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उत्तर प्रदेश में नई स्क्रैप पॉलिसी लागू !!

लखनऊ. अगले दो महीने में उत्तर प्रदेश में नई स्क्रैप पॉलिसी लागू हो जाएगी. मई महीने से आप अपनी पुरानी गाड़ी स्क्रैप में देकर नई गाड़ी खरीद सकेंगे. नई स्क्रैप पॉलिसी के लागू होने के बाद न सिर्फ पुराने वाहनों को स्क्रैप करने को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि नए व्हीकल खरीदने के लिए आम जनता को फाइनेंशियल सपोर्ट भी मिलेगा. इसके अलावा नए व्हीकल खरीदने के लिए आम जनता को फाइनेंशियल सपोर्ट भी मिलेगा. यहीं नही आम जनता को फायदा देते हुए पुरानी गाड़ी का स्क्रैप सर्टिफिकेट देने पर नई गाड़ी पर भारी डिस्काउंट भी दिया जाएगा.

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परिवहन विभाग भी स्क्रैप पॉलिसी को जल्द शुरू करने की योजना पर काम कर रही है. इसी के चलते अगले 2 महीने में कबाड़ नीति में वेंडर के चयन की प्रक्रिया पूरी कर आवेदन की कार्रवाई शुरू कर दी है. आपको बता दे कि कबाड नीति घोषित करने वाला यूपी देश का पहला राज्य बन गया है. लखनऊ में कबाड नीति के तहत पहला सेंटर खोला जाएगा. राजधानी में दो निजी क्षेत्र की कम्पनियों ने पहले ही अपना प्रस्ताव वाहनों को स्क्रैप करने के लिए विभाग को जमा करा दिया है.

वेंडर को यार्ड बनाने के अलावा अन्य खर्च

वहीं लखनऊ ऑटो ओनर्स-चालक वेलफेयर एसोसिएशन के महामंत्री नरेश ग्रोवर ने बताया कि, वेंडर को यार्ड बनाने के अलावा अन्य खर्च के लिए करीब 10 करोड़ रुपए की लागत आएगी. जिसमें चार करोड़ रुपए तो सिर्फ यार्ड लगाने के लिए जमीन खरीदने में लगेंगे. बाकी हाइड्रोलिक प्रेस कटर समेत अन्य संयंत्र लगाने में खर्च करना पड़ेगा. सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी लखनऊ अखिलेश कुमार द्विवेदी ने बताया कि, कबाड़ नीति का वाहन मालिकों को फायदा पहुंचाने के लिए वेंडर चयन प्रक्रिया का शुभारंभ कर दिया गया है. अगले 2 महीने में इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा.

पहले वाहन मालिकों को कबाड नीति से मिलने वाले फायदों के लिए जरूरी कार्रवाई पुरी नहीं हो पाई थी. सुविधा का फायदा लेने के लिए वाहनों को स्क्रेप के रूप में लेने और उनक वैल्यू का आंकलन करने के लिए वेंडर की जरूरत थी. साथ ही वेंडर के पास यार्ड भी होना जरूरी है. पर अब वेंडर सामने आ गए हैं और काम तेजी से शुरू हो गया है. कबाड नीति के लिए आरटीओ ने भी कमर कस ली है.

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