main slideउत्तराखंड
उत्तराखंड आग: एक लीटर पर कितना खर्च, हेलिकॉप्टर से पानी गिराना पड़ रहा महंगा
देहरादून.उत्तराखंड के जंगल में लगी आग को बुझाना राज्य सरकार के लिए काफी महंगा साबित हुआ है। सरकार को हेलिकॉप्टर से एक लीटर पानी गिराने के 85 रुपए चुकाने होंगे। एयरफोर्स के 2 Mi-17 हेलिकॉप्टर आग बुझाने में लगे हुए हैं। अब तक गिरा चुके हैं 1.75 लाख लीटर पानी…
– एयरफोर्स के ये दोनों हेलिकॉप्टर 1 मई से आग बुझाने के काम जुटे हैं।
– सोमवार तक आग बुझाने में हेलिकॉप्टर से 1.75 लीटर पानी जंगल में गिराया जा चुका है।
– सोमवार तक हेलिकॉप्टरों ने 34 और मंगलवार दोपहर तक 17 उड़ाने भरी थीं।
– सूत्रों की मानें तो हर उड़ान में करीब 3500 लीटर पानी ले जाया गया। इसकी कीमत 3 लाख रुपए बताई गई है।
– हेलिकॉप्टर नैनीताल के पास भीमताल लेक या गढ़वाल के श्रीनगर रिजर्वायर से पानी ले रहे हैं।
– सोमवार तक हेलिकॉप्टरों ने 34 और मंगलवार दोपहर तक 17 उड़ाने भरी थीं।
– सूत्रों की मानें तो हर उड़ान में करीब 3500 लीटर पानी ले जाया गया। इसकी कीमत 3 लाख रुपए बताई गई है।
– हेलिकॉप्टर नैनीताल के पास भीमताल लेक या गढ़वाल के श्रीनगर रिजर्वायर से पानी ले रहे हैं।
क्या कहते हैं अफसर?
– फाइनेंस ऑफिशियल्स ने बढ़े हुए बिल के चुकाने पर चिंता जताई है।
– फाइनेंस सेक्रेटरी अमित नेगी के मुताबिक, ‘हमें लगता है कि ये 50 लाख रुपए या उससे ज्यादा का भी हो सकता है।’
– राज्य की फॉरेस्ट फोर्स के हेड राजेंद्र कुमार महाजन के मुताबिक, ‘हेलिकॉप्टर 10-14 हजार फीट पर उड़ान भरते हैं। उनसे गिराया जाने वाला ज्यादातर पानी वेस्ट हो जाता है। पानी आग तक पहुंच ही नहीं पाता। इस कोशिश का बहुत सफल नहीं कहा जा सकता।’
– बता दें कि आग के चलते 3500 हेक्टेयर का इलाके के जंगल के पेड़ जल गए। आग के चलते 6 लोगों के मरने की बात भी कही जा रही है।
– हालांकि मंगलवार से जारी बारिश ने देहरादून, पिथौरागढ़, चमोली और नैनीताल जिलों में राहत दी है।
– फाइनेंस सेक्रेटरी अमित नेगी के मुताबिक, ‘हमें लगता है कि ये 50 लाख रुपए या उससे ज्यादा का भी हो सकता है।’
– राज्य की फॉरेस्ट फोर्स के हेड राजेंद्र कुमार महाजन के मुताबिक, ‘हेलिकॉप्टर 10-14 हजार फीट पर उड़ान भरते हैं। उनसे गिराया जाने वाला ज्यादातर पानी वेस्ट हो जाता है। पानी आग तक पहुंच ही नहीं पाता। इस कोशिश का बहुत सफल नहीं कहा जा सकता।’
– बता दें कि आग के चलते 3500 हेक्टेयर का इलाके के जंगल के पेड़ जल गए। आग के चलते 6 लोगों के मरने की बात भी कही जा रही है।
– हालांकि मंगलवार से जारी बारिश ने देहरादून, पिथौरागढ़, चमोली और नैनीताल जिलों में राहत दी है।
2 फरवरी को सामने आई थी पहली घटना
– फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के मुताबिक, गर्मी के दिनों में जंगल में आग लगना आम बात है। लेकिन इस बार यह बड़े स्केल पर देखी गई।
– आमतौर पर यहां के जंगलों में ‘फायर सीजन’ 15 फरवरी से शुरू होकर 15 जून तक चलता है।
– रिपोर्ट की मानें तो 2 फरवरी को जंगल में लगी आग से दो महिलाओं की मौत हो गई थी। ऐसा माना जा रहा है कि जंगल में तभी से आग लगनी शुरू हुई।
इस बार इतनी क्यों भड़की आग?
– राज्य के 1900 एकड़ में आग सूखा मौसम, तेज गर्मी और तेज हवाओं के चलने की वजह से फैली।
– जानकारों के मुताबिक, गर्मी के दिनों में इन इलाकों में बारिश हो जाती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं।
– एडमिनिस्ट्रेशन ने भी आग की इन घटनाओं को सीरियसली नहीं लिया और धीरे-धीरे ये जंगलों में फैलती रही।
– इस वजह से पौड़ी, गढ़वाल, नैनीताल, पिथौड़ागढ़, बागेश्वर और चमौली में हालत बेहद खराब हैं। इन जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
– चिंता की बात यह है कि अब यह आग हिमाचल और जम्मू-कश्मीर तक पहुंच गई है।