बिहार

एक करोड़पति कॉन्सटेबल के यहां 9 ठिकानों पर छापेमारी

पटना: पुलिस किसी भी राज्य की हो इस विभाग में भ्रष्टाचार के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं. ताजा मामले में तो एक कॉन्सटेबल के करोड़पति होने का इनपुट मिलने के बाद जब आर्थिक अनुसंधान शाखा की टीम ने रेड डाली तो वहां मौजूद अफसर भी दंग रह गए. ताजा मामला बिहार का है जहां के पूर्व डीजीपी अभयानंद ने पिछले महीने सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ बिगुल फूंका था.

बिहार में भ्रष्टाचार में संलिप्त सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई लगातार जारी है. आईपीएस , प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों समेत DTO और अन्य रसूखदारों के यहां छापेमारी करने के बाद अब बिहार में एक करोड़पति कॉन्सटेबल के यहां छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया गया. बिहार पुलिस की आर्थिक अनुसंधान इकाई ने पटना जिला पुलिस बल के जवान और बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष कॉन्सटेबल नरेंद्र कुमार धीरज के 9 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है.

दरअसल कॉन्सटेबल पद पर तैनात धीरज के खिलाफ आय से अधिक यानी अकूत कमाई होने की शिकायत मिली थी. इस मामले की जांच आर्थिक अपराध थाने ने शुरू की जहां पर उसके खिलाफ केस सोमवार को केस दर्ज हुआ. जिसके बाद आज मंगलवार को एक साथ उनके कई ठिकानों पर छापेमारी जारी है. धीरज पर आरोप है कि उसने खुद और परिजनों के नाम पर करोड़ों रुपए की अचल संपत्ति अर्जित की है.

कॉन्सटेबल नरेंद्र कुमार धीरज के पटना, आरा स्थित गांव, अरवल आरा जैसे कई ठिकानों पर रेड चल रही है. EOU की रेड से प्रशासनिक खेमे में भी हड़कंप मचा है. आरा में धीरज के कई भाईयों के प्लॉट और जमीन होने का खुलासा हुआ है. पटना के बेउर इलाके में स्थित महावीर कॉलनी में भी जब ईओयू की टीम पहुंची तो आलीशान मकान देखकर दंग रह गई. टीम को कई लोकेशन से बेशकीमती सामान भी मिले हैं. कान्स्टेबल के कई रसूखदारों से संबंध रहे हैं.

ड्यूटी में कोताही बरतने और भ्रष्टाचार में संलिप्त पुलिकर्मियों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है. बीते साल 2020 में दिसंबर के पहले हफ्ते तक 85 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है. वहीं, सैकड़ों पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभी जांच चल रही है.

गौरतलब है कि अभी चंद रोज पहले पूर्व DGP अभयानंद ने खुद के अनुभव को लेकर जो बातें साझा की थीं वो पुलिस विभाग में चर्चा का विषय बन गईं थीं. उन्होंने भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए सिस्टम में बदलाव की बात कही थी. उन्होंने अपने अनुभवों का हवाला देते हुए कहा था कि एक ही स्थान पर एक व्यक्ति का लंबे समय तक तैनात करना ही भ्रष्टाचार की जननी है. ऐसे में एक कॉन्सटेबल का करोड़पति होना भी सूबे के पुलिसिया सिस्टम की बानगी को बखूबी बयान करता है.

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