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किस सीमा तक पिता अपने बच्चो को दे सकता है उपहार?

देश के मौजूदा इनकम टैक्स कानूनों के तहत किसी भी व्यक्ति को उपहार देने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. हालांकि, कुछ मामलों में कई तरह के उपहार आयकर कानून के दायरे में आते हैं जैसे बहू और किसी के जीवनसाथी को दिए गए उपहार, हस्तांतरित संपत्ति के कारण होने वाली आय को उपहार के तौर देने के मामले टैक्स के दायरे में आते हैं. लेकिन एक पिता किस हद तक अपने बेटे को उपहार दे सकता है, क्या कोई पिता अपने बेटे को फ्लैट खरीदकर उपहार दे सकता है, इस पर कानून क्या कहता है, यह जानने के लिए हमने इनकम टैक्स के जानकारों से राय ली.

भारतीय कर कानूनों के अनुसार एक व्यक्ति द्वारा प्राप्त उपहार, आमतौर पर उस समय कर योग्य हो जाते हैं जब एक वर्ष के अंदर प्राप्त किए गए इन उपहारों की कीमत 50,000 रुपये से ज्यादा हो जाती है. जब इन गिफ्ट्स की कीमत 50 हजार रुपये से कम रहती है, तो ये टैक्स के दायरे से परे होते हैं.
इसे ऐसे समझ सकते हैं कि अगर आपको एक वित्‍त वर्ष में 50,000 रुपये तक के उपहार मिलते हैं तो इस पर आपको कोई टैक्‍स नहीं देना होगा. हां, अगर गिफ्ट की कीमत 50 हजार के सीमा को जैसे ही क्रॉस करती है तो पूरे कीमत पर टैक्स देना होगा. माना आपको एक वित्त वर्ष में 60 हजार रुपये के उपहार मिले तो 60 हजार रुपये आपकी इनकम में जोड़ लिए जाएंगे.
हालांकि, इनमें भी कुछ अपवाद हैं. कुछ मामलों में 50,000 रुपये अधिक कीमत के उपहार भी टैक्स फ्री होते हैं. इनमें कुछ खास रिश्तेदारों से मिले उपहार आते हैं. जैसे एक पिता अपने बेटे को या एक बेटा अपने पिता कितनी भी राशि का उपहार दे सकते हैं. ये उपहार टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं.
इनकम टैक्‍स में रिश्‍तेदारों से मिलने वाले उपहार टैक्‍स छूट के दायरे में आते हैं. पति, पत्‍नी, भाई, बहन, पति और पत्‍नी के भाई-बहन समेत खून के रिश्‍ते वालों से मिलने वाला उपहार भी टैक्‍स छूट के दायरे में आता है.

शादी के समय मिलने वाले उपहार पर भी किसी तरह का कोई टैक्‍स नहीं लगता है. साथ ही विरासत या वसीयत में मिले उपहार पर टैक्‍स नहीं देना होता है. लेकिन शादी के अलावा किसी अन्य अवसर जैसे जन्मदिन, शादी की सालगिरह, मकान का मुहूर्त आदि पर गैर रिश्तेदारों से मिले उपहार 50 हजार की लिमिट पार करते ही टैक्सेबल हो जाते हैं.

इनकम टैक्स के मुताबिक, एक पिता अपने बेटे को या फिर एक बेटा अपने पिता को कितनी भी कीमत का उपहार दे सकता है. यह उपहार कर मुक्त होता है. इस उपहार के लिए कोई कानूनी कार्रवाई की जरूरत नहीं होती है. एक साधारण कागज पर आपसी संबंध और उपहार के बारे में जानकारी देते हुए दो गवाहों का हस्ताक्षर करवाया जा सकता है. उपहार प्राप्त करने वाले को अपनी आमदनी में इस गिफ्ट का उल्लेख करना होगा.

 

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