कृषि बिल: एक तीर से अनेक निशाने
दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार की सुबह एक बड़ा ऐलान किया जिसने देश की सियासत में कई नए समीकरणों को जन्म दे दिया है। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों की वापसी से जुड़े फैसले का सबसे ज्यादा असर पंजाब और उत्तर प्रदेश की सियासत में देखने को मिलेगा। खासतौर पर कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाने वाले अमरिंदर सिंह के लिए।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है और उन्होंने पंजाब में भाजपा के साथ तालमेल से कभी इनकार नहीं किया था, बल्कि खुलकर कहा था कि वो भाजपा के साथ तालमेल पर विचार करेंगे। अब जबकि केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान कर दिया है तो अमरिंदर सिंह के लिए पंजाब की राजनीति में भाजपा के साथ गठबंधन करके चुनाव में जाना आसान हो गया है।
अमरिंदर सिंह लगातार केंद्र सरकार से यह मांग कर रहे थे कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी कई मौकों पर मुलाकात की थी। अमरिंदर सिंह ने जब कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी का ऐलान किया था, तभी उन्होंने भाजपा के साथ तालमेल के संकेत दिए थे और इसकी झलक अमरिंदर सिंह के ट्वीट में भी झलकती है। पीएम के ऐलान के बाद उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा – ‘ग्रेट न्यूज! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कि उन्होंने हर एक पंजाबी की मांग को स्वीकार किया और गुरुनानक जयंती के पवित्र मौके पर तीन काले कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान किया है। मैं आश्वस्त हूं कि केंद्र सरकार किसानों के विकास के लिए निरंतर काम करना जारी रखेगी। इस ट्वीट में अमरिंदर सिंह ने गृह मंत्री अमित शाह को भी टैग किया है।
हालांकि पंजाब चुनाव में कृषि कानूनों की वापसी से सिर्फ अमरिंदर सिंह के लिए ही आसानी नहीं हुई है बल्कि भाजपा के लिए भी चीजें आसान होती दिख रही हैं। कृषि कानूनों के मुद्दे पर ही शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा से अपना दशकों पुराना गठबंधन तोड़ा था और विरोध में सड़कों पर उतरे थे। लंबे समय से अकाली दल पंजाब में भाजपा की बड़ी सहयोगी पार्टी रही है। लेकिन गठबंधन टूटने के बाद अकाली दल और भाजपा के रास्ते अलग हो गए थे और पंजाब में भाजपा को एक सहयोगी की जरूरत थी, लेकिन कृषि कानून को लेकर किसान संगठनों के प्रदर्शन भाजपा की सियासत में सबसे बड़ा रोड़ा लग रहे थे। अब जबकि कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान हो गया है, भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी मजबूती से ठोक सकती है।
कृषि कानूनों पर ऐलान के बाद संयुक्त किसान मोर्चा सहित तमाम किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है। हालांकि किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि कानूनों को संसद में रद्द किए जाने तक प्रदर्शन जारी रहेगा, लेकिन जिस तरह से हर ओर से सबने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है, उससे साफ है कि भाजपा के लिए चीजें आसान हुई हैं। कह सकते हैं कि भाजपा ने पंजाब के राजनीतिक खेल में वापसी कर ली है।