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उपराज्यपाल ने एमसीडी स्कूलों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आयु में छूट प्रदान की

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया गया है कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने नगर निगम के स्कूलों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आयु में छूट प्रदान की है। दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) ने अदालत को बताया कि दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के अनुरोध के अनुसार उपराज्यपाल ने उन लोगों को केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) योग्यता में एक बार की छूट दी है, जिन्होंने अंतिम तारीख के बाद लेकिन नियुक्ति से पहले इसे प्राप्त किया था। इसके अलावा, उपराज्यपाल ने आयु में 10 वर्ष की छूट दी है, भले ही उनकी आयु विशेष शिक्षक (प्राथमिक) के पद के लिए अधिक हो गई हो। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने इस मुद्दे पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए डीएसएसएसबी को एक सप्ताह का समय दिया और एसडीएमसी के वकील से कहा कि वह आगे के निर्देश प्राप्त करके स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें। अदालत ने मामले को 28 अगस्त को अगली सुनवायी के लिए सूचीबद्ध किया। सुनवाई के दौरान दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अवनीश अहलावत ने कहा कि डीएसएसएसबी ने पहले ही परिणाम को अंतिम रूप दे दिया है और डोजियर एसडीएमसी को भेज दिया है और वह बोर्ड द्वारा प्रकाशित परिणामों और उपराज्यपाल द्वारा दी गई छूट के अनुसार आगे बढ़ने के लिए स्वतंत्र है। याचिका दायर करने वाले एनजीओ ‘सोशल ज्यूरिस्ट’ की ओर से पेश अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली शिक्षा निदेशालय और नगर निगम में विशेष शिक्षकों के पद 10 साल पहले उच्च न्यायालय के 16 सितंबर, 2009 के फैसले के अनुपालन में सृजित किये गए थे। उन्होंने कहा कि हालांकि अधिकारी आज तक रिक्तियों को भरने में विफल रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप हजारों दिव्यांग बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचित रहे। उच्च न्यायालय यहां के स्कूलों में शिक्षकों की शून्य रिक्ति सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार, डीएसएसएसबी और एमसीडी के खिलाफ गैर सरकारी संगठन की एक अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहा था। अवमानना याचिका विशेष शिक्षकों के 1,000 से अधिक खाली पदों को भरने के लिए भर्ती शुरू करने के संबंध में एक खंडपीठ के आदेशों के बाद दायर की गई थी।

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