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किस राशि पर शनि की नजर, क्या होगा असर? हिंदू नववर्ष 8 से

8 अप्रैल, शुक्रवार से हिंदू नववर्ष विक्रम संवत्सर 2073 प्रारंभ हो रहा है। इस संवत्सर का नाम सौम्य है। इस संवत्सर के राजा शुक्र व मंत्री बुध हैं। ज्योतिषियों की मानें तो इस हिंदू नव वर्ष में शनिदेव का विशेष प्रभाव सभी राशियों पर अलग-अलग देखने को मिलेगा।
वर्तमान में शनि वृश्चिक राशि में वक्रीय स्थिति में है, जो 13 अगस्त को पुन: मार्गी हो जाएगा। इस समय तुला, वृश्चिक व धनु राशि शनि की साढेसाती की पीड़ित है, वहीं सिंह व मेष पर शनि की ढय्या का प्रभाव है।

मेष राशि

विक्रम संवत्सर 2073 में शनि वृश्चिक राशि में रहेगा। इस साल मेष राशि वालों पर शनि की ढय्या का प्रभाव रहेगा। आठवें स्थान की ढय्या विपरीत फल देने वाली रहेगी। काम-काज में रुकावटों व अड़चनों की स्थितियां बनेंगी। आठवे स्थान पर शनि होने से स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है। शत्रु आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे। पार्टनरशिप में नुकसान हो सकता है। व्यापार में अपनी सूझबूझ से आप मुनाफा बढ़ा लेंगे। किसी पर भी अधिक विश्वास न करें।
13 अगस्त 2016 तक शनि के वक्र स्थिति में रहने के कारण सर्जरी करवाने की स्थिति बन सकती है या फिर अन्य किसी कारण अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं। बॉस से किसी बात पर कहासुनी हो सकती है। किसी खास व्यक्ति से बिछड़ना हो सकता है। अपनी पूरी क्षमता व योग्यता का इस्तेमाल करने के बाद भी शनि की ढय्या के कारण परिणाम आशाजनक नहीं रहेंगे।

उपाय

1.सवा पांच रत्ती का नीलम या उपरत्न (नीली) सोना, चांदी या तांबे की अंगूठी में अभिमंत्रित करवा कर धारण करें।
2. शनि यंत्र के साथ नीलम या फिरोजा रत्न गले में लॉकेट की आकृति में पहन सकते हैं, यह उपाय भी उत्तम है।
3. किसी भी विद्वान ब्राह्मण से या स्वयं शनि के तंत्रोक्त, वैदिक मंत्रों के 23000 जाप करें या करवाएं। ये है शनि का तंत्रोक्त मंत्र-
ऊं प्रां प्रीं स: श्नैश्चराय नम:
4. शनिवार को व्रत रखें। चींटियों को आटा डालें।
5. जूते, काले कपड़े, मोटा अनाज व लोहे के बर्तन दान करें।

वृषभ राशि

विक्रम संवत्सर 2073 में शनि आपकी राशि से सातवें स्थान पर रहेगा। शनि की यह स्थिति मिले-जुले फल देने वाली रहेगी। व्यापार में लाभ होगा, पैसा आएगा, लेकिन टिकेगा नहीं। पति-पत्नी में तनाव के कारण दांपत्य जीवन में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। करियर व नौकरी के लिए किए गए प्रयासों का फल समय रहते ही मिल जाएगा। इस साल घर में कोई शुभ काम के योग बन रहे हैं। नया वाहन खरीद सकते हैं। परिवार के सदस्यों की संख्या भी बढ़ सकती है।
जरूरत से ज्यादा खर्च न करने में ही भलाई है। 13 अगस्त तक शनि के वक्री होने के दौरान प्रेमी-प्रेमिका में गलतफहमी व दांपत्य जीवन में तनाव की स्थिति बन सकती है। व्यापार में समझदारी से निर्णय लेने की की जरूरत है। ये समय व्यापार बढ़ाने के लिए उत्तम है। शत्रु आपका नुकसान करने की कोशिश करेंगे, लेकिन सफल नहीं हो पाएंगे। परिवार में सुख-शांति बढ़ेगी। किसी बड़े आदमी का साथ मिलेगा।

