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कपल ने बड़े अरमान से से ३६ करोड़ का ख़रीदा घर ,बन गया डरावना सपना

लंदन: जिंदगी में अपने सपनों का आशियाना बनाना हर किसी का ख्वाब होता है. लंदन में ऐसे ही एक कपल ने करी 36 करोड़ की कीमत में एक मकान खरीदा. जब वे उसमें रहने गए तो बहुत खुश थे लेकिन कुछ ही वक्त में वह मकान उनके लिए डरावना सपना बन गया.
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन में रहने वाली 58 साल की जैकी मैककॉर्मैक और उनके पति ने मिलकर इसी साल फरवरी मेंवारविकशायर में 3 लाख 50 हजार पाउंड (भारतीय मुद्रा में 36 करोड़ रुपये) में एक मकान खरीदा. नए मकान में शिफ्ट होने से पहले दोनों बहुत खुश थे लेकिन उनकी यह खुशी कुछ ही समय में काफूर हो गई. दरअसल उनका घर मेन रोड़ से एकदम सटा हुआ है, जहां पर हर वक्त तेज रफ्तार गाड़ियां शोर मचाते हुए दौड़ती रहती हैं. जब भी कोई ट्रक या बस तेज स्पीड के साथ गुजरता है तो उनके मकान में कंपन होने लगता है
इस कंपन के अलावा उन्हें प्रदूषण का भी सामना करना पड़ रहा है. नतीजा यह है कि उन्हें हफ्ते में 4 बार अपने घर की खिड़कियां साफ करनी पड़ती है. बाहर से आने वाली धूल मिट्टी से उनका घर एक दिन में ही भर जाता है. जैकी मैककॉर्मैक कहती हैं कि उनकी तकलीफें यहीं खत्म नहीं होती. शनिवार सुबह 11 बजे से रविवार सुबह 4 बजे तक उस रोड पर रेसिंग बाइकर्स तेज आवाज में रेस लगाते हैं. वहीं सोमवार से शुक्रवार तक शोर मचाते हुए हैवी व्हीकल गुजरते हैं. कुल मिलाकर उन्हें एक दिन भी ऐसा नहीं मिल पाता है, जिस दिन वे शांति के साथ रह सकें.
जैकी कहती हैं कि एक्सिडेंट के डर से वे अपने पोते-पोतियों को भी खेलने के लिए घर से बाहर नहीं निकलने देती हैं. गाड़ियों के भयंकर शोर से बचने के लिए वे सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 5.30 बजते ही कानों में इयरफोन लगा लेतीं हैं. वे कहती हैं कि यह एक खूबसूरत मकान है लेकिन सड़क से एकदम सटा होने की वजह से उनके लिए यहां पर रहना दूभर हो गया है. वे कहती हैं कि शहर की इस खराब प्लानिंग के लिए वे टाउन प्लानर को दोष नहीं देती लेकिन उन्हें यह बात तो देखनी चाहिए थी कि सड़क के इतने नजदीक घर न बनें
जैकी कहती हैं कि प्रदूषण और धूल मिट्टी की वजह से रोजाना उनकी कार और घर की खिड़की पर धूल की मोटी परत चढ़ जाती है. जिसे उन्हें सप्ताह में 4 दिन पानी से साफ करना पड़ता है. वे कहती हैं कि जब कार और खिड़कियों का ये हाल तो सोचिए कि हमारे फेफड़ों में कुल कितनी धूल-मिट्टी जाती होगी. अपनी नाराजगी जताते हुए वे कहती हैं कि वे सुकून और शांति की तलाश में यहां शिफ्ट हुए थे लेकिन यहां आकर उनकी जिंदगी और खराब हो गई है. वे न ढंग से सो सकते हैं और न आराम से खा सकते हैं.

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