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किसान आंदोलन के बीच यूपी में योगी सरकार ने किसानों को दिया ये बड़ा तोहफा – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

26 नवंबर से दिल्ली के अलग-अलग बार्डर पर किसान धरना दिए हुए है और सरकार से कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे है. जिसको लेकर सरकार के साथ किसानों की कई बैठके भी हो चुकी है. लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया है. नवंबर से चल रहे इस आंदोलन से सरकार ने कृषि कानून में किसानों के कहने पर बहुत से बदलाव किए. लेकिन फिर भी दिल्ली के अलग-अलग बार्डर पर अभी भी किसान अपनी मांग पर अड़े हुए है. किसानों को दिल्ली के बार्डर पर 65 दिन से ज्यादा का समय हो गया है. इसी बीच उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे के किसानों को एक बड़ा तोहफा दिया हैं. ये तोहफा किसानों को गेहूं की खरीद पर फिक्स MSP के जरिए सरकार ने दिया है. बता दें कि सरकार ने आगामी एक अप्रैल से प्रदेश में होने जा रही गेंहू की खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को फिक्स कर दिया है. साथ ही गेहूं के लिए होने वाली सरकारी खरीद पर MSP 1975 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है. जोकि पिछले साल के मुकाबले 50 रुपए अधिक है पिछले साल MSP 1925 रुपए प्रति क्विंटल थी. इसके साथ ही योगी सरकार ने फसल की खरीद को इलेक्ट्रॉनिक प्वाइण्ट ऑफ परचेज (ई-पॉप) मशीनों के जरिए कराए जाने के निर्देश भी दिए हैं.

बीते 5 सालों की बात करें तो बीते 5 साल में धान की फसलों पर मिलने वाले MSP में 2.4 गुना इजाफा हुआ है. साल 2009-10 से लेकर 2013-14 में किसानों को 2.06 लाख करोड़ रुपये का एमएसपी पेमेंट किया गया था. जबकि, बीते पांच साल में यह बढ़कर 4.95 लाख करोड़ रुपये किया गया है. वहीं 2009-10 से लेकर 2013-14 की तुलना में देखें तो बीते 5 साल के दौरान गेहूं की MSP में 1.77 गुना का इजाफा हुआ है. गेहूं की फसलों के लिए पहले जहां 1.68 लाख करोड़ रुपये का पेमेंट किया गया था, वहां बीते 5 साल में यह पेमेंट 2.97 लाख करोड़ रुपये किया गया है. इसी प्रकार दालों के लिए MSP में 75 गुना का इजाफा हुआ है. 2009-10 से लेकर 2013-14 के बीच दालों के लिए कुल 645 करोड़ रुपये का MSP पेमेंट किया गया था. लेकिन, बीते पांच साल में यह आंकड़ा 49,000 करोड़ रुपये किया गया है.  राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने शनिवार को निर्देश दिया कि किसानों तक राज्य सरकार की सीधी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए गेहूं खरीदने वाले सेंटर पर ‘ई-पॉप’ मशीन के जरिए फसल खरीदी का काम किया जाए. प्रवक्ता ने बताया कि ई-पॉप मशीन की मदद से गेहूं खरीदने वाले सेंटर पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना का सीधा लाभ मिलेगा. साथ ही साफ और सही रियल टाइम डेटा भी हासिल किया जा सकेगा. इस योजना से बिचौलियों खुद बीच से हट जाएंगे. फिलहाल प्रदेश में राज्य सरकार 6 हजार से ज्यादा गेहूं खरीदने वाले सेंटर खोलने की तैयारी में है. लेकिन इतना सब करने के बाद भी किसान अपनी मांगों पर डटे हुए है. अब देखना ये होगा कि कब किसान इस आंदोलन को खत्म करके वापस अपने घर कब जाते है.

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