टेक-गैजेट
ऐसी है iPhone बनाने वालों की लाइफ, 10 लाख वर्कर, 9 करोड़ फोन, 17 सुसाइड
गैजेट डेस्क।एप्पल ने अपने आईफोन की बिक्री बढ़ाने के लिए इसे लीज पर देना शुरू किया है। इंडिया में आईफोन SE को 999 रुपए हर महीने चुका कर 2 साल के लिए खरीद सकते हैं। चीन की Foxconn और Pegatron Group एप्पल के आईफोन और आईपैड असेम्बल करते हैं। कम पैसों में ज्यादा काम करते हैं ये वर्कर्स…
– ये कंपनियां बहुत ही कम डेली वेजेस पर वर्कर्स हायर करते हैं।
– ये वर्कर्स हफ्ते में 66 घंटों से भी ज्यादा काम करते हैं।
– जबकि चीन में काम करने की समय सीमा मैक्सिमम 49 घंटे की है।
– चीन की NGO चाइना लेबर वॉच ने इस बात का खुलासा किया है कि ये कंपनियां वर्कर्स से झूठा पेपर साइन कराती हैं।
– ये वर्कर्स हफ्ते में 66 घंटों से भी ज्यादा काम करते हैं।
– जबकि चीन में काम करने की समय सीमा मैक्सिमम 49 घंटे की है।
– चीन की NGO चाइना लेबर वॉच ने इस बात का खुलासा किया है कि ये कंपनियां वर्कर्स से झूठा पेपर साइन कराती हैं।
क्या कहते हैं आंकड़े-
आईफोन फैक्ट्री के नाम से जानी जाने वाली फॉक्सकॉन फैक्ट्री में पिछले आधे दशक में 17 लोग सुसाइड कर चुके हैं। इसमें से 9 अकेले 2010 में थे जिन्होंने कूदकर अपनी जान दी थी इसके बाद फॉक्सकॉन ने अपने कम्पाउंड में जाल लगवा दिया था कि अगर कोई वर्कर कूदे भी तो गिरे नहीं। 2013 के आंकड़ों के मुताबिक इस फैक्ट्री में 1 मिलियन (10 लाख) वर्कर हैं। इसी साल एप्पल ने 90 मिलियन आईफोन बनाए थे।
स्टैट्स-
* फॉक्सकॉन चीन के कुल कर्मचारी – 1,000,000
* प्रोडक्शन यूनिट – 100,000
* आईफोन 5S जो 2013 में लॉन्च हुआ था उसपर काम करने वाले वर्कर्स- 300,000 प्रति दिन
* फॉक्सकॉन का रनटाइम- 24 घंटे, सातो दिन
* डेली आईफोन प्रोडक्शन- (सभी यूनिट्स) – 300000
* प्रोडक्शन यूनिट – 100,000
* आईफोन 5S जो 2013 में लॉन्च हुआ था उसपर काम करने वाले वर्कर्स- 300,000 प्रति दिन
* फॉक्सकॉन का रनटाइम- 24 घंटे, सातो दिन
* डेली आईफोन प्रोडक्शन- (सभी यूनिट्स) – 300000
ऐसे कराया इनवेस्टिगेशन-
– NGO ने एक अंडर कवर इन्वेस्टिगेटर के हवाले से रिपोर्ट तैयार की।
– वर्कर्स की कंडीशन जानने के लिए इन्वेस्टिगेटर ने Pegatron Group में कुछ दिनों तक नौकरी की वहां कुछ दिनों तक काम से इसलिए निकाल दिया गया कि उसने मैनेजर से रेस्टरूम ब्रेक मांग लिया था।
– इस रिपोर्ट में आईफोन बनाने वाले वर्कर की डेली लाइफ बताई गई है।
– वर्कर्स की कंडीशन जानने के लिए इन्वेस्टिगेटर ने Pegatron Group में कुछ दिनों तक नौकरी की वहां कुछ दिनों तक काम से इसलिए निकाल दिया गया कि उसने मैनेजर से रेस्टरूम ब्रेक मांग लिया था।
– इस रिपोर्ट में आईफोन बनाने वाले वर्कर की डेली लाइफ बताई गई है।