उपाय

1.शनिवार को काले घोड़े की नाल या समुद्री नाव की कील से लोहे की अंगूठी बनवाएं। उसे तिल्ली के तेल में सात दिन शनिवार से शनिवार तक रखें तथा उस पर शनि मंत्र के 23000 जाप करें। शनिवार की शाम को इसे धारण करें।
2. यह अंगूठी मध्यमा (शनि की अंगुली) में ही पहनें तथा इसके लिए पुष्य, अनुराधा, उत्तरा, भाद्रपद एवं रोहिणी नक्षत्र सर्वश्रेष्ठ है।
3. किसी भी विद्वान ब्राह्मण से या स्वयं शनि के तंत्रोक्त, वैदिक मंत्रों के 23000 जाप करें या करवाएं।

मिथुन राशि

विक्रम संवत्सर 2073 में शनि आपकी राशि से छठे स्थान पर रहेगा। शनि की यह स्थिति शुभ फल देने वाली रहेगी। दुश्मन अपनी पूरी कोशिश करने के बाद भी आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे। व्यापार बढ़ाने के लिए आप जो भी प्रयास करेंगे, उसमें आपको मनचाही सफलता मिलेगी। व्यापार की दृष्टि से ये साल आपके लिए बहुत खास रहेगा। इस साल माता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बनी रहेगी। ऑफिस में आपका दबदबा कायम रहेगा।
परिवार व संतान को लेकर मन में जरूर चिंता की स्थितियां बन सकती है। दांपत्य जीवन में हल्का-फुल्का तनाव रह सकता है, जो जल्दी ही खत्म भी हो जाएगा। कोई बड़ा निर्णय लेते समय बड़े-बुजुर्गों की राय जरूर लें, इससे लाभ होगा। 13 अगस्त तक जब शनि व्रक स्थिति में होगा, उस समय स्वास्थ्य को लेकर परेशानी हो सकती है। कुल मिलाकर ये साल आपके लिए अच्छा रहेगा।

उपाय

1.शनि के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए 7 प्रकार के अनाज व दालों को मिश्रित करके पक्षियों को चुगाएं।
2. बैंगनी रंग का सुगंधित रूमाल अपने पास रखें।
3. शनिदेव के सामने खड़े रहकर दर्शन न करें, एक ओर खड़े रहकर दर्शन करें जिससे की शनिदेव की दृष्टि सीधे आप पर नहीं पड़े।
4. सवा पांच रत्ती का नीलम या उपरत्न (नीली) सोना, चांदी या तांबे की अंगूठी में अभिमंत्रित करवा कर धारण करें।

कर्क राशि

विक्रम संवत्सर 2073 में शनि आपकी राशि से पांचवे स्थान पर रहेगा। शनि की यह स्थिति व्यापार व नौकरी के दृष्टिकोण से शुभ फल देने वाली रहेगी। बिजनेस में नए एग्रीमेंट होंगे, जो आपकी उन्नति में सहायक होंगे। आर्थिक रूप से यह साल आपके लिए अच्छा रहेगा। स्वास्थ्य को लेकर थोड़ी बहुत परेशानी हो सकती है। विद्यार्थियों का ध्यान पढ़ाई में लगा रहेगा। अगर नौकरी के लिए कोई तैयारी कर रहे हैं तो उसमें भी सफलता मिलेगी।
13 अगस्त तक शनि के वक्र स्थिति में होने से कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान गुस्से पर काबू रखें, जल्दबाजी में लिए गए निर्णय से आर्थिक नुकसान हो सकता है। परिवार के किसी सदस्य के कारण परेशानी आ सकती है। परिवार के किसी बड़े बुजुर्ग का स्वास्थ्य खराब रह सकता है। कोई अप्रिय समाचार भी सुनने को मिल सकता है। पति-पत्नी में छोटे-मोटे तनाव हो सकते हैं, हालांकि ये आपसी सामंजस्य से सुलझ जाएंगे।

