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किसान संगठनों ने बताया कृषि कानूनों को डैथ वारंट, 26 को दिल्ली कूच करने का ऐलान

चंडीगढ़ राष्ट्रीय किसान संगठन के बैनर तले 500 से ज्यादा किसान संगठनों की हुई बैठक में देश-भर से आए किसान नेताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ पूरी तरह से मोर्चा खोल दिया है। बैठक में निर्णय लिया गया कि 26 नवंबर को दिल्ली में होने जा रही रैली में जाने से अगर कहीं भी किसान जत्थेबंदियों को रोका गया तो किसान वहीं धरने पर बैठ जाएंगे। दूसरे राज्यों से आए नेताओं ने यह भी कहा की कृषि कानूनों को समझने में देश के अन्य हिस्सों के किसानों को समय लगेगा। उन्होंने कहा कि यह कृषि कानून किसानों के लिए डैथ वारंट है। विभिन्न संगठनों ने केंद्र सरकार से एक बार फिर से मालगाडिय़ों की आवाजाही बहाल करने की भी मांग की है। स्वराज पार्टी के नेता व सामाज वैज्ञानिक योगेंद्र यादव ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि दिल्ली में होने वाले 26-27 नवंबर को किसानों के आंदोलन की पूरी तैयार हो चुकी है। पिछले 50 सालों में इतना एकजुट कभी नहीं हुआ है। यादव ने कहा कि यह संघर्ष देश में ऐतीहासिक संघर्ष होगा। गौरतलब है कि गत बुधवार को चंडीगढ़ में ही पंजाब के करीब 30 संगठनों की सांझा बैठक हुई थी, जिसमें किसानों ने केंद्र सरकार से मालगाडिय़ों को पहले चलाने का आहवान किया था। उनका कहना था कि केंद्र सरकार पहले मालगाडिय़ां चलाए उसके बाद ही किसान पैंसेजर ट्रेनें चलाने पर फैसला लेगी।

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