केदारनाथ की पहाड़ियों पर हिमपात से निचले इलाकों में बढ़ी ठंड
उत्तराखंड में लगातार तीसरे दिन भी रिमझिम बारिश का सिलसिला बना रहा। इसके कारण आम जनजीवन अस्त-व्यस्त होकर रह गया है। सोमवार को भी केदारनाथ की ऊंची पहाड़ियों पर जमकर हिमपात हुआ। साथ ही निचले इलाकों में बारिश व कोहरे के कारण धाम के लिए संचालित हेलीकॉप्टर सेवा भी सुबह 8 बजे के बाद से ठप रही। लेकिन पैदल यात्रा सुचारू चल रही है। बरसात के चलते केदारनाथ के ऊपर चोराबाड़ी व बासुकीताल समेत दुग्ध गंगा की ऊपरी पहाड़ियों पर काफी हिमपात हुआ। धाम में शीतलहर का प्रकोप बना हुआ है। वहीं धाम व केदारघाटी में बारिश के कारण केदारनाथ के लिए संचालित हेलीकॉप्टर सेवा पर भी व्यापक असर पड़ा है। यहां सुबह हेलीकॉप्टर ने 5-6 शटल ही हुई। इसके बाद तेज बारिश और कोहरे के कारण हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सके।
हेलीकॉप्टर सेवा के सहायक नोडल अधिकारी सुरेंद्र सिंह पंवार ने बताया कि मौसम खराब होन के कारण बीते तीन दिनों से हेलीकॉप्टर सेवा काफी प्रभावित हुई है। यात्रियों को केदारनाथ, गुप्तकाशी, सेरशी व फाटा हेलीपैड के वेटिंग रूम में मौसम साफ होने का इंतजार करना पड़ रहा है।
लामबगड़ में फिर बंद हुआ बदरीनाथ हाईवे
लामबगड़ में दोपहर एक बजे तक वाहनों के लिए सुचारु रहा बदरीनाथ हाईवे बोल्डर और मलबा आने से फिर बंद हो गया है। यहां रुक-रुककर हो रही बारिश के कारण लामबगड़ चट्टान से लगातार मलबा और बोल्डर हाईवे पर आ रहे हैं। इससे वाहनों की आवाजाही नहीं हो पा रही है।
हाईवे बंद होने से पुलिस प्रशासन ने वाहनों को पांडुकेश्वर, जोशीमठ, गोविंदघाट और बदरीनाथ धाम में रोक लिया है। सोमवार को बदरीनाथ धाम से लामबगड़ तक वाहन से और यहां करीब एक किलोमीटर पैदल चलने के बाद 300 तीर्थयात्री अपने गंतव्य को रवाना हुए। जबकि, पैदल ही लगभग 250 तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम पहुंचे।
बीते रविवार को सिर्फ तीन घंटे खुला रहने के बाद दोपहर दो बजे लामबगड़ में हाईवे अवरुद्ध हो गया था। सोमवार सुबह आठ बजे एनएच की ओर से हाईवे को जेसीबी की मदद से सुचारु किया गया था। इसके बाद यात्रा पड़ावों में रोके गए लगभग एक हजार तीर्थयात्रियों को वाहनों से बदरीनाथ धाम के लिए भेजा गया।
दो घंटे अवरुद्ध रहा गंगोत्री हाईवे
उत्तरकाशी में बीते दो दिनों से हो रही बारिश और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी के साथ ही उत्तरकाशी में भी में ठंड ने दस्तक दे दी है। लगातार हो रही बारिश के कारण धान की कटाई में जुटे काश्तकारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं सोमवार को कुछ स्थानों पर भूस्खलन होने से गंगोत्री हाईवे समेत मोरी ब्लॉक के दो संपर्क मोटर मार्ग भी घंटों तक अवरूद्ध रहे।
सोमवार को धामों में अधिकतम तापमान 16 डिग्री सैल्सियस दर्ज किया गया। जबकि जिला मुख्यालय व अन्य निचले इलाकों में भी पारा गिरकर 23 डिग्री सैल्सियस तक पहुंच गया। मौसम में आए इस परिवर्तन से पूरे जिले में ठंड का अहसास बढ़ गया है। जिसके साथ ही लोगों ने कंबल, स्वेटर, जैकेट आदि गर्म वस्त्र निकाल लिए हैं।
वहीं लगातार हो रही बारिश के कारण धान की तैयार फसल खराब होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। जिसके चलते काश्तकारों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। उधर, सोमवार सुबह बारिश के चलते बड़ेथी चुंगी स्लाइड जोन में एक बार फिर से भूस्खलन सक्रिय हो गया। जिस कारण गंगोत्री हाईवे करीब दो घंटे तक अवरुद्ध रहा। हालांकि प्रशासन द्वारा मनेरा बाईपास से ट्रैफिक डायवर्ट किए जाने से लोगों को कुछ राहत मिली।
