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केजरीवाल सरकार का दिल्ली न्यायालय को जवाब- राजधानी या इसके हिस्सों में नहीं लगेगा नाइट कफ्र्यू

नई दिल्ली दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि कोविड-19 महामारी रोकथाम के लिए फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी या इसके हिस्सों में कफ्र्यू नहीं लगाया जाएगा। दिल्ली सरकार ने न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद की पीठ को इस बारे में जानकारी दी। दरअसल अदालत द्वारा जारी निर्देश और सलाह वकील राकेश मल्होत्रा की राष्ट्रीय राजधानी में जांच बढ़ाने और तेजी से परिणाम देने को लेकर दायर की गई एक याचिका की सुनवाई के दौरान आप सरकार ने अपनी रिपोर्ट पेश की। अदालत ने 26 नवंबर को पूछा था कि क्या कोविड-19 से निपटने के लिए शहर में रात में कफ्र्यू लगाया जा सकता है, जैसा कि कई अन्य राज्यों ने किया है। दिल्ली सरकार ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में बताया कि सरकार ने 31 दिसंबर तक मंजूरी दी जाने वाली गतिविधियों और प्रतिबंधित गतिविधियों के संबंध में पहले से जारी आदेशों की ही यथास्थिति बनाए रखने संबंधी आदेश जारी किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि इसलिए 31 दिसंबर तक किसी भी नई गतिविधि को मंजूरी नहीं दी जा सकती है। इस दौरान दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप सरकार से कोविड-19 से निपटने के लिए जांच और संक्रमित लोगों के सम्पर्क में आए लोगों की पहचान पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा। आप सरकार ने बताया कि संक्रमण पर काबू पाने के लिए कुछ नई पाबंदियों पर विचार किया जा रहा है। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद की एक पीठ ने कहा कि जांच परिणाम बताने का समय अभी 48 घंटे या उससे ज्यादा है, जिसे 24 घंटे के भीतर किया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि जांच प्रयोगशालाएं नमूना लेते समय ही लोगों के नंबर ले लें और कोविड-19 जांच के नतीजे उनके मोबाइल फोन पर देने की कोशिश करें और वेबसाइट पर इसे बाद में डाला जा सकता है।

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