उपाय

1.प्रत्येक शनिवार को शाम के समय बड़ (बरगद) और पीपल के पेड़ के नीचे सूर्योदय से पहले स्नान आदि करने के बाद सरसों के तेल का दीपक लगाएं और दूध एवं धूप आदि अर्पित करें।
2. काले धागे में बिच्छू घास की जड़ को अभिमंत्रित करवा कर शनिवार को श्रवण नक्षत्र में या शनि जयंती के शुभ मुहूर्त में धारण करने से भी शनि संबंधी सभी कार्यों में सफलता मिलती है।
3. शनिवार को इन 10 नामों से शनिदेव का पूजन करें-
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।

अर्थात: 1- कोणस्थ, 2- पिंगल, 3- बभ्रु, 4- कृष्ण, 5- रौद्रान्तक, 6- यम, 7, सौरि, 8- शनैश्चर, 9- मंद व 10- पिप्पलाद। इन दस नामों से शनिदेव का स्मरण करने से सभी शनि दोष दूर हो जाते हैं।

सिंह राशि

विक्रम संवत्सर 2073 में शनि आपकी राशि से चौथे स्थान पर रहेगा। शनि की ढय्या का प्रभाव आपकी राशि पर रहेगा, जिसके कारण कामों में बाधाएं व रुकावटें आएंगी। स्वास्थ्य को लेकर भी परेशानी बनी रहेगी। पेट से संबंधित कोई रोग हो सकता है। 13 अगस्त तक शनि की वक्र स्थिति में शल्य क्रिया (सर्जरी) की स्थिति बन सकती है। व्यापार में उन्नति के लिए आप इस साल भरपूर प्रयास करेंगे, लेकिन उनसे आपको आंशिक सफलता ही मिलेगी।
भूमि, भवन व संपत्ति को लेकर चिंता या कोर्ट केस की स्थिति बन सकती है। शत्रु व विरोधी हावी होंगे। आपके खिलाफ कोई गुप्त षड़यंत्र रचा जा सकता है। करियर में अस्थिरता की स्थिति रहेगी। नौकरी में बार-बार परिवर्तन की आशंका भी बनी रहेगी। बिजनेस में स्थिति अच्छी नहीं रहेगी। अनजान व्यक्ति से नुकसान हो सकता है। विद्यार्थियों के लिए ये साल अच्छा रहेगा। यात्राएं ज्यादा होंगी। आपकी कोई खास चीज चोरी हो सकती है।

उपाय

1.काली गाय की सेवा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। उसके शीश पर रोली लगाकर सींगों में कलावा बांधकर धूप-आरती करनी चाहिए। फिर परिक्रमा करके गाय को बूंदी के चार लड्डू खिला दें।
2. हर शनिवार उपवास रखें। सूर्यास्त के बाद हनुमानजी का पूजन करें। पूजन में सिंदूर, काली तिल्ली का तेल, इस तेल का दीपक एवं नीले रंग के फूल का प्रयोग करें।
3. सवा पांच रत्ती का नीलम या उपरत्न(नीली) सोना, चांदी या तांबे की अंगूठी में अभिमंत्रित करवा कर धारण करें।
4. जूते, काले कपड़े, मोटा अनाज व लोहे के बर्तन दान करें।

कन्या राशि

विक्रम संवत्सर 2073 में शनि आपकी राशि से तीसरे स्थान पर रहेगा। इसलिए ये साल कन्या राशि के लोगों के लिए शुभ रहेगा। इस साल आपका स्वास्थ्य नार्मल रहेगा। हल्की-फुल्की मौसमी बीमारियां हो सकती हैं। बिजनेस में नई सोच के कारण मुनाफा बढ़ सकता है। ऑफिस में सभी आपके काम से खुश रहेंगे। घर-परिवार में स्थिति संतोषजनक रहेगी। लाइफ पार्टनर से पूरा-पूरा सहयोग मिलेगा। कोई अपना ही धोखा दे सकता है।
13 अगस्त तक शनि की वक्र स्थिति के कारण कोई बड़ा आर्डर आपके हाथ से निकल सकता है। पैसा आएगा, लेकिन खर्च भी होगा। इसलिए फिजूलखर्ची से बचें। भाइयों से संपत्ति को लेकर कोई विवाद हो सकता है। घर के किसी सदस्य की बीमारी में खर्च हो सकता है। सामाजिक कामों में रूचि बढ़ेगी। हर काम सोच-समझकर करें, क्योंकि तीसरे स्थान पर शनि के होने से कोई झूठा आरोप लग सकता है।

