कूड़ा वाहन और कूड़ेदान हो रहे ‘कूड़ा
बांदा । कूड़ेदान के नाम पर ‘खेल रुक नहीं रहा। पूर्व में कई मर्तबा गलियोंध्चौराहों पर कूड़ेदान रखाए गए, लेकिन अब इनका अता-पता नहीं है। फिर से स्वच्छ भारत मिशन के तहत डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए चार माह पूर्व बांदा नगर पालिका को करीब डेढ़ करोड़ की लागत से 25 कूड़ादान से लैस वाहन मिले हैं लेकिन स्टाफ की कमी से ये सभी खड़े-खड़े ‘कूड़ा हो रहे हैं। शासन से निर्धारित फर्म से सचल कूड़ादान वाहन की खरीद की गई थी। प्रत्येक की लागत लगभग 7 लाख रुपये बताई गई है। 25 वाहनों की खरीद पर लगभग एक करोड़ 55 लाख रुपये खर्च आया। इनकी खरीद डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए की गई लेकिन फिलहाल ये सड़कों पर नजर नहीं आ रहे। चार माह से ये नगर पालिका परिसर में धूल फांक रहे हैं। इसके पीछे नगर पालिका के जिम्मेदारों की दलील है कि चालकों की नियुक्ति न होने से दिक्कतें हैं। नगर पालिका परिषद के आंकड़ों के मुताबिक, शहर में आठ कूड़ाघर हैं। शहर से रोजाना करीब 50 टन कूड़ा निकलता है। इन्हें ट्रक और ट्रैक्टरों के जरिए शहर मुख्यालय से लगभग पांच किलोमीटर दूर हटेटी पुरवा में डंप किया जाता है। नगर पालिका से सफाई निरीक्षक ओमवीर सिंह ने बताया कि प्रत्येक वाहन में चालक समेत दो सफाई कर्मियों की जरूरत होगी। इनकी नियुक्ति के लिए निर्धारित फर्म द्वारा टेंडर प्रक्रिया जारी है। अभी घरों से कूड़ा का कलेक्टशन रिक्शा व हाथ ट्राली से हो रहा है। कूड़ा कलेक्शन और उठान का ठेका झांसी के ठेकेदार के नाम है। उन्होंने बताया कि कूड़े का टैक्स लगता है। प्रति घर से 30 रुपये प्रतिमाह निर्धारित है। टैक्स कलेक्ट करके पालिका में जमा कराने की जिम्मेदारी ठेकेदार की है। कुल टैक्स का 10 फीसदी लाभ संबंधित ठेकेदार को मिलता है। स्वच्छ भारत मिशन को छह साल पूरे हो गए, लेकिन शहर से रोजाना निकल रहे करीब 50 टन कूड़ा निस्तारण की यहां कोई व्यवस्था नहीं है। कूड़ा खुले में फेंका जा रहा है। सड़कों पर सफाई हो रही है, कूड़ा उठान की व्यवस्था है, लेकिन कूड़ा प्रबंधन की उचित व्यवस्था न होने से स्वच्छता अभियान परवान नहीं चढ़ पा रही। इस बाबत पालिका के सफाई निरीक्षक ने बताया कि हटेटी पुरवा में ग्राम सभा की 1.4 हेक्टेयर जमीन चयनित कर ली गई है। अभी यहीं पर कूड़ा डंप किया जा रहा है। कूड़ा प्रोसेसिंग प्लांट भी प्रस्तावित है। इसके लिए पालिका के अभियंता लगातार पत्राचार करते रहते हैं।