उत्तर प्रदेशराजनीति

कहा- मुझे गोली मारे जाने का कर रहे थे इंतजार, अनुप्रिया का DM-SP पर आरोप

इलाहाबाद.अनुप्रिया पटेल ने यहां के डीएम और पुलिस कप्‍तान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्‍होंने कहा, ‘डीएम और पुलिस कप्‍तान मुझे गोली मारे जाने का इंतजार कर रहे थे। यही नहीं, मुझ पर हमला किए जाने के 6 घंटे तक न तो रिपोर्ट दर्ज की और न ही मौके पर पहुंचे। जबकि सीएम, चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी का निर्देश है कि डीएम और एसपी हर संवेदनशील घटना पर खुद पहुंचेंं।’ आगे पढ़िए और क्‍या कहा अनुप्रिया पटेल ने…
-बीते रविवार को अनुप्रिया पर पथराव किए जाने के बाद सोमवार को उन्‍होंने इलाहाबाद के सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्‍फ्रेंस की।
-उन्‍होंने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है।
-प्रदेश में गुंडाराज कायम है। अखिलेश यादव को अपने अफसरों पर कोई नियंत्रण नहीं है।
-राज्‍य की जनता खौफ में जी रही है और सुरक्षा नाम की कोई चीज नहीं है।
-अपराधी पुलिस और थाने के सामने गुंडई करने में लगे हैं और उनको दंड नहीं दिया जा रहा है।
-हालत ऐसे हो गए हैं कि मंत्रियों के काफिले पर हमले हो रहे हैं।
-जन प्रतिनिधियों के साथ गुंडई करने वाले अपराधी पुलिस संरक्षण में पल रहे हैं।
ये था पूरा मामला
-अनुप्रिया पटेल रविवार को अपने काफिले के साथ प्रतापगढ़ जा रही थीं।
-यहां के रानीगंज बाजार के जैसे ही पहुंचीं तो कुछ अराजक तत्‍वों ने उनपर पथराव कर हमला बोल दिया।
-इस दौरान अनुप्रिया पटेल को भी हल्‍की चोटें आईं।
-इस हमले का आरोप उन्‍होंने सपा नेताओं पर लगाया।
-उन्‍होंने कहा कि कुछ अपराधी किस्म के सपा नेता और उनके साथ मौजूद लोगों ने उनके दल के प्रदेश अध्यक्ष विधायक डॉ. आरके वर्मा के साथ हाथापाई की।
-इसके बाद गाड़ियों पर पथराव कर विधायक के साथ मारपीट की।
घटना के 6 घंटे बाद पुलिस ने दर्ज की रिपोर्ट
-यही नहीं, पुलिस ने मेरे काफिले पर हमले की रिपोर्ट 6 घंटे बाद दर्ज की।
-विधायक और पार्टी के नेता धरना देकर बैठे और उनका काफिला वहीं ठहरा रहा, तब जाकर एफआईआर दर्ज हो पाई।
-हद तो तब हो गई जब अपराधी पुलिस के सामने से भाग गए।
-उन्‍होंने कहा कि जहां मंत्री के काफिले पर पथराव किया जाए, विधायक के साथ सामंतवादी, अपराधी किस्म के लोग मारपीट करें और उनका रास्ता कर धमकाएं।
-इसके बाद भी जल्‍दी रिपोर्ट दर्ज न हो, तो आम जनता का क्‍या हाल होता होगा।
-लेकिन अपना दल ऐसा हरगिज नहीं होने देगा।
-प्रतापगढ़ जैसे जिलों में पता नहीं कौन सरकार चला रहा है कि इतना होने के बाद भी जिला प्रशासन संवेदनशील मामला नहीं मानता।

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