अंतराष्ट्रीय

इस देश ने 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगो को लगवाना शुरू किया टीका का तीसरा डोज़

लंदन: कोरोना के खिलाफ जंग को ब्रिटेन निर्णायक मोड़ पर पहुंचाने की तैयारी में जुट गया है. इसके लिए 50 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज लगाने पर विचार किया जा रहा है. बोरिस जॉनसन सरकार चाहती है कि क्रिसमस से पहले संक्रमण के खतरे को पूरी तरह खत्म कर दिया जाए, इसके लिए दो रणनीतियों पर काम चल रहा है, जिसमें वैक्सीन का तीसरा डोज भी शामिल है.
इंग्लैंड के मुख्य चिकित्सा अधिकारी क्रिस व्हिट्टी की देख-रेख में दो विकल्पों पर ट्रायल चल रहा है. पहले ट्रायल में कोरोना के नए वेरिएंट से निपटने के लिए मौजूदा वैक्सीन में संशोधन किया जा रहा है. जबकि दूसरे के तहत पहले से मौजूद वैक्सीन का तीसरा डोज लगाया जा सकता है. परीक्षणों के शुरुआती निष्कर्षों से सरकार को उम्मीद है कि इन दो उपायों से नए वेरिएंट के खतरे को कम किया जा सकता है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार 50 वर्ष से अधिक आयु के साथ-साथ ऐसे लोगों को वैक्सीन को तीसरी खुराक लगाने पर विचार कर रही है, जो अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं. इन लोगों को सालाना लगाई जाने वाली फ्लू वैक्सीन के साथ ही कोरोना टीके की तीसरी खुराक लगाई जाएगी. सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा, ‘हमारे पास बूस्टर प्रोग्राम के बारे में कहने के लिए बहुत कुछ है और जल्द ही इस बारे में घोषणा की जाएगी. अब तक जो परिणाम मिले हैं, वो काफी सकारात्मक हैं’.

युवाओं को तीसरी डोज के सवाल पर मंत्री ने कहा कि सरकारी प्रयासों के चलते क्रिसमस तक कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने की उम्मीद है. ऐसे में युवाओं को तीसरी खुराक की जरूरत नहीं है. हम सबसे पहले उन्हें तीसरी डोज देंगे जिनके संक्रमण की चपेट में आने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है. बता दें की 67 मिलियन से ज्यादा आबादी वाले ब्रिटेन में अब तक 34.6 मिलियन लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है.

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