कोरोना उत्पति का कलंक चीन को नहीं मंजूर:शी जिनपिंग
बीजिंग : घातक कोरोना वायरस चीन से ही पूरी दुनिया में फैला? अभी इसे लेकर पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि, इस पर कई अध्ययन जरुर किये जा रहे हैं। इस बीच चीन के राष्ट्रपति ने साफ किया है कि कोरोना उत्पति का कलंक चीन को किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर एक स्वतंत्र जांच की बढ़ती मांग के बीच दुनियाभर के राजनीतिक दलों से मंगलवार को अपील की कि वे इस वैश्विक महामारी का राजनीतिकरण नहीं करें या इस पर कोई भौगोलिक ठप्पा नहीं लगाएं। इस संक्रमण का पहला मामला 2019 के अंत में वुहान में सामने आया था। शी ने देश में सत्तारूढ़ ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना और ”विश्व राजनीतिक दल के शिखर सम्मेलनों को वीडियो लिंक के जरिए संबोधित करते हुए प्रौद्योगिकी को बाधित करने का भी संयुक्त रूप से विरोध करने की अपील की।
कोविड-19 की उत्पत्ति व्यापक स्तर से बहस का विषय बना हुआ है। कुछ वैज्ञानिकों और नेताओं का कहना है कि इस घातक वायरस का संक्रमण संभवत: किसी प्रयोगशाला से फैला। शी ने एक जुलाई को सीपीसी के शताब्दी समारोह के कुछ दिन बाद आयोजित कार्यक्रम में कहा, ”कोविड-19 से निपटने के लिए हमें विज्ञान-आधारित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और एकजुटता एवं सहयोग को समर्थन देना चाहिए, ताकि ‘टीकाकरण अंतर को समाप्त किया जा सके।
सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने शी जिनपिंग के हवाले से कहा कि चीन कोविड-19 के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग को समर्थन देने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा। शी ने आतंकवाद को मानवता का साझा दुश्मन बताया और सहयोग के माध्यम से सुरक्षा एवं स्थिरता हासिल करने की बात रेखांकित की। शी ने कहा, ”हमें सभी देशों को विकास के लिए सहयोग बढ़ाने की खातिर प्रोत्साहित करने और यह तय करने की जरूरत है कि विकास का लाभ सभी को मिले।” उन्होंने कहा कि अन्य देशों के विकास को बाधित करने और अन्य लोगों की आजीविका को कम करने के उद्देश्य वाले किसी भी राजनीतिक हथकंडे को समर्थन नहीं मिलेगा और यह व्यर्थ साबित होगा। उन्होंने कहा कि विकास कुछ देशों का विशेषाधिकार नहीं, बल्कि सभी देशों का अधिकार है।
चीन में सत्तावादी शासन के कारण सीपीसी की होने वाली आलोचना को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए शी ने कहा कि कोई देश लोकतांत्रिक है या नहीं, इसका आकलन मुट्ठी भर लोगों द्वारा नहीं, बल्कि व्यापक स्तर पर लोगों द्वारा किया जाना चाहिए। शी ने कहा कि लोगों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग रास्ते हैं और सभी देशों के लोगों को अपने विकास पथ और संस्थागत मॉडल चुनने का अधिकार है।