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कहा- कैसे मान लिया जाए कि वह मर चुका है, रामवृक्ष की मौत पर कोर्ट को शक
मथुरा. जवाहर बाग हिंसा के सरगना रामवृक्ष यादव की मौत की रिपोर्ट को स्थानीय कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने उसकी मौत पर संदेह जताया है। कोर्ट का कहना है कि शव की शिनाख्त परिवारीजन या बेहद करीबी से नहीं करवाया गया। ऐसे में कैसे मान लिया जाए कि रामवृक्ष की मौत हो चुकी है। पुलिस ने जिस शव की शिनाख्त की है, उसके सुरक्षित रखे गए दांत और स्कैल्प का डीएनए टेस्ट करवाने का आदेश कोर्ट ने दिया है। आगे पढ़िए पुलिस ने कहा- आग में जलकर मर गया रामवृक्ष यादव…
– गुरुवार को मथुरा के सेशन कोर्ट (नौवां) में रामवृक्ष यादव के खिलाफ हत्या के प्रयास और धमकी आदि के मुकदमे की सुनवाई थी।
– इस दौरान मथुरा के थाना हाइवे प्रभारी विनोद मिश्रा ने कोर्ट में रामवृक्ष यादव की मौत की रिपोर्ट सौंपी।
-इसमें कहा गया गया है कि पुलिस ने कहा कि जवाहर बाग हिंसा में रामवृक्ष यादव आग में जलकर मर गया।
– इसके बाद कोर्ट ने कहा कि जवाहर बाग हिंसा में चंदन बोस जैसे बेहद करीबी लोग भाग गए।
-ऐसे में आशंका है कि जघन्य अपराध में शामिल रामवृक्ष यादव भी फरार हो गया होगा।
– ऐसे में एक अज्ञात शव को पुलिस ने बरामद किया और 3 दिन बाद जेल में बंद हरनाथ सिंह से शिनाख्त करवा ली।
कोर्ट ने कहा- शव का शिनाख्त करीबी लोगों ने नहीं किया है
– कोर्ट का कहना है कि समाचारों से जानकारी मिली है कि शव का शिनाख्त परिवारीजन और बेहद करीबी व्यक्ति ने नहीं किया है।
-ऐसे में कोर्ट को इस शिनाख्त पर संदेह है। ऐसे में कैसे मान लिया जाए कि रामवृक्ष की मौत हो चुकी है।
– कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसलों का हवाला देते हुए कहा है कि ऐसे परिस्थिति में रामवृक्ष यादव की शिनाख्त डीएएन टेस्ट से हो सकती है।
– पुलिस ने शव के दांत और स्कैल्प का सैंपल रखा हुआ है।
-कोर्ट ने मथुरा के सीएमओ को इस मामले में हस्तक्षेप करने और डीएनए टेस्ट करवाने को कहा है।
ये है पूरा मामला
-बताते चलें कि 2 जून को जवाहर बाग में रिहर्सल के दौरान रामवृक्ष यादव और उसके गुर्गों के साथ पुलिस की हिंसा हुई थी।
-इसमें एसओ संतोष और एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की मौत हो गई थी।
– इसके बाद यहां भीषण आग लगी। इस दौरान सैकड़ों लोग वहां से फरार हो गए थे।
– फरार होने वालों में रामवृक्ष यादव का सबसे विश्वासपात्र चंदन बोस भी था। उसे पुलिस ने बुधवार को बस्ती से गिरफ्तार किया है।
– हिंसा के बाद डीजीपी जावीद अहमद ने कहा था कि हो सकता है कि रामवृक्ष भी आग में जलकर मर गया होगा।
– इसके अगले दिन पुलिस ने अज्ञात शव की शिनाख्त जेल में बंद जवाहर बाग हिंसा के एक आरोपी से करवाई थी।
-घटना के 3 दिन बाद पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार करवा दिया था।