स्वांला में फिर दरकी पहाड़ी, साढ़े चार घंटे यातायात रहा बंद
रविवार की रात हुई बारिश से कुमाऊं जहां-तहां सड़कें फिर बंद हो गई हैं। टनकपुर-तवाघाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोमवार की सुबह करीब छह बजे स्वांला के पास पहाड़ी फिर दरक गई। इससे करीब साढ़े चार घंटे तक वाहनों की आवाजाही ठप रही। करीब 10 बजे मार्ग को खोला जा सकता। स्वांला मंदिर के पास सुबह नौ बजे मलबा आने से मार्ग बंद हो गया, जिसे डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद साढ़े दस बजे खोला जा सका।
इसके अलावा, बाराकोट में भी सुबह छह बजे के आसपास मलबा आने से मार्ग बंद हो गया। जिसे एक घंटे बाद खोला जा सका। मार्ग बंद होने से डेढ़ सौ से अधिक वाहन वहां फंस गए और सैंकड़ों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच पर बारहमासी मार्ग की कटिंग से रोड से लगा स्वांला खतरे की जद में है। यहां कई हिस्से बेहद खतरनाक बन गए हैं। कटिंग से न्याय पंचायत संसाधन केंद्र (सीआरसी) का भवन भी खतरे की जद में है। खतरे को देखते हुए केंद्र के सामान को शिक्षा विभाग ने अन्यत्र शिफ्ट किया है।
इधर,पिथौरागढ़ से मिली जानकारी के मुताबिक बीआरओ ने 27 सितंबर से बंद तवाघाट-घटियाबगड़ सड़क को सोमवार की सुबह 11 बजे बहाल कर दिया है। वहीं, 29 सितंबर से बंद सोसा-सिर्खा सड़क सोमवार को भी बंद रही। पौड़ी-घटकुना सड़क मलबा आने से सुबह करीब साढ़े आठ बजे बंद हो गई थी। इसके एक अक्तूबर को खुलने की संभावना है।
उधर, बागेश्वर जिले में पांच सड़कें अभी भी बंद हैं। गिरेछिना-अमसरकोट मोटर मार्ग पर राधाकृष्ण मंदिर के पास दो दिन मलबा गिरा है। थुणाई, मिहिनिया, भटोली मोटर मार्ग पर भी मलबा है। कांडा तहसील के कांडा-रिखाड़ीमोटर मार्ग कभाटा के पास ध्वस्त हो गया है। कपकोट में तीन और गरुड़ में भी दो सड़कों पर भारी मात्रा में मलबा है।
इधर, सरोवर नगरी में तीन दिन से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त है। बारिश का असर पर्यटन व्यवसाय पर भी पड़ रहा है। बारिश और कोहरे से ठंड में भी इजाफा होने लगा है। शनिवार को झील का जल स्तर 8 फुट 11 इंच था जो सोमवार को बढ़कर 9 फुट ढाई इंच हो गया। झील कंट्रोल रूम के प्रभारी रजत पांडे ने बताया कि सोमवार की सुबह तक नगर क्षेत्र में 16.80 एनएम बारिश हुई थी।
मसूरी के आसपास भूस्खलन से कई मार्ग अवरुद्ध
रविवार रात हुई बारिश से मसूरी और आसपास का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। तेज बारिश से मसूरी के आसपास कई मार्गों पर भूस्खलन से कई स्थानों पर यातायात बाधित हो गया है। इसके साथ हुसैन गंज के पास भी पहाड़ी ढहने से यातायात कई घंटे रुका रहा।
बारिश से मसूरी और आसपास के इलाके में मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। यमुनोत्री हाईवे पर जीरो प्वाइंट के पास बड़ा भूस्खलन होने से लोगों में दहशत है। बहरहाल स्थानीय लोगों की सूचना पर सोमवार को पहुंचे एसडीएआरएफ, पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने मशीनों और मजदूरों के माध्यम से मलबा हटवाकर यातायात चालू कराया।
इधर, मसूरी शहर में क्लिप कॉटेज के पास भूस्खलन से विद्युत पोल और सीवर लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। इससे स्थानीय लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि प्रशासन की टीम के राहत कार्य से थोड़ी सहूलियत है।