ईद उल अजहा पर भी एहतियात करें: खालिद रशीद
लखनऊ। इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली इमाम ईदगाह लखनऊ ने कहा कि पूरे देश में 01 अगस्त को ईद उल अजहा होगी। इस मुबारक अवसर पर पहली, दूसरी और तीसरी अगस्त को कुर्बानी की जायेगी। इन तीनों दिन कुर्बानी करना कोई रस्म नही बल्कि खुदापाक की पसन्दीदा इबादत है। मौलाना फरंगी महली ने ईद उल अजहा की नमाज के सिलसिले में हिदायत देते हुए कहा कि जिस जगह 4 लोग हों तो वह ईद की नमाज जमाअत के साथ अदा करें और जहॉ 4 से कम हों तो वह हजरात 4 रकआत नफल चाश्त अदा करें। ईद की नमाज के बाद खुतबा पढऩा मसनून है। अगर खुतबा याद न हो और खुतबे की कोई किताब भी न हो तो पहले खुतबे में सूरह फातिहा और सूरह अखलासघ् और दूसरे खुतबे में दुरूद शरीफ के साथ अरबी में कोई दुआ पढ़े। ईद उल अजहा का खुतबा इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया फरंगी महल के वेब पेज पर मौजूद है। खुतबे के बाद कोविड-19 के अन्त के लिए विशेष दुआयें की जायें। मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि कोविड-19 को देखते हुए अन्तर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन के उपायों और सरकार के सुरक्षा के आदेशों और मजहबी उसूलों की रौशनी में कुर्बानी के सिलसिले में एहतियात से काम लेते हुए कुर्बानी करने वाला नया मास्क, नए ग्लवज पहनके अवजारों को पूरी तरह सैनेटाइज करें, कुर्बानी के समय एक स्थान पर 5 से अधिक लोग जमा ना हों, कुर्बानी के स्थानों पर सैनेटाइजेशन, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे आदेशों पर जरूर अमल किया जाए, उन स्थानों पर सफाई सुत्थराई का विशेष एहतिमाम किया जाए, सड़क के किनारे, गली और पब्लिक स्थानों पर जानवर न काटा जाए, जानवरों की गन्दगी रास्तों या पब्लिक स्थानों पर न फेंके बल्कि नगर निगम के कोड़ेदानों ही का प्रयोग करें, कुर्बानी के जानवरों का खून नालियों में न बहायें। एैसा करना ना पसन्दीदा है और स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। उसको कच्ची जमीन में दफन कर दें ताकि वह पौधों और पेड़ों की खाद बन सके, जानवर के गोश्त की तकसीम अच्छी तरह पैक करके की जाए, गोश्त का तिहाई हिस्सा गरीबों और जरूरत मन्दों को जरूर दिया जाए, जानवर काटते समय जानवर की फोटो या वीडियो न बनायी जाए और न उसको सोशल मीडिया पर अपलोड किया जाए, जानवर की खालें खुदा की राह में सद्का करें।