उपाय

1. शनिवार को बंदरों और काले कुत्तों को लड्डू खिलाने से भी शनि का कुप्रभाव कम हो जाता है अथवा काले घोड़े की नाल या नाव में लगी कील से बना छल्ला धारण करें।
2. शुक्रवार की रात काले चने पानी में भिगो दे। शनिवार को ये चने, कच्चा कोयला, हल्की लोहे की पत्ती एक काले कपड़े में बांधकर मछलियों के तालाब में डाल दें। यह टोटका पूरा एक साल करें। इस दौरान भूल से भी मछली का सेवन न करें।
3. किसी भी विद्वान ब्राह्मण से या स्वयं शनि के तंत्रोक्त, वैदिक मंत्रों के 23000 जाप करें या करवाएं। ये है शनि का तंत्रोक्त मंत्र-

ऊँ प्रां प्रीं स: श्नैश्चराय नम:
4. शनिवार को व्रत रखें। चींटियों को आटा डालें।

तुला राशि

तुला राशि के लोगों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है, जिसके चलते विक्रम संवत्सर 2073 इनके लिए चुनौतियों से भरा रहेगा। स्वास्थ्य को लेकर परेशानी बनी रहेगी। दुर्घटना होने का भय है, इसलिए वाहन संभलकर चलाएं। लंबे समय तक बनी रहने वाली बीमारी जैसे- डायबिटिज, ब्लड प्रेशर, दिल से संबंधित बीमारियां होने की आशंका है। आर्थिक रूप से भी परेशानी बनी रहेगी, हालांकि अंतिम समय में आपकी जरूरतें पूरी हो जाएंगी। किसी बड़े आदमी का साथ मिलेगा।
संतान पक्ष को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। शत्रु पक्ष नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे, संभलकर रहें। व्यापार में कोई खास सफलता मिलने में संदेह है, वहीं ऑफिस में बॉस भी आपके काम से खुश नहीं रहेंगे। फिजूलखर्ची पर नियंत्रण रखें। टारगेट पूरा करने का दवाब बना रहेगा। संकट की इस स्थिति में पत्नी का सहयोग मिलेगा। नौकरी बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।

उपाय

1. शनिवार को सवा-सवा किलो काले चने अलग-अलग तीन बर्तनों में भिगो दें। इसके बाद नहाकर, साफ वस्त्र पहनकर शनिदेव का पूजन करें और चनों को सरसों के तेल में छौंक कर इनका भोग शनिदेव को लगाएं और अपनी समस्याओं के निवारण के लिए प्रार्थना करें।
इसके बाद पहला सवा किलो चना भैंसे को खिला दें। दूसरा सवा किलो चना कुष्ट रोगियों में बांट दें और तीसरा सवा किलो चना अपने ऊपर से उतारकर किसी सुनसान स्थान पर रख आएं। इस टोटके को करने से शनिदेव के प्रकोप में अवश्य कमी होगी।
2. सवा किलो काला कोयला, एक लोहे की कील एक काले कपड़े में बांधकर अपने सिर पर से घुमाकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।

