ईरानी मिसाइलों ने हाइफा की ऐतिहासिक अल जरीना ग्रैंड मस्जिद को लहूलुहान किया !

हाइफा-: ( 21 जून)-: ईरानी मिसाइल हमले में इजराइल के हाइफा शहर की ऐतिहासिक अल जरीना ग्रैंड मस्जिद और आसपास की बिल्डिंगों को खासा नुकसान पहुंचा है. रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के मिसाइल हमले से अल जरीना ग्रैंड मस्जिद की रंगीन कांच की खिड़कियां टूट गईं. साथ ही इसके बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है. गौर करें तो ये ऐतिहासिक मस्जिद 1775 में बनी थी. वहीं 1901 में इस मस्जिद को विस्तार दिया गया था. इस दौरान पत्थरों को मस्जिद परिसर में लगाया गया था.बता दें कि आमतौर पर इस मस्जिद में शुक्रवार को 200 से अधिक लोग नमाज पढ़ते हैं. लेकिन होम फ्रंट के बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध के कारण मात्र 15 लोग ही इस नमाज में शामिल हुए थे.
वक्फ के प्रतिनिधि खालिद दागाश ने बताया कि मिसाइल हमले से पहले शुक्रवार की नमाज संपन्न हो चुकी थी. और उस समय मस्जिद खाली थी. उन्होंने कहा कि एक अज्ञात व्यक्ति मस्जिद के बाहर मामूली रूप से घायल हो गया. उन्होंने यह भी कहा कि इस बीच मस्जिद का जीर्णोद्धार भी चल रहा है. ईरान के इस हमले में अल जरीना के अलावा 1761 में बनी मस्जिद अल-सगीर की खिड़कियां भी उड़ गईं. हालांकि सुरक्षा घेरे के कारण कोई अतिरिक्त नुकसान नहीं हुआ. हजराइली राष्ट्रपति इसहाक हज़ोर्ग ने मिसाइल हमले की निंदा करते हुए कहा, ईरान सभी धर्मों के इजराइलियों को मारने की कोशिश कर रहा है. इसमें मुसलमान भी शामिल हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इजराइल सभी धर्मों सहित सभी इसराइलियों की रक्षा करेगा. हज़ोर्ग ने कहा, यह भयावह हमला हाइफा में हुआ, जो यहूदियों, मुसलमानों, ईसाइयों, ड्रूज, सर्कसियों और बहाई लोगों के बीच सह-अस्तित्व का प्रतीक है.
इस बीच, इजराइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने शुक्रवार को कहा कि एक ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल ने दक्षिणी इजराइल में एक बच्चों के केंद्र को निशाना बनाया. बीरशेबा में कोलेल चबाड डेकेयर सेंटर पर ईरानी मिसाइलों से हमला किया गया. टाइम्स ऑफ इजराइल ने बताया कि किसी के घायल होने की खबर नहीं है. आईडीएफ ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, यह उस समय का फुटेज है जब ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल ने दक्षिणी इजराइल में बच्चों के केंद्र पर हमला किया था. जब दुनिया पूछेगी कि हम ईरान से क्यों लड़ रहे हैं, तो आपका जवाब यही होगा. रिपोर्ट के हवाले से मिली इस खबर के फुटेज के मुताबिक ईरान ने इजराइल पर अपने नवीनतम हमले में संभवत: बीरशेबा को क्लस्टर बम से निशाना बनाया. दक्षिणी शहर से प्राप्त वीडियो और तस्वीरों में शहर के कई स्थानों पर छोटे हथियारों के कई प्रभाव दिखाई दे रहे हैं, जो यह संकेत देते हैं कि हमले में क्लस्टर बम वारहेड ले जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा तनाव के बीच, आईडीएफ होम फ्रंट कमांड ने एक नए आकलन के बाद कहा कि ईरान के साथ संघर्ष के दौरान उसके दिशा-निर्देशों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. देश के अधिकांश क्षेत्रों में 30 लोगों तक के जमावड़े की अनुमति है. बशर्ते कि समय रहते आश्रय स्थल तक पहुंचा जा सके. इजराइल की सीमाओं पर बाहर 50 लोगों और अंदर 100 लोगों तक के जमावड़े की अनुमति है.
इसके अलावा राष्ट्रव्यापी स्तर पर कार्यस्थल भी उन्हीं परिस्थितियों में संचालित हो सकेंगे. स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार रात तक ये दिशा-निर्देश प्रभावी रहेंगे. इसके बाद होम फ्रंट कमांड एक और आकलन करेगा. उसके बाद नई गाइडलाइन जारी होगी. रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले दिन में, आईडीएफ चीफ ऑफ स्टॉफ लेफ्टिनेंट जनरल इयाल जमीर ने कहा कि इजराइलियों को ईरान के खिलाफ लंबे समय तक चलने वाले अभियान के लिए तैयार रहना चाहिए, ताकि इस तरह के खतरे को खत्म किया जा सके.एक वीडियो बयान में, जमीर ने कहा कि ईरान इजराइल राज्य को नष्ट करने के लिए वर्षों से एक स्पष्ट योजना बना रहा है और हाल के महीनों में, योजना उस बिंदु पर पहुंच गई है, जहां से वापसी संभव नहीं थी. जहां क्षमताएं परिचालन क्षमता तक पहुंच गई थीं.