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ईरान में राष्ट्र पति चुनाव की सरगर्मी तेज,हजारो लोगों को फांसी पर लटकने वाले मौलाना भी दौड़ में

तेहरान: ईरान में राष्ट्रपति चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इन चुनावों के लिए पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद और देश के चीफ जस्टिस मौलाना इब्राहिम रईसी ने भी नामांकन दाखिल किया है.
ईरान में मौलाना इब्राहिम रईसी की पहचान एक कट्टरपंथी नेता के रूप में रही है. वह 1988 में हजारों कैदियों को सामूहिक फांसी से संबंधित एक समिति का हिस्सा था. उसने वर्ष 2017 में भी राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लिया था. उस दौरान उसे 1 करोड़ 16 लाख वोट मिले थे. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने वर्ष 2019 में उसे देश का चीफ जस्टिस नियुक्त किया था.

मौलाना रईसी ने भले ही खामनेई के करीबी के रूप में अपना नामांकन कराया है लेकिन लोगों का मानना है कि वह इस दौड़ में आगे नहीं बढ़ पाएगा. हालांकि रईसी के समर्थकों का कहना है कि खामनेई से उनकी करीबी और भ्रष्टाचार रोधी मुहिम में हिस्सा लेने पर हासिल हुई लोकप्रियता चुनाव में उन्हें फायदा पहुंचाएगी.
नामांकन से पहले एक बयान में रईसी ने वादा किया कि वह राष्ट्रपति बनने पर देश से ‘गरीबी, भ्रष्टाचार और भेदभाव’ को खत्म करने पर ध्यान देगा. मौलाना रईसी के अलावा शनिवार को प्रमुख रूढ़िवादी नेता और संसद के पूर्व अध्यक्ष अली लारिजानी, पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत अकबर हाशमी रफसनजानी के बड़े बेटे मोहसिन हाशमी रफसनजारी ने भी नामांकन दाखिल किया.

इनके अलावा उपराष्ट्रपति इसहाक जहांगीरी और केन्द्रीय बैंक के प्रमुख अब्दुल नासिर हिम्मती भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. ईरान के पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद भी दोबारा से राष्ट्रपति बनने के लिए बुधवार को नामांकन जमा करा चुके हैं. अब ईरान की शूरा परिषद 27 मई तक उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी करेगी. इसके अगले दिन से देश में 20 दिवसीय प्रचार अभियान शुरू हो जाएगा.

 

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