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ईंसानियत मिसाल पेस करते हुए चर्च के पादरी ने हिन्दू की लाश जलने के लिए खोल दिया कबरिस्तान

केरल के अलाप्पुझा जिले से कोरोना महामारी के बीच इंसानियत की मिसाल सामने आई है। यहां के एक कैथोलिक चर्च ने कोविड -19 से मरने वाले एक हिंदू व्यक्ति के दाह संस्कार के लिए अपने कब्रिस्तान के दरवाजे खोल दिये। चर्च के इस फैसले की राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रशंसा की है। एडथुआ के सेंट जॉर्ज चर्च के कब्रिस्तान में मंगलवार रात 86 वर्षीय के श्रीनिवास की चिता जलायी गई।
गुरुवार को मुख्यमंत्री विजयन ने चर्च के इस कदम की सराहना की। उन्होंने कहा, सेंट जॉर्ज चर्च ने अपने क़ब्रिस्तान में एक ऐसे व्यक्ति के दाह संस्कार की अनुमति दी, जो उनके कम्यूनिटी का सदस्य नहीं था। उनका यह फैसला सराहनीय है। तमिल मूल के प्रवासी श्रीनिवासन का मंगलवार सुबह निधन हो गया था। एडथुआ में कोई सार्वजनिक श्मशान नहीं है और उनका पांच सदस्यीय परिवार वर्तमान में क्वारंटाइन में है, सभी का टेस्ट पॉज़िटिव आया था। वहीं भारी बारिश के कारण उनके आवास और परिसर में पानी भर गया है। एडथुआ ग्राम पंचायत के सदस्य एम डी थॉमस ने बताया कि अस्पताल में कई मौतें हो रही हैं, हम शव को मुर्दाघर में लंबे समय तक नहीं रख सकते।
थॉमस ने कहा जब संपर्क हमने किया, तो चर्च के पैरिश पुजारी मैथ्यू चूरावाडी ने एक पल के लिए सोचा। पैरिश पदाधिकारियों के साथ एक संक्षिप्त परामर्श के बाद, फादर मैथ्यू ने मुझे बताया कि अंतिम संस्कार कब्रिस्तान में किया जा सकता
फादर मैथ्यू ने कहा कि उन्होंने इसे अपनी जिम्मेदारी समझी और ऐसा करने दिया। फादर ने कहा;यह महामारी एक कठिन समय है। संकट की घड़ी में हम सभी को जरूरतमंदों की मदद करनी है। कब्रिस्तान में एक हिंदू की चिता को अनुमति देना ईसाई प्रेम को प्रदर्शित करने का एक अवसर था, जिसका मैं प्रचार करता हूं

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