किसानों ने बजाई ताली थाली, 30 को सिंघु बार्डर से टीकरी व शाहजहांपुर तक ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे

नई दिल्ली। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर जारी किसानों का प्रदर्शन रविवार को 32वें भी जारी रहा। दिल्ली बार्डर पर आंदोलनरत किसान 30 दिसंबर को ट्रैक्टर लेकर मार्च निकालेंगे। इसमें सिंघु बार्डर से टीकरी और शाहजहांपुर तक किसान मार्च करेंगे। किसानों ने एक जनवरी को नया साल दिल्ली व हरियाणा निवासियों को उनके साथ मनाने का न्योता दिया है।
वहीं, नोएडा के सेक्टर 14 ए स्थित चिल्ला बार्डर पर पिछले 27 दिन से धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन (भानु) के कार्यकर्ताओं ने रविवार को धरना स्थल पर ताली-थाली बजाकर नए कृषि कानूनों के प्रति अपना विरोध जताया। किसानों का कहना है वह पिछले कई दिन से धरने पर बैठे हैं लेकिन सरकार उनकी मांगों की अनसुनी कर रही है। किसानों ने कोरोना काल में ताली थाली बजाकर सरकार का समर्थन किया था। लेकिन अब ताली थाली बजाकर विरोध जताया है।
प्रदर्शनकारी किसान फसल उगाने के लिए बुराड़ी में निरंकारी समागम मैदान का उपयोग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि चूंकि हम विरोध प्रदर्शन के दौरान एक महीने से बेकार बैठे हैं, हमने प्याज उगाने के बारे में सोचा, क्योंकि हम इसे अपने दैनिक खाना पकाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। हम बुराड़ी के मैदान में फसल उगाएंगे।
गाज़ीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अरदास की। कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। किसान संगठनों ने सरकार को वार्ता के लिए 29 दिसंबर का प्रस्ताव दिया है।
उधर, दिल्ली-जयपुर हाईवे पर राजस्थान सीमा में शाहजहांपुर बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसान डटे हुए हैं। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का शनिवार को छह घंटे यूपी गेट पर पूरी तरह से कब्जा रहा। इस दौरान वाहन चालक यूपी गेट होकर दिल्ली से आवाजाही नहीं कर सके। उन्हें काफी परेशानी हुई। उन्होंने किसानों को जमकर कोसा। यूपी गेट पर 28 नवंबर से किसानों का आंदोलन चल रहा है। किसानों का राष्ट्रीय राजमार्ग-नौ और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की दिल्ली जाने वाली सभी लेनों पर कब्जा है। वाहन चालक यहां से दिल्ली नहीं जा पा रहे हैं।