कि जो लोग भुगतान करने में विफल रहते हैं, उन्हें एक नए सार्वजनिक स्वास्थ्य कानून के तहत जेल भेजा जा सकता है।

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पूर्वी अफ्रीकी देश युगांडा में लगभग एक साल पहले कोरोना टीकाकरण शुरू कर चुका है लेकिन, 45 मिलियन की आबादी में अभी तक 16 मिलियन लोगों को कोरोना टीका लगाया गया है। कोरोना टीकाकरण की इस कम रफ्तार के लिए प्रशासन लोगों की अनिच्छा को जिम्मेदार ठहराया था। ऐसे में संसद की गृह स्वास्थ्य समिति ने सार्वजनिक स्वास्थ्य (संशोधन) विधेयक 2021 को संशोधित करके कोरोना टीकाकरण अनिवार्य कर दिया है।

कोरोना टीकाकरण कानून

सरकार की ओर से कोरोना टीकाकरण कानून के तहत उन लोगों को 4 मिलियन युगांडा शिलिंग ($ 1,139) का जुर्माना लगाया जा सकता है जो टीका लगाने से मना करते हैं। संसद ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा, “प्रस्ताव के अनुसार, जो लोग कोविड ​​​​-19 के खिलाफ टीकाकरण नहीं करवाते हैं, उन पर 4 मिलियन शिलिंग का जुर्माना लगाया जाएगा या छह महीने की जेल होगी।”

संसद के बयान में स्वास्थ्य मंत्री जेन रूथ एसेंग के हवाले से समिति के सांसदों को बताया गया कि अनिवार्य टीकाकरण सुनिश्चित करेगा कि पर्याप्त लोगों को टीका लगाया जाए ताकि “हम बड़े पैमाने पर प्रतिरक्षा पैदा कर सकें। यह महत्वपूर्ण है कि जिसे भी टीका लगाया जाना चाहिए, उसे टीका लगाया जाए।”

गौरतलब है कि युगांडा ने दो साल के एंटी-कोरोनावायरस उपायों के बाद पिछले महीने अपनी अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से फिर से खोल दिया था। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि युगांडा में अब तक कोविड​​​​-19 के लगभग 163,000 मामले और 3,500 मौतें दर्ज की गई हैं।

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