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हमले का शिकार बने भारतीय छात्र, एंबेसेडर ने दी ये सफाई

नई दिल्‍ली –  रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध  में कीव में हो रही लड़ाई  के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु बलों को अलर्ट पर रखने को कहा है. यूक्रेन की राजधानी खार्किव और कीव (कीव) से भाग रहे कई छात्रों ने यूक्रेनी सीमा पर यूक्रेनी बलों पर हमले का और पुलिस की बर्बरता का आरोप लगाया है. इस बीच रात में शूट किए गए एक वीडियो में, यूक्रेनी गार्ड महिलाओं को गोलियों से भूनते और चिल्लाते हुए और उनके सूटकेस और अन्य सामान सड़क पर पड़े हुए दिखाई देते हैं. इस बीच, भारत में यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा ने भारतीय छात्रों के खिलाफ नस्लीय भेदभाव के कथित आरोपों का बचाव किया है. उन्‍होंने कहा है कि घटनाक्रम को सनसनीखेज बनाया जा रहा है. सभी को कतार में खड़े होकर इंतजार करने के लिए कहा गया था, लेकिन कुछ लोगों ने खुद जाने की कोशिश की थी. सभी को कतार में खड़ा होना चाहिए था और भारतीय मीडिया को दहशत फैलाना बंद करना चाहिए.

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एक अन्य वीडियो में, वर्दीधारी एक व्यक्ति, दूसरे व्यक्ति को मारते हुए दिखाई दे रहा है क्योंकि दूसरा व्‍यक्ति अपने सूटकेस के साथ सड़क पार करने के लिए दूसरों के साथ तेज चलता है. यह पहचाना नहीं जा सकता कि वह दूसरा व्यक्ति, भारतीय छात्र है या नहीं, लेकिन यूक्रेन की सीमा पर फंसे कई लोगों ने कथित तौर पर मारपीट और उत्पीड़न का आरोप लगाया है. भारतीय छात्रा, मालविका ने एक वीडियो में कहा कि वह यूक्रेनी-स्लोवाकियाई सीमा पर फंसी हुई है. यूक्रेनी चेक पोस्ट की ओर इशारा कर वह कहती है कि वह अन्य लोगों के साथ बिना भोजन और पानी के 12 घंटे से फंसी हुई है.

उसने आरोप लगाया कि वहां की पुलिस ने उन पर ‘तीन बार’ मिर्च और काली मिर्च के स्प्रे का इस्तेमाल किया. इसके कारण कई लोग बेहोश हो गए. उसने कहा कि लोगों ने ‘मदद’ के लिए स्लोवाकियाई दूतावास से संपर्क किया है. उन्होंने कीव दूतावास को भी फोन करने की कोशिश की थी, जो फोन अस्थायी रूप से सेवा से बाहर है. उन्होंने कहा कि कोई भी हेल्पलाइन और आपातकालीन नंबर काम नहीं कर रहा है. वह कहती है कि ‘सभी ने कहा है कि वे कुछ नहीं कर सकते. तो, हम यहां खड़े हैं, यह नहीं जानते कि किसे कॉल करें और क्या करें?”

ज्योतिरादित्य सिंधियाभारतीय छात्रों के एक समूह ने कहा कि वे ‘डरे हुए’ हैं क्योंकि वे कीव में फंस गए हैं. छात्रों में से एक ने कहा ‘हमारे छात्रावास में गोलीबारी हुई और कुछ लोग बंदूकों के साथ हमारे छात्रावास में घुस आए थे और हमारे स्थान के निर्देशांक ले गए. हमें यह भी नहीं पता कि वे यूक्रेनी थे या रूसी सैनिक थे. हमारे छात्रावास का गेट टूट गया है. हमारे पास सुरक्षा भी नहीं है.’ उन्होंने आगे कहा कि छात्रावास में 200 से अधिक छात्र फंसे हुए हैं, जो हवाई अड्डे के करीब है.

सरकारी सूत्रों के अनुसार, मंत्री हरदीप पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और जनरल वीके सिंह निकासी मिशन के समन्वय और छात्रों की मदद करने के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों की यात्रा करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन संकट पर एक उच्च स्तरीय बैठक का आह्वान किया.

भारत युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने में मदद के लिए पोलैंड और रोमानिया के संपर्क में है, सरकार के सूत्रों ने बताया कि दोनों देश सहयोग के लिए तैयार हैं. भारत सरकार ने भारतीय छात्रों को वापस लाने के लिए यूक्रेन के लिए विशेष उड़ानें शुरू की हैं, जिनमें से कुछ सीमित या बिना भोजन और पानी की आपूर्ति वाले बंकरों में फंसे हुए हैं.

हालांकि, सूत्रों ने कहा कि चूंकि यूक्रेन अपने नागरिकों को देश छोड़ने की अनुमति नहीं दे रहा है, इसलिए बाहर जाने की कोशिश कर रहे लोगों की भीड़ के बीच विदेशी नागरिकों की पहचान करना मुश्किल है. भारत सरकार अपने नागरिकों के पड़ोसी देशों में सुरक्षित मार्ग की सुविधा के लिए यूक्रेन के संपर्क में भी है. भारत में पोलैंड के राजदूत एडम बुराकोव्स्की ने  बताया कि पोलैंड सभी देशों के लोगों की मदद कर रहा है. भारतीयों के लिए वीजा की जरूरत नहीं है. राष्ट्रीयता के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है. सभी को कतार के आधार पर मदद मिल रही है. हमारे पास पोलैंड में लोगों के नहीं जाने की कोई रिपोर्ट नहीं है. भारी भीड़ है, इसमें समय लग रहा है.

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