धर्म - अध्यात्म

कुंडली का ये योग,बनाता है अकूत संपत्ति का मालिक

नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कुंडली के शुभ योग, दोष और भाव का खास महत्व है. कुंडली में कोई भी योग ग्रहों और भावों के मिलने से बनता है. कुंडली के भावों में ग्रहों की शुभ स्थिति से शुभ योग बनता है, जबकि अशुभ ग्रहों के कारण कुंडली में अशुभ योग बनते हैं. वैसे तो ज्योतिष में बहुत सारे योगों के बारे में बताया गया है, लेकिन उनमें से कुछ बेहद शुभ माने जाते हैं. उन्हीं में से एक है अखंड साम्राज्य योग. जानते हैं अखंड साम्राज्य योग के बारे में.

अखंड साम्राज्य योग बेहद शुभ होता है. इस योग की वजह से व्यक्ति को धन-दौलत और सुख-समृद्धि मिलती है. जिस व्यक्ति की कुंडली में यह योग होता है उसे भाग्य का पूरा साथ मिलता है. गरीब परिवार में जन्म लेने के बावजूद ही ऐसे लोग को मां लक्ष्मी की कृपा से दिन-रात तरक्की करते हैं. इसके अलावा ऐसे लोग जिंदगी के हर सुख का आनंद लेते हैं. इतना ही नहीं, अखंड साम्राज्य योग वाले लोग एक सफल राजनेता भी बनते हैं. इस योग का प्रभाव 75 वर्ष की उम्र तक रहता है.

कैसे बनता है अखंड साम्राज्य योग?
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक वृषभ, सिंह, वृश्चिक और कुंभ लग्न की कुंडली में अखंड साम्राज्य योग बनता है. जब कुंडली में बृहस्पति दूसरे, पांचवे या ग्यारहवें भाव का स्वामी होता है तब इस योग का निर्माण होता है. इसके अलावा अगर कुंडली के दूसरे, 9वें और 11वें भाव में चंद्रमा, बृहस्पति के साथ मजबूत स्थिति में है तो अखंड साम्राज्य योग बनता है. वहीं यह दुर्लभ योग तभी बनता है जब कुंडली के दूसरे, 10वें और 11वें भाव के स्वामी ग्रह एक साथ केंद्र में हो.
जिस व्यक्ति की कुंडली में अखंड साम्राज्य योग बनता है, उसे ताउम्र धन की कमी नहीं रहती है. ऐसे लोगों को पिता की संपत्ति पर भी पूरा अधिकार रहता है. इसके अलावा इस योग के प्रभाव से इंसान करियर और बिजनेस में जबरदस्त सफलता हासिल करता है. इतना ही नहीं इस योग के प्रभाव से जातक जीवन में हर तरह की सुख-सुविधा का आनंद लेता है.

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