वृश्चिक राशि

विक्रम संवत्सर 2073 में वृश्चिक राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा। इसके चलते स्वास्थ्य में परेशानी आ सकती है। एक के बाद एक समस्याएं आती रहेंगी। खाने-पीने को लेकर सावधानी बरतें। बिजनेस में जीतोड़ मेहनत करने के बाद भी मनचाहे परिणाम मिलने में संदेह है। गोचरवश इस साल शनि आपकी राशि में ही स्थित है, जिसके कारण अधिकारियों व बॉस से आपका सामंजस्य जम नहीं पाएगा। टारगेट पूरा करने का दवाब बना रहेगा, जिससे मानसिक कष्ट होगा।
13 अगस्त तक शनि की व्रक स्थिति के कारण कोई बड़ा नुकसान हो सकता है या कोई चोट भी लग सकती है। किसी पर भी आंखें मूंदकर भरोसा न करें। कोई अपना ही आपको धोखा दे सकता है। परिवार के लोगों का पूरा-पूरा सहयोग मिलेगा। विद्यार्थियों का मन पढ़ाई में नहीं लगेगा। मन में भटकाव की स्थिति बनी रहेगी। लाइफ पार्टनर का साथ मिलेगा।

उपाय

1.शनिवार को शनि यंत्र की स्थापना व पूजन करें। इसके बाद प्रतिदिन इस यंत्र की विधि-विधान पूर्वक पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। प्रतिदिन यंत्र के सामने सरसों के तेल का दीप जलाएं। नीला या काला पुष्प चढ़ाएं ऐसा करने से लाभ होगा।
2. शनिवार या शनि जयंती को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर कुश (एक प्रकार की घास) के आसन पर बैठ जाएं। सामने शनिदेव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें व उसकी पंचोपचार से विधिवत पूजन करें। इसके बाद रूद्राक्ष की माला से नीचे लिखे किसी एक मंत्र की कम से कम पांच माला जाप करें तथा शनिदेव से सुख-संपत्ति के लिए प्रार्थना करें। यदि प्रत्येक शनिवार को इस मंत्र का इसी विधि से जप करेंगे तो शीघ्र लाभ होगा।

धनु राशि

विक्रम संवत्सर 2073 में शनि आपकी राशि से 12वें स्थान पर रहेगा। इस राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा। खर्च में अत्यधिक वृद्धि हो सकती है। पैसों को लेकर समस्याएं इस साल बनी रहेंगी। बिजनेस को पटरी पर लाने के लिए आप हर प्रयास करेंगे, लेकिन जैसी आप चाहते हैं, वैसी सफलता नहीं मिलेगी। नौकरी में प्रमोशन न मिलने से निराश हो सकते हैं। ट्रांसफर भी संभव है, लेकिन बॉस व अधिकारियों से अच्छे संबंध बने रहेंगे।
इस साल कई उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। किसी से कर्ज लेना पड़ सकता है। अपने लोग ही दुश्मन बन सकते हैं। गुस्से पर काबू रखें नहीं तो सामाजिक कामों में निंदा के पात्र बन सकते हैं। 13 अगस्त तक शनि की व्रक स्थिति के कारण व्यापार में कोई ठोस निर्णय आप ले सकते हैं। विद्यार्थियों के लिए समय लाभ देने वाला रहेगा। प्रेम प्रसंगों में सफलता मिलेगी। पति-पत्नी में तालमेल बना रहेगा। एक्सीडेंट की संभावना है, वाहन संभलकर चलाएं।

उपाय

1. शनिवार को किसी हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें और शनि दोष की शांति के लिए हनुमानजी से प्रार्थना करें। बूंदी के लड्डू का भोग भी लगाएं।
2. शनिवार को 11 नारियल बहते हुए जल में प्रवाहित करें और शनिदेव से जीवन को सुखमय बनाने के लिए प्रार्थना करें।
3. प्रत्येक शनिवार को शाम के समय बड़ (बरगद) और पीपल के पेड़ के नीचे सूर्योदय से पहले स्नान आदि करने के बाद सरसों के तेल का दीपक लगाएं और दूध एवं धूप आदि अर्पित करें।
4. सवा पांच रत्ती का नीलम या उपरत्न(नीली) सोना, चांदी या तांबे की अंगूठी में अभिमंत्रित करवा कर धारण करें।

कुंभ राशि

विक्रम संवत्सर 2073 में शनि आपकी राशि से 10वें स्थान पर रहेगा। यह साल आपके लिए नई संभावनाएं लेकर आ रहा है। बिजनेस के क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन की संभावना है। राजनीतिक क्षेत्र में दखल रखने वाले लोगों के लिए भी ये साल महत्वपूर्ण साबित होगा। राशि स्वामी शनि के कारण आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। मौसमी बीमारियां हो सकती हैं। नौकरी में कोई नई जिम्मेदारी मिल सकती है या प्रमोशन भी मिल सकता है।
बॉस व अधिकारी आपके काम से खुश रहेंगे। व्यापार में भी अपेक्षित लाभ मिलेगा। अचल संपत्ति जैसे- मकान, जमीन, फैक्टरी के लिए लोन लेना पड़ सकता है, लेकिन वह आप समय रहते चुका देंगे। नई तकनीक की मदद से उत्पादन बढ़ेगा। 13 अगस्त तक शनि की वक्र स्थिति के कारण बिजनेस में थोड़ी सावधानी रखें तो बेहतर रहेगा। घर-परिवार में सुख शांति बनी रहेगी। नौकरी में और भी बेहतर अवसर मिल सकते हैं।

उपाय

1.शनिवार को बंदरों और काले कुत्तों को लड्डू खिलाने से भी शनि का कुप्रभाव कम हो जाता है अथवा काले घोड़े की नाल या नाव में लगी कील से बना छल्ला धारण करें।
2. शनि यंत्र के साथ नीलम या फिरोजा रत्न गले में लॉकेट की आकृति में पहन सकते हैं, यह उपाय भी उत्तम है।
3. बैंगनी रंग का सुगंधित रूमाल अपने पास रखें।
4. शनिदेव के सामने खड़े रहकर दर्शन न करें, एक ओर खड़े रहकर दर्शन करें, जिससे की शनिदेव की दृष्टि सीधे आप पर नहीं पड़े।
5. शनिवार को हनुमानजी को चोला चढ़ाएं। चोले में सरसों या चमेली के तेल का उपयोग करें और इन तेलों से ही दीपक भी जलाएं।

मीन राशि

विक्रम संवत्सर 2073 में शनि आपकी राशि से नौवे स्थान पर रहेगा। शनि की यह स्थिति आपके लिए शुभ रहेगी। इस साल आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। बिजनेस में बेहतर स्थितियां बनेंगी। धन लाभ के अनेक योग बनेंगे। आर्थिक रूप से ये साल काफी अच्छा रहेगा। किसी अधिकारी या राजनीतिक व्यक्ति से संपर्क बनेंगे, इनके कारण आगे चलकर आपको लाभ भी होगा। घर परिवार में स्थिति अच्छी रहेगी।
संतान से संबंधित कोई महत्वपूर्ण निर्णय आप इस साल ले सकते हैं। कोई नई चीज खरीदने का मन बनेगा। 13 अगस्त तक शनि की व्रक स्थिति में आपके साथ कोई अनहोनी घटना हो सकती है। वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं। बुरी आदतों जैसे- शराब, सिगरेट आदि पर नियंत्रण रखें। हर काम संयम व धैर्य से करें। परिवार के सारे ही लोग आपसी सामंजस्य, प्रेम व सौहार्द से रहेंगे।

उपाय

1.चोकरयुक्त आटे की 2 रोटी लेकर एक पर तेल और दूसरी पर घी दें। घी वाली रोटी पर थोड़ा मिष्ठान रखकर काली गाय को खिला दें तथा दूसरी रोटी काले कुत्ते को खिला दें और शनिदेव का स्मरण करें।
2. शनिवार को एक कांसे की कटोरी में तिल का तेल भर कर उसमें अपना मुख देख कर और काले कपड़े में काले उड़द, सवा किलो अनाज, दो लड्डू, फल, काला कोयला और लोहे की कील रख कर डाकोत(शनि का दान लेने वाला) को दान कर दें।
3. शनिवार को किसी हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें और शनि दोष की शांति के लिए हनुमानजी से प्रार्थना करें। बूंदी के लड्डू का भोग भी लगाएं।
4. शनिवार को 11 नारियल बहते हुए जल में प्रवाहित करें और शनिदेव से जीवन को सुखमय बनाने के लिए प्रार्थना करें।

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