इस हफ्ते मिल भारत को सकते हैं तीन और कोरोना टीके

नई दिल्ली. भारत में जारी टीकाकरण कार्यक्रम के लिए यह हफ्ता अहम साबित हो सकता है. खबर है कि सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी वैक्सीन से जुड़ी तीन आवेदनों की समीक्षा कर सकती है. इनमें जायडस कैडिला, कोवोवैक्स , स्पूतनिक लाइट का नाम शामिल हो सकता है. अगर इन तीनों वैक्सीन उम्मीदवारों को इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेशन मिल जाता है, तो सरकार के साल के अंत तक पूरी वयस्क आबादी को टीका लगाने के लक्ष्य को रफ्तार मिल सकती है.
एक्सपर्ट कमेटी की बैठकों में इस हफ्ते कभी भी कोविड-19 रोधी वैक्सीन से जुड़ी तीन समीक्षाएं की जा सकती हैं. समीक्षा की जाने वाली सूची में सबसे पहले अहमदाबाद की जायडस कैडिला का नाम है. कंपनी ने तीन डोज वाली डीएनए वैक्सीन को EUA दिलाने के लिए 1 जुलाई को आवेदन किया था. उसके बाद से ही सरकारी पैनल कंपनी की तरफ से दाखिल किए गए ट्रायल डेटा की समीक्षा कर रही है.
कंपनी की तरफ से दिए गए तीसरे चरण के अंतरिम ट्रायल का डेटा बताता है कि वैक्सीन की प्राथमिक प्रभावकारिता 66.6% है. रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि कंपनी के आवेदन पर विचार कर रही पैनल ने कंपनी से और डेटा की मांग की है. साथ ही अभी यह भी नहीं कहा जा सकता कि अगली बैठक में वैक्सीन को मंजूरी मिलेगी या नहीं. खास बात यह है कि अगर जायडस कैडिला के उम्मीदवार को अनुमति मिलती है, तो कोवैक्सीन के बाद यह दूसरी स्वदेशी वैक्सीन होगी.
दरअसल, ZyCoV-D कोविड-19 वैक्सीन के EUA मिलना बच्चों के लिए भी काफी अहम होगा. क्योंकि 12 साल से ज्यादा उम्र के करीब एक हजार बच्चों पर टीका की जांच की जा चुकी है. ये बच्चे भारत में 50 स्थानों पर आयोजित ट्रायल के 27 हजार प्रतिभागियों में शामिल थे. रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से बताया गया, ‘अगर डेटा इस दावे का समर्थन करता है, तो बच्चों पर इस्तेमाल की जाने वाली यह पहली भारतीय वैक्सीन होगी.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भी इस महीने अमेरिकी नोवावैक्स के भारतीय वर्जन को EUA दिलाने के लिए आवेदन किया था. इस वैक्सीन का उत्पादन कोवोवैक्स नाम से होगा. सीरम के सीईओ अदार पूनावाला के मुताबिक, कंपनी ने कोवोवैक्स के क्लीनिकल ट्रायल मार्च में शुरू किए थे और पहली खेप का उत्पादन जून में शुरू हो गया था. कुछ समय पहले पूनावाला ने कहा था कि कोवोवैक्स सितंबर तक सामने आ सकती है.
रिपोर्ट के मुताबिक, सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी रूसी वैक्सीन स्पूतनिक V के सिंगल डोज यानि स्पूतनिक लाइट पर भी विचार कर सकती है. जुलाई में वैक्सीन के आवेदन पर जवाब देते हुए एक्सपर्ट पैनल ने डॉक्टर रेड्डीज लैबोरेटरी से कहा था कि वे अलग से ब्रिजिंग ट्रायल के बजाए रूस से मिले तीसरे चरण के डेटा को जमा कर दे. आगामी बैठक में डेटा की भी समीक्षा की जा सकती है.