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उम्र के हिसाब से ये रही पैरासिटामोल, क्रोसिन, काल्पोल, डोलो की सही खुराक

नई दिल्ली. भारत में सबसे ज्यादा लोग पैरासिटामोल का इस्तेमाल करते हैं. हल्का सा सिर में दर्द हो या हल्का बुखार हो, हर चीज में लोग काल्पोल , क्रोसिन , डोलो जैसी पैरासिटामोल की दवा ले लेते हैं. लेकिन अधिकांश लोग इसकी सही मात्रा के बारे में नहीं जानते हैं. पैरासिटामोल में स्टेरॉयड होता है, इसलिए इसकी अनुचित खुराक आपको भारी नुकसान पहुंचा सकती है. पैरासिटामोल का इस्तेमाल आमतौर पर बुखार, माइग्रेन, पीरियड पेन, सिर दर्द, दांत दर्द, बदन दर्द जैसा दिक्कतों में किया जाता है. काल्पोल , क्रोसिन , डोलो , सूमो एल, कांबीमोल , पेसीमोल जैसे कई नामों से ये दवा दुकानों में मिलती है.

ड्रग्स डॉट कॉम के मुताबिक सामान्य वयस्क को अगर बुखार है तो अमेरिकी गाइडलाइन के मुताबिक 325 एमजी से 650 एमजी तक पैरासिटामोल की खुराक 4 से 6 घंटे की अवधि के दौरान दी जा सकती है. अगर अंतराल 8 घंटे तक का है तो उसे 1000 एमजी तक की दवा दी जा सकती है. हालांकि व्यक्ति में पूर्व की बीमारियां, वजन, हाइट, परिवेश के आधार पर भी खुराक तय होती है. गाइडलाइन के मुताबिक बुखार में 500 एमजी पैरासिटामोल को 6 घंटे के बाद ही लेना चाहिए. छोटे बच्चों को पैरासिटामोल देते समय बहुत ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत होती है. अगर बच्चे को बुखार है और वह एक महीने से कम का है तो उसे 10 से 15 एमजी पैरासिटामोल प्रति किलो वजन के हिसाब से 4 से 6 घंटे के अंतराल पर दिया जाता है. वही 12 साल तक के बच्चे को इसी मात्रा के हिसाब से 6 से 8 घंटे के अंतराल पर दिया जाना चाहिए.

अगर किसी सामान्य वयस्क को बॉडी में दर्द है तो 325 से 650 एमजी पैरासिटामोल की दवा 4 से 6 घंटे की अंतराल पर लेनी चाहिए. वहीं एक हजार एमजी की दवा 6 से 8 घंटे के अंतराल पर लेनी चाहिए. दर्द की परेशानी को खत्म करने के लिए 500 एमजी की दवा 4 से 6 घंटे के अंतराल पर लेनी चाहिए. वहीं छोटे बच्चे को 10 से 15 एमजी प्रति किलोग्राम शरीर के वजन के हिसाब से 6 से 8 घंटे के बीच लेनी चाहिए.

अगर बुखार में आप तीन दिन से पैरासिटामोल की दवा ले रहे हैं और बुखार नहीं उतर रहा है तो तुरंत इसे छोड़ दें और डॉक्टर से संपर्क करें. किसी भी तरह के दर्द में 10 दिन से ज्यादा पैरासिटामोल नहीं लेनी चाहिए. इसके अलावा लिवर प्रॉब्लम, किडनी प्रॉब्लम, अल्कोहल प्रॉब्लम और अंडरवेट की स्थिति में बिना डॉक्टर की सलाह से पैरासिटामोल नहीं लेनी चाहिए.

पैरासिटामोल के ओवरडोज से कभी-कभी साइड इफेक्ट भी हो सकता है. एलर्जी, स्किन पर रेशेज, ब्लड डिसऑर्डर जैसी परेशानी हो सकती है. इसके अलावा पैरासिटामोल के गलत इस्तेमाल से लिवर और किडनी डैमेज होने का जोखिम रहता है. पैरासिटमोल के ओवरडोज से डायरिया, ज्यादा पसीना, भूख की कमी, बेचैनी, उल्टी, पेट में दर्द, सूजन, दर्द, पेट में मरोड़ जैसी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है.

 

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