उड़ते विमान का इंजन हुआ बंद

नई दिल्ली. उड़ते हुए विमान के अचानक ही एक इंजन बंद हो जाने के कारण उसकी तुरंत आपातलैंडिंग करानी पड़ी और इसमें भारतीय नौसेना ने अहम भूमिका निभाते हुए 276 यात्रियों की जान बचा ली. सुरक्षित उतरे यात्रियों ने भारतीय नौसेना की तत्काल की गई कार्रवाई की सराहना की है. विमान को सुरक्षित उतारने में जरा भी देर होती तो बड़ा हादसा हो सकता था. बाद में इस विमान के सभी यात्रियों को दूसरे विमान से तेल अवीव भेजा गया. पायलट ने प्रोटोकॉल के तहत सबसे पास के एयरपोर्ट को सूचना दी थी. पायलट ने कारण बताते हुए भारत में इमरजेंसी लैंडिंग करने की अनुमति मांगी थी.
जानकारी के मुताबिक इजरायली विमान बैंकॉक से तेल अवीव जा रहा था, तभी पायलट ने देखा कि ईंधन रिसाव संकेतक यानी फ्यूल लीक इंडिकेटर चालू हो गया है. इस कारण से उसे तुरंत प्रभावित इंजन को बंद कर, आपात लैंडिंग की अनुमति मांगनी पड़ी. विमान तब भारतीय नौसेना द्वारा संचालित हवाई क्षेत्र में था. जब पायलट ने घटनाक्रम बताते हुए मदद मांगी तो नौसेना ने तुरंत जरूरी कार्रवाई करते हुए विमान ईएलएएल-082 की इमरजेंसी लैंडिंग गोवा के डाबोलिम एयरपोर्ट पर कराई.
गोवा एयरपोर्ट के निदेशक गगन मलिक ने बताया कि इमरजेंसी लैंडिंगके बाद सभी यात्रियों को दूसरे विमान से तेल अवीव भेजा गया. वहीं, घटना के बारे में नौसेना ने भी बताया कि विमान का बाएं इंजन को बंद करना पड़ा था, और आपात स्थिति घोषित की गई थी. ऐसे में हवाई क्षेत्र में चल रहे उन्नयन कार्य को बंद कर दिया गया था. मानक संचालन प्रक्रियाओं को देखते हुए विमान को सुरक्षित रिकवर करने के लिए कार्रवाई की गई. विमान की सुरक्षित लैंडिंग संभव की गई.
जानकारों ने बताया कि तकनीकी समस्या, किसी यात्री की तबीयत खराब होने या अन्य कारण से यदि विमान को तुरंत उतारने की आवश्यकता हो तो पायलट, हवाई क्षेत्र के निकट एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) को सूचना देते हैं. यदि विमान को उतार लेने की सुविधा उपलब्ध होती है तो अनुमति के बाद इमरजेंसी लैंडिंग कराई जाती है. ऐसे में एयरपोर्ट का ट्रेफिक, रन वे की स्थिति आदि महत्वपूर्ण कारण होते हैं.