अंतराष्ट्रीय

कागो में फटा ज्वालामुखी,32 की मौत ,30 हजार हुए बेघर

गोमा (कांगो) : कांगो के गोमा शहर में एक बार फिर से ज्वालामुखी फटा, हालांकि इसकी तीव्रता कम थी. सरकार ने बताया, ‘पूर्वी कांगो के गोमा शहर के नजदीक स्थित ज्वालामुखी माउंट नीरागोंगो उत्तर दिशा में शनिवार को एक बार फिर से सक्रिय हुआ था.’

कांगो के संचार और मीडिया मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, ‘माउंट नीरागोंगो के उत्तरी हिस्से में कम तीव्रता वाला ज्वालामुखी फटा है. ज्वालामुखी से निकलने वाला लावा विरुंगा पार्क के अंतर्गत आने वाले एक निर्जन इलाके में बह रहा है.’

कांगो के उत्तरी-पूर्वी प्रांत उत्तर किवू की राजधानी गोमा में दो सक्रिय ज्वालामुखी हैं नीरागोंगो और नीयामुलागिरा. इससे पहले बीते 22 मई को नीरागोंगो ज्वालामुखी फटा था, जिसमें 32 लोगों की मौत हो गई थी. ज्वालामुखी माउंट नीरागोंगो फटने के बाद लावा बहकर यहां के गांवों में आ गया, जिसके कारण यहां 500 से ज्यादा मकान नष्ट हो गए थे.

गोमा में ज्लावामुखी संबंधी वेधशाला के निदेशक सेलेस्टिन कासेरेका महिंदा ने बताया था कि कई लोगों की लावा से निकलने वाले धुंए तथा जहरीली गैस के संपर्क में आने से मौत हुई. महिंदा ने बताया कि वेधशाला के वैज्ञानिक ज्वालामुखी फटने की आशंका के संबंध में जनता को उचित तरीके से सचेत नहीं कर पाए.

वहीं, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने बताया कि 22 मई को ज्वालामुखी माउंट नीरागोंगो के फटने की वजह से करीब पांच हजार लोग गोमा शहर छोड़कर चले गए, जबकि अन्य 25,000 ने उत्तर पश्चिम में साके शहर में शरण ली. इस प्राकृतिक आपदा के बाद से 170 से अधिक बच्चे लापता हैं. यूनिसेफ के अधिकारियों का कहना है कि वे ऐसे बच्चों की मदद के लिए शिविर लगा रहे हैं जो अकेले हैं, जिनके साथ कोई वयस्क नहीं है. यह ज्वालामुखी पिछली बार वर्ष 2002 में फटा था तब भी यहां भारी तबाही मची थी. सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी तथा 1,00,000 से अधिक लोग बेघर हो गए थे.

 

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