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कड़ी कार्रवाई की चेतावनी, दलितों का हुक्का-पानी बंद करने पर गांव पहुंची पुलिस
झांसी.जालौन जिले स्थित उरई के गिरथान में कुछ दिन पहले हुए भंडारा में कुछ दलितों ने पूड़ी की डलिया छू ली। इस पर अपर कास्ट ग्रामीणों ने भंडारे का बहिष्कार कर दिया। दलितों का हुक्का-पानी बंद करने और मदद पर 5 जूते मारने का फरमान जारी कर दिया। इस मामले को dainikbhaskar.com ने उठाया। इस पर कार्रवाई हुई। वहां पहुंचकर पुलिस ने शुक्रवार देर रात दो आरोपियों को पकड़ा। ग्रामीणों को हिदायत दी है कि ऐसा मामला दोबारा होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन ने क्या कहा…
– जिला प्रशासन ने किसी की भी गिरफ्तारी की बात स्वीकार नहीं की है।
– एसपी बबलू कुमार ने कहा कि कोई गिरफ्तार नहीं हुआ है। सब मिल-जुलकर रह रहे हैं। वह छुट्टी पर हैं।
– सीओ कोंच का कहना है कि वह दो घंटे तक गांंव में रहे। भेदभाव जैसा कुछ नहीं दिखा।
– उन्होंने कहा कि किसी को हिरासत में भी नहीं लिया गया है।
– शनिवार को जिला प्रशासन के कई अधिकारी ग्रामीणों के साथ गांव में खुली बैठक करेंगे।
ग्रामीणों ने क्या कहा
– जिन दो लोगों पर भेदभाव का आरोप था उन्हें जीप में बैठाकर पुलिस सबके सामने ले गई।
– गांव के दलितों ने कहा कि अगर छुआछूत करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की जाएगी तो वह धर्म परिवर्तन कर लेंगे। वह बौद्ध या मुस्लिम धर्म अपनाएंगे।
– इस चेतावनी पर प्रशासन में हड़कंप मचा है।
दलितों के बहिष्कार का हुआ था फरमान जारी
– अपर कास्ट ग्रामीणों ने मीटिंग में दलितों के बहिष्कार का फैसला लिया।
– ग्रामीण कमलेश कुमार बताते हैं कि दलितों का बहिष्कार करने का फरमान जारी हुआ।
– फिर उन्हें गांव के दुकानदारों ने रोज की जरूरतों का सामान देना बंद कर दिया।
– नाई की दो दुकानें थीं। एक ने बवाल के चक्कर में दुकान बंद कर दी, दूसरे ने उनके बाल काटने से इनकार कर दिया।
– एक ग्रामीण युवक ऑटो चलाता है। उसने दलितों को ऑटो में बैठने से रोक दिया।
– पंप से दलितों के घर पहुंचने वाला पानी भी रोक दिया गया।
– यहां का एक युवक दलित बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था। उसने क्लास 5 तक के 5 दलित बच्चों ट्यूशन में आने से रोक दिया।
– क्लास थर्ड में पढ़ने वाली साक्षी ने बताया कि सर ने उसे कहा कि छुट्टी है।
– एक दबंग के चबूतरे पर पैर रखने पर 12 साल के ऋतिक को गालियां सुननी पड़ीं।
– नवविवाहिता निर्मला ने बताया कि उसे मंदिर जाने से रोका गया।
– कहा गया कि पूजा करने के दौरान उसके आने से पूजा की थाली खराब हो जाती है।
– फिर उन्हें गांव के दुकानदारों ने रोज की जरूरतों का सामान देना बंद कर दिया।
– नाई की दो दुकानें थीं। एक ने बवाल के चक्कर में दुकान बंद कर दी, दूसरे ने उनके बाल काटने से इनकार कर दिया।
– एक ग्रामीण युवक ऑटो चलाता है। उसने दलितों को ऑटो में बैठने से रोक दिया।
– पंप से दलितों के घर पहुंचने वाला पानी भी रोक दिया गया।
– यहां का एक युवक दलित बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था। उसने क्लास 5 तक के 5 दलित बच्चों ट्यूशन में आने से रोक दिया।
– क्लास थर्ड में पढ़ने वाली साक्षी ने बताया कि सर ने उसे कहा कि छुट्टी है।
– एक दबंग के चबूतरे पर पैर रखने पर 12 साल के ऋतिक को गालियां सुननी पड़ीं।
– नवविवाहिता निर्मला ने बताया कि उसे मंदिर जाने से रोका गया।
– कहा गया कि पूजा करने के दौरान उसके आने से पूजा की थाली खराब हो जाती है।
– फरमान जारी हुआ कि मदद करने वाले से 1 हजार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा।
– साथ ही सरेआम 5 जूते भी मारे जाएंगे। इस डर से लोगों ने उनसे नाता तोड़ लिया है।
कब की है घटना
– जालौन जिले के उरई से झांसी-कानपुर हाईवे पर सिर्फ 10 किलोमीटर पहले गांव गिरथान है।
– यह गांव हाईवे किनारे है। अलग-अलग कास्ट और रिलीजन के करीब तीन हजार लोग यहां रहते हैं।
– 16 अप्रैल को गांव के मंदिर में धार्मिक कार्यक्रम के बाद सामूहिक भोज का आयोजन हुआ।
– इसमें दलितों से भी करीब 20 हजार रुपए चंदा लिया गया.
– गांव के राम नारायण अहिरवार बताते हैं कि जमीन पर भोज चल रहा था।
– इसी बीच कुछ उत्साही दलित युवकों ने पूड़ी परोसने के लिए डलिया उठा ली। इसी को लेकर विवाद हो गया।
– अपर कास्ट की कुछ महिलाओं ने ऐसा होते देख खाना खाने से इनकार कर दिया।
– दलितों को ऐसा करने से रोकने के साथ ही अलग बैठकर खाने को कहा गया।
– इस पर दलितों ने एतराज जताया और वापस चले गए। इसके बाद विवाद शुरू हो गया।
– जालौन जिले के उरई से झांसी-कानपुर हाईवे पर सिर्फ 10 किलोमीटर पहले गांव गिरथान है।
– यह गांव हाईवे किनारे है। अलग-अलग कास्ट और रिलीजन के करीब तीन हजार लोग यहां रहते हैं।
– 16 अप्रैल को गांव के मंदिर में धार्मिक कार्यक्रम के बाद सामूहिक भोज का आयोजन हुआ।
– इसमें दलितों से भी करीब 20 हजार रुपए चंदा लिया गया.
– गांव के राम नारायण अहिरवार बताते हैं कि जमीन पर भोज चल रहा था।
– इसी बीच कुछ उत्साही दलित युवकों ने पूड़ी परोसने के लिए डलिया उठा ली। इसी को लेकर विवाद हो गया।
– अपर कास्ट की कुछ महिलाओं ने ऐसा होते देख खाना खाने से इनकार कर दिया।
– दलितों को ऐसा करने से रोकने के साथ ही अलग बैठकर खाने को कहा गया।
– इस पर दलितों ने एतराज जताया और वापस चले गए। इसके बाद विवाद शुरू हो गया।
प्रशासन ने की खानापूर्ति
– हरिकिशन ने बताया कि घटना के दो दिन बाद शिकायत उरई जिला प्रशासन से की गई।
– दोनों पक्ष सीओ जंग बहादुर सिंह के समक्ष पहुंचे।
– यहां अधिकारियों ने यह कहते हुए समझौते के कागज पर साइन करा लिया कि आगे कोई दिक्कत नहीं होगी।
– प्रशासनिक-राजनीतिक तौर पर गांव में दलितों की इस घटना के बाद कोई मदद नहीं की गई।
– दलितों की शिकायत पर जब dainikbhaskar.com की टीम ने यहां का दौरा किया तो देखा कि हालात खराब हैं।
– हरिकिशन ने बताया कि घटना के दो दिन बाद शिकायत उरई जिला प्रशासन से की गई।
– दोनों पक्ष सीओ जंग बहादुर सिंह के समक्ष पहुंचे।
– यहां अधिकारियों ने यह कहते हुए समझौते के कागज पर साइन करा लिया कि आगे कोई दिक्कत नहीं होगी।
– प्रशासनिक-राजनीतिक तौर पर गांव में दलितों की इस घटना के बाद कोई मदद नहीं की गई।
– दलितों की शिकायत पर जब dainikbhaskar.com की टीम ने यहां का दौरा किया तो देखा कि हालात खराब हैं।
आजादी के बाद से है ये स्थिति
– दलित बुजुर्ग तुलाराम बताते हैं कि गांव में एकमात्र कुआं है। उससे दलित पानी भरते हैं।
– वह बताते हैं कि सन 1952 में वह 5 साल के थे।
– तब भी गांव में दलितों के साथ भेदभाव किया गया था।
– तब लोगों ने परेशान होकर कुआं बनाया था।
– भेदभाव की वह स्थिति आज भी बरकरार है।
– दलित बुजुर्ग तुलाराम बताते हैं कि गांव में एकमात्र कुआं है। उससे दलित पानी भरते हैं।
– वह बताते हैं कि सन 1952 में वह 5 साल के थे।
– तब भी गांव में दलितों के साथ भेदभाव किया गया था।
– तब लोगों ने परेशान होकर कुआं बनाया था।
– भेदभाव की वह स्थिति आज भी बरकरार है।
शिक्षित हैं गांव के दलित, आईआईटी में पढ़ते हैं बच्चे
– अवधेश दीवान बताते हैं कि यह स्थिति तब है जब गांव के दलित पढ़े-लिखे और शिक्षित हैं।
– कई दलित बच्चों ने ग्रेजुएशन किया।
– एक बच्चा आईआईटी दिल्ली से एमटेक कर रहा है।
– गांव के कई दलित सरकारी नौकरी में हैं।
– अवधेश दीवान बताते हैं कि यह स्थिति तब है जब गांव के दलित पढ़े-लिखे और शिक्षित हैं।
– कई दलित बच्चों ने ग्रेजुएशन किया।
– एक बच्चा आईआईटी दिल्ली से एमटेक कर रहा है।
– गांव के कई दलित सरकारी नौकरी में हैं।
क्या कहते हैं नेता और अधिकारी
– इस बारे में यूपी के कैबिनेट मिनिस्टर ब्रह्मानंद त्रिपाठी ने कहा कि दलितों का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा।
– कैबिनेट मिनिस्टर के जालौन प्रभारी ने कहा कि जिला प्रशासन ने बात कर वह मामले की जांच कराएंगे।
– दलित मामलों के एक्टिविस्ट पूर्व आईजी एसआर दारापुरी ने कहा कि उन्होंने जालौन जिला प्रशासन से बात की है। दलितों का उत्पीड़न हो रहा है तो उसे रोका जाएगा।
– बहुजन समाज पार्टी के जोनल को-ऑर्डिनेटर एमएलसी तिलक चन्द्र अहिरवार ने कहा कि वह जल्दी ही गांव का दौरा करेंगे।
– मामले को उच्च स्तर पर उठाया जाएगा।
– मीडिया कैम्पेनिंग ऑफ दलित ह्यूमन राइट्स, लखनऊ के स्टेट सेक्रेटरी राम दुलार ने कहा कि भाजपा, कांग्रेस, बसपा, सपा सभी दलितों की हिमायती बनी हैं।
– इसके बावजदू इस तरह की घटनाएं किसी को नहीं दिख रही है।
– उन्होंने कहा कि वह मामले की जांच करेंगे। घटना की रिपोर्ट एससी/एसटी कमीशन को सौंपेंगे।
– मीडिया कैम्पेनिंग ऑफ दलित ह्यूमन राइट्स, लखनऊ के स्टेट सेक्रेटरी राम दुलार ने कहा कि भाजपा, कांग्रेस, बसपा, सपा सभी दलितों की हिमायती बनी हैं।
– इसके बावजदू इस तरह की घटनाएं किसी को नहीं दिख रही है।
– उन्होंने कहा कि वह मामले की जांच करेंगे। घटना की रिपोर्ट एससी/एसटी कमीशन को सौंपेंगे।