किसानों ने किया ‘रेल रोको’ अभियान का ऐलान,मोदी ने दिया बातचीत का न्योता
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोक सभा में बोलते हुए किसानों से आग्रह किया कि आइए टेबल पर बैठकर बात करते हैं, लेकिन इधर किसानों ने अपने आंदोलन को और तेज कर दिया है. तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करते हुए प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों ने 18 फरवरी को चार घंटे के राष्ट्रव्यापी ‘रेल रोको’ अभियान की घोषणा कर दी है.
किसानों ने 2019 में पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीद हुए जवानों की याद में 14 फरवरी को कैंडल मार्च निकालने का भी फैसला किया है. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक बयान में यह भी घोषणा की कि अपनी एक सप्ताह लंबी विरोध रणनीति के तहत राजस्थान में 12 फरवरी से टोल नाके बंद किए जाएंगे. बयान में कहा गया है, ‘पूरे देश में 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक ‘रेल रोको’ अभियान चलाया जाएगा.’
तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर इस महीने के शुरू में उन्होंने तीन घंटे के लिए सड़कों को अवरुद्ध किया था. गौरतलब है कि दिल्ली की सीमाओं पर किसान पिछले कई महीनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को कहा कि आंदोलनकारी किसान केंद्र में कोई सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि किसान नेता आंदोलन के प्रसार के लिए देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा करेंगे.
टिकैत ने सिंघु बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि केंद्र कृषकों के मुद्दों का समाधान नहीं कर देता. उन्होंने कहा, ‘सत्ता परिवर्तन (केंद्र में) का हमारा कोई उद्देश्य नहीं है. सरकार को अपना काम करना चाहिए. हम कृषि कानूनों को निरस्त कराना और एमएसपी पर कानून चाहते हैं.’ टिकैत ने यह भी कहा कि संयुक्त किसान मोर्चे की एकता अक्षुण्ण है और सरकार को किसी भ्रम में नहीं रहना चाहिए.
इससे पहले बुधवार शाम को लोक सभा में पीएम मोदी ने कहा कि कृषि कानूनों के कंटेंट पर चर्चा करने के बजाय हमारी विपक्षी पार्टियों ने कृषि कानूनों के रंग पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि अगर विपक्षी पार्टियां कृषि कानूनों के कंटेंट पर चर्चा करतीं तो हमारे किसान भाई-बहनों के मन में गलतफहमी न होती.
प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून लागू होने के बाद न देश में कोई मंडी बंद हुई, न एमएसपी बंद हुआ. ये सच्चाई है. इतना ही नहीं ये कानून बनने के बाद एमएसपी की खरीद भी बढ़ी है. उन्होंने कहा आंदोलनजीवी इसी तरह अफवाहें फैला रहे हैं. पीएम ने कहा कि मैं हैरान हूं कि पहली बार सदन में ऐसा तर्क आया कि हमने मांगा नहीं तो आपने दिया क्यों. उन्होंने कहा कि ये कानून किसी के ऊपर थोपे नहीं गए. जिसे चाहिए वो लें नहीं चाहिए तो न लें.