एक करोड़ देंगे ‘संसद के ऊपर फहरा दो खालिस्तानी झंडा

जिनेवा: खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस अपनी भारत विरोधी गतिविधियों से बाज नहीं आ रहा है. ताजा मामले में इसके नेताओं ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश में लागू तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के ऐलान के बाद किसान नेताओं को शीतकालीन सत्र की शुरुआत के दिन संसद का घेराव करने के साथ उन्हें देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने का लालच भी दिया है. संगठन ने भारत की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे कुछ किसान नेताओं से देग-तेग फतेह रैली निकालने का आह्वान किया है.
इस संगठन के लोग भारत से हजारों किलोमीटर दूर बैठकर हमारे पंजाब को देश से अलग करने का ख्वाब देख रहे हैं. इसके लिए ये लोग आतंकवादियों जैसी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए दिन रात साजिश रचते हैं. इसी सिलसिले में अब सिख फॉर जस्टिस ने 29 नवंबर 2021 को संसद में खालिस्तान झंडा फहराने के लिए 125,000 अमेरिकी डॉलर यानी करीब एक करोड़ रुपये देने का लालच दिया है.
जिनेवा से एक वीडियो संदेश में, सिख फॉर जस्टिस के काउंसलर गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा, ‘जब भगत सिंह ने भारत की आजादी के अभियान के दौरान संसद पर बमबारी की थी, तो हम तो केवव किसानों से पंजाब की आजादी के लिए खालिस्तान के झंडे उठाने के लिए कह रहे हैं’.
सिख फॉर जस्टिस के गुर्गों की ये कवायद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार दिवस के 10 दिसंबर को जिनेवा में होने वाले आयोजन से पहले अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए कर रहे हैं. इसको लेकर एक वोटिंग कराने की मांग काफी समय से की जा रही थी. जो पीआरसी की देखरेख में होनी है. आपको बताते चलें कि कुछ ऐसी ही वोटिंग सिख फॉर जस्टिसने 31 अक्टूबर को लंदन में कराई थी लेकिन तब उसका आयोजन बुरी तरह फ्लॉप शो साबित हुआ था.
वहीं दूसरी ओर भारत में किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखकर लंबे समय से ठप पड़ी बातचीत आगे बढ़ाने से पहले छह शर्तें रखी हैं. किसानों इन्हीं 6 मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं जिसमें सभी किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाला कानून शामिल है।