आगामी शैक्षणिक वर्षों के लिए एमबीबीएस कार्यक्रमों में प्रवेश शुरू;
नई दिल्ली: चिकित्सा के क्षेत्र में अपना करियर बनाने की इच्छा रखने वाले छात्रों के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने जरूरी दिशा निर्देश जारी किए हैं। आठ फरवरी को आयोग के तरफ से जारी एक पत्र में चीन द्वारा एमबीबीएस कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए नोटिस पर ध्यान केंद्रित किया गया है। आयोग की सचिव संध्या भुल्लर ने छात्रों को चेतावनी देते हुए कहा है कि, छात्र सोच समझकर यह फैसला करें कि उन्हें मेडिकल की पढ़ाई कहां से करनी है।
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गौरतलब है कि, देश में कोविड संक्रमण फैलने के बाद नवंबर 2020 से चीनी वीजा और यात्रा पर प्रतिबंध लगा हुआ है। बावजूद इसके चीन के कुछ विश्वविद्यालयों ने विदेशी छात्रों के लिए आगामी शैक्षणिक वर्ष में एमबीबीएस कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। आपको बता दें, चीन पर प्रतिबंधों के कारण बड़ी तादाद में विदेशी छात्र, जिनमें भारतीय भी शामिल है। वो चीन वापस नहीं जा पाए हैं, जिसके चलते उनकी चीनी विश्वविद्यालयों में चल रही चिकित्सा शिक्षा अधर में है।
आगामी शैक्षणिक वर्षों के लिए एमबीबीएस कार्यक्रमों में प्रवेश
आयोग के पत्र में साफ किया गया है कि भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि चीन के कुछ विश्वविद्यालयों ने वर्तमान और आगामी शैक्षणिक वर्षों के लिए एमबीबीएस कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। इस संदर्भ में, किसी भी संभावित छात्र को यह जानने की जरूरत है कि चीन ने COVID-19 के मद्देनजर सख्त यात्रा प्रतिबंध लगाए हैं और नवंबर 2020 से सभी वीजा निलंबित कर दिए हैं। साथ ही बताया गया है कि अभी तक प्रतिबंधों में कोई ढील नहीं दी गई है।
वहीं, चीन द्वारा पाठ्यक्रम आनलाइन आयोजित किए जाने के मुद्दे पर आयोग ने साफ किया है कि मौजूदा नियमों के मुताबिक, आनलाइन किए गए चिकित्सा पाठ्यक्रमों को मान्यता नहीं जाएगी। आयोग ने छात्रों को सलाह दी है कि चीन या किसी भी विदेशी संस्थानों में प्रवेश लेने की योजना बनाने से पहले FMGE विनियमों पर खासतौर से ध्यान दें। FMGE विनियम भारतीय नागरिकों और भारत के प्रवासी नागरिकों के लिए पात्रता मानदंड निर्धारित करता है। इसमें राष्ट्रीयता, योग्यता, इंटर्नशिप से संबंधित बुनियादी मानदंड शामिल हैं।