एम्स में रूटीन भर्ती पर रोक, गैर जरूरी सर्जरी भी बंद?
नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। दिल्ली एम्स निदेशक कार्यालय में सभी कर्मचारी पाजिटिव पाए गए हैं। और एम्स में रूटीन भर्ती पर रोक, गैर जरूरी सर्जरी भी बंद कर दी गयी है अगले आदेश तक के लिए रोक दी गईं हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मांडविया ने कोरोना संक्रमित स्वास्थ्य कर्मचारियों से मुलाकात कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी हासिल की। गुरुवार को दिल्ली एम्स पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री ने पहले पीपीई किट को धारण किया और इसके बाद एम्स के न्यू प्राइवेट वार्ड स्थित कोरोना क्षेत्र में प्रवेश किया।
इस दौरान उनके साथ एम्स के वरिष्ठ डा. अचल श्रीवास्तव भी मौजूद रहे। एक के बाद एक अलग अलग स्वास्थ्य कर्मचारी से मुलाकात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा। एम्स में रूटीन भर्ती पर रोक इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री को ज्यादातर स्वास्थ्य कर्मचारी हल्के लक्षण ग्रस्त मनिले। स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बताया कि वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद ही उन्हें इस बार संक्रमण का खतरा बहुत अधिक नहीं रहा है। दरअसल दिल्ली एम्स में पिछले कुछ दिन में ही 100 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना वायरस की चपेट में आए हैं। इनमें डाक्टरों के अलावा नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और सुरक्षा गार्ड हैं।
दिल्ली एम्सः निदेशक कार्यालय में सभी कर्मचारी कोरोना पाजिटिव
इनके अलावा सफदरजंग अस्पताल में 52 डाक्टर और 12 नर्स संक्रमित हैं। इनके अलावा उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधीन हिंदूराव मेडिकल कालेज में 12 डाक्टर और 3 नर्स, रोहिणी स्थित अंबेडकर अस्पताल में पांच डाक्टर तीन इंटर्न, दो नर्स, लोकनायक अस्पताल में 15 डाक्टर व तीन नर्स कोरोना संक्रमित मिली हैं। इनके अलावा आरएमएल अस्पताल में 30 डाक्टर समेत 65 स्वास्थ्यकर्मी और नई दिल्ली स्थित लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज के दोनों ही अस्पतालों को मिलाकर 70 से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना संक्रमित हैं।
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इसी तरह यमुनापार दिल्ली के बड़े अस्पतालों की बात करें तो जीटीबी अस्पताल में 35, डा. हेडगेवार अस्पताल में 12 और चाचा नेहरु बाल चिकित्सालय में आठ से अधिक स्वास्थ्य कर्मचारी संक्रमित हैं। इन सभी अस्पतालों में संक्रमित स्वास्थ्य कर्मचारियों को होम क्वारंटीन किया गया है। अधिकांश में संक्रमण के लक्षण पाए जा रहे हैं। दिल्ली एम्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लगातार कर्मचारियों के संक्रमित होने की वजह से शीतावकाश को रद्द करते हुए बाकी डाक्टरों को ड्यूटी पर बुलाया गया है।
साथ ही रेजिडेंट डाक्टरों की संख्या भी काफी अधिक है। न्यू प्राइवेट वार्ड का एक बड़ा हिस्सा एम्स ने कोविड मरीजों के लिए आरक्षित किया है। कोरोना मरीजों की तुलना में अस्पताल में भर्ती रोगियों की संख्या कम है लेकिन उससे पहले ही यहां के स्वास्थ्य कर्मचारी संक्रमण की चपेट में आने लगे हैं। अब तक 12 अलग अलग अस्पतालों में 465 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना संक्रमित हुए हैं जिनमें से अधिकांश घरों में क्वारंटीन हैं। इस पर दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह स्वास्थ्य कर्मचारी मरीजों के संपर्क में आने से संक्रमित नहीं हुए हैं।