कमल’ खिलाने की तैयारी में है BJP
बिहार । तमिल प्रदेश पर बीजेपी का ध्यान कई वजहों से है इसमें प्रमुख है दो बड़ी पार्टियों एआईएडीएमके और डीएमके के सबसे बड़े नेताओं का नहीं होना तमिलनाडु की राजनीति में इन्ही दोनों पार्टियों का राज चलता रहा है जिसमें एआईएडीएमके की कमान जयललिता और डीएमके की कमान करुणानिधि संभालते रहे हैं इन दोनों नेताओं का निधन हो चुका है दोनों नेताओं के न रहने से तमिलनाडु में जो ‘वैक्युम’ बना है, बीजेपी उसमें अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की कोशिश कर रही है इसके लिए बीजेपी ने कई प्रयास किए हैं जिनमें एक है वेत्रीवेल ये वेल यात्रा ।
वेत्रीवेल यात्रा उस रथ यात्रा की तरह ही है जिसे बीजेपी देश के अन्य हिस्सों में समय-समय पर निकालती रही है तमिलनाडु में भी बीजेपी यह प्रयोग अपना रही है इस यात्रा के तहत बीजेपी तमिलनाडु के अलग-अलग जिलों और क्षेत्रों में अपना जनसंपर्क तेज करेगी. सत्तारूढ़ एआईएडीएमके सरकार की मनाही के बावजूद बीजेपी यह यात्रा निकाल रही है सरकार का कहना है कि कोविड महामारी में ऐसी किसी गैदरिंग की इजाजत नहीं दी जा सकती, जबकि बीजेपी इसे भगवान मुरुगन का काम बता कर आगे बढ़ रही है ।
वेत्रीवेल का अर्थ भगवान मुरुगन से है जो देवी पार्वती के बेटे हैं भगवान मुरुगन के तमिलनाडु में छह पूजा स्थल हैं जहां बीजेपी अपनी यात्रा करेगी 6 दिसंबर को यह यात्रा संपन्न होगी जबकि बीजेपी ने एक महीने पहले 6 नवंबर को इसे शुरू कर दिया है 6 दिसंबर को वेत्रिवेल यात्रा संपन्न करने के पीछे बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि उस दिन बाबरी विध्वंस की 28वीं बरसी है तमिलनाडु सरकार ने इस यात्रा की अनुमति नहीं दी है लेकिन बीजेपी नेता इसे जारी रखे हुए हैं तमिलनाडु के बीजेपी अध्यक्ष एल. मुरुगन इसकी अगुआई कर रहे हैं ।
इसी यात्रा के दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 21 नवंबर को तमिलनाडु दौरे पर जा रहे हैं अमित शाह के दौरे के दौरान वेत्रीवेल यात्रा के और जोर पकड़ने की संभावना है बीजेपी ने इस यात्रा के दौरान तमिलनाडु को उत्तर से दक्षिण तक नापने की योजना बनाई है 6 नवंबर को उत्तरी तमिलनाडु स्थित तिरुतन्नी मंदिर से शुरू हुई यात्रा दक्षिणी तमिलनाडु के तिरुचेंदूर मंदिर में संपन्न होगी वेत्रीवेल या वेल यात्रा को हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण की दिशा में बीजेपी की बड़ी कोशिश मानी जा रही है ।
एआईएडीएमके ने इस यात्रा की कड़े शब्दों में आलोचना की है पार्टी के मुखपत्र नमादु अम्मा में इसकी निंदा की गई है मुखपत्र में एआईएडीएमके ने लिखा है कि शांत प्रदेश तमिलनाडु किसी भी यात्रा या जुलूस की अनुमति नहीं देगा जिससे कि जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बांटा जा सके मुखपत्र में लिखा गया है कि जो लोग इस यात्रा से जुड़े हैं यह बात ठीक से समझ लें तमिलनाडु का आधार द्रविड़ आंदोलन पर आधारित है जिसमें धर्म का काम लोगों को जोड़ना है, न कि लोगों में नफरत फैलाना मद्रास हाईकोर्ट ने भी वेल यात्रा पर सवाल उठाया है कोर्ट ने मंगलवार को बीजेपी से पूछा कि सरकार की अनुमति के बगैर कोई यात्रा कैसे निकाली जा सकती है तमिलनाडु के डीजीपी ने कोर्ट को सूचित किया था कि अनुमति नहीं देने के बावजूद बीजेपी यात्रा निकाल